यूक्रेन के ‘वीर-जारा’: अपनी जान पर खेलकर पाकिस्तान की मारिया को बचा लाया भारत का ‘वीर’
अगर आपको फिल्मों का शौक है तो यकीनन एक मूवी आपने देखी भी होगी और याद भी होगी। वो फिल्म वीर जारा है। इसमें भारत का वीर शाहरुख खान, मुसीबत ते समय एक पाकिस्तानी लड़की जारा यानि प्रीति जिंटा की जान बचाता है। कुछ ऐसी ही कहानी यूक्रेन में भी सामने आई है।
भारत के ‘वीर’ ने यूक्रेन में इस बार एक लड़की की जान बचाई। खास बात ये है कि वो लड़की दुश्मन देश पाकिस्तान की है। इसके बाद भी भारत का बेटा उस पाकिस्तानी लड़की जान बचा लाया। इसके लिए उसने खुद की जान की परवाह तक नहीं की। आइए जानें पूरी खबर क्या है।
कीव के बंकरों में हुई मुलाकात
रूस और यूक्रेन के बीच जंग तेज होती जा रही है। रूस ने सबसे पहले कीव शहर पर हमला किया था। इससे वहां के हालात काफी बिगड़ गए थे। ऐसे में विदेशी छात्र बंकरों में पनाह लिए हुए थे। इनमें से 80 पाकिस्तानी छात्र-छात्राएं एक साथ बंकर में मौजूद थे। सभी अपनी जान बचाने के लिए यहां छिपे हुए थे। इन्हीं के बीच पाकिस्तान की जारा यानि मारिया भी थीं।
यहीं पर अंकित ने भी पनाह ली थी और वो पाकिस्तानियों के बीच इकलौता भारतीय था। यहीं पर उसकी मुलाकात पाकिस्तानी लड़की मारिया से हुई। अंकित कीव पॉलिटेक्निक इंस्टीट्यूट में यूक्रेनी लैंग्वेज सीख रहा है। इंस्टीट्यूट के पास ही हुए धमाके के बाद उसको बंकर भेजा गया था। सभी छात्र बंकर में ही छिपे हुए थे और बाहर निकलने से भी डर रहे थे।
मारिया ने साथ ले जाने की गुजारिश की
बंकर के आसपास धमाकों से मारिया काफी डर गई थी। इसके बाद अंकित ने उसका हौसला बढ़ाया। अंकित ने जब बंकर से निकलने का फैसला किया तो मारिया ने भी साथ चलने की गुजारिश की। अंकित ने उसको ले जाने से पहले उसके घरवालों से बात की और बेटी को सुरक्षित निकालने का वादा किया।
इसके बाद 28 फरवरी को दोनों साथ ही सुरक्षित स्थान के लिए निकल पड़े। मारिया अपना सामान नहीं उठा पा रही थी तो अंकित ने उसका बोझ भी उठा लिया और पांच किमी तक दोनों पैदल चले। दोनों को कीव के बुगजाला रेलवे स्टेशन से ट्रेन पकड़नी थी। दोनों कई किमी पैदल ही चलते रहे। इस दौरान अंकित ने मारिया की बहुत मदद की।
गोलियों से बचाते हुए सुरक्षित पहुंचाया
भारत के वीर अंकित ने मारिया की जिम्मेदारी अपने ऊपर ली। रेलवे स्टेशन पर भीड़ होने के बाद भी दोनों ट्रेन पकड़ने में कामयाब हो गए। इसके बाद अचानक ट्रैक पर विस्फोट हुआ तो मारिया डरी। फिर अंकित ने हिम्मत बढ़ाई। आखिरकार 1 मार्च को दोनों टर्नोपिल स्टेशन पहुंचे। तब मारिया ने चैन की सांस ली क्योंकि वहां पर पाकिस्तानी दूतावास से वो संपर्क स्थापित कर सकती थी।
यहां पर मारिया ने पाकिस्तानी दूतावास से संपर्क स्थापित किया। तब जाकर वो सुरक्षित हो सकी। इसके बाद पाक दूतावास ने दोनों को बस से रोमानिया बॉर्डर भेजा। पाक दूतावास ने अंकित की तारीफ में लिखा है कि एक भारतीय बच्चा हमारी बेटी को सुरक्षित ले आया। उसका शुक्रिया अब वो हमारा बेटा बन गया।