ऑपरेशन गंगा के तहत यूक्रेन से लौटे जावेद और अर्श, भरी आंखों से नाना ने कहा- मोदी है तो मुमकिन है
यूक्रेन-रूस जंग के बीच यूक्रेन में फंसे भारतीयों को लाने के लिए केंद्र सरकार ने ऑपरेशन गंगा चलाया है। केंद्र सरकार के चार मंत्री इसे पूरे अभियान की निगरानी कर रहे हैं। इस अभियान के तहत 6 हजार से ज्यादा भारतीय जिनमें ज्यादातर छात्र हैं भारत पहुंच चुके हैं।
विदेश मंत्रालय के अनुसार यूक्रेन की सीमा से निकलकर 18 हजार से ज्यादा छात्र यूक्रेन के पड़ोसी देशों में पहुंच चुके हैं जहां मौजूद भारतीय दूतावास के अधिकारी उनकी देखभाल कर रहे हैं और उन्हें वापस भारत भेजने की व्यवस्था कर रहे हैं। भारत लौटे इन्हीं छात्रों में जावेद आलम और अर्श मलिक जब अपने घर पहुंचे तो उनके परिजनों की आंखों से आंसू निकल आए और मोदी सरकार के लिए दुआ करने लगे।
‘मोदी है तो मुमकिन है’
उत्तराखंड में रुद्रपुर के प्रीत विहार निवासी अर्श मलिक और जावेद आलम ने गुरुवार को घर वापसी की। दिल्ली से टैक्सी में जिले के चार छात्र यहां पहुंचे। इसमें एक छात्र काशीपुर और एक हल्द्वानी का है। घर पहुंचते ही जावेद आलम और अर्श मलिक के घरवालों ने भारत सरकार की तरफ से किए गए प्रयासों का तहे दिल से धन्यवाद किया। उन्होंने भावुक होकर कहा कि मोदी हैं तो मुमकिन है।
‘भरोसा था मोदी सरकार मदद करेगी’
प्रीत विहार निवासी अर्श मलिक और जावेद आलम ने घर वापसी के बाद अपनी खुशी जाहिर करते हुए कहा कि उनको विश्वास था कि भारत सरकार मदद करने आगे आएगी। 24 फरवरी को शुरू हुए युद्ध के बाद पोलैंड बार्डर बंद होने के कारण काफी पैदल चलना पड़ा। इसमें दो दिन बर्बाद हो गए। लेकिन सुकून यह रहा कि स्लोवाकिया बार्डर में प्रवेश के बाद स्थितियां बदली नजर आईं। यहां पर भारतीय दूतावास की तरफ से रहने व खाने का जहां बेहतर प्रबंध किया गया वह काबिलेतारीफ है।
ऑपरेशन गंगा के तहत घर वापसी
बुधवार की शाम को दिल्ली जाने वाली फ्लाइट से वे निकले और गुरुवार को दोनों छात्र सुबह छह बजे दिल्ली पहुंच गए। यहां से उत्तराखंड भवन में कुछ देर आराम करने के बाद एक छात्र काशीपुर और एक हल्द्वानी निवासी छात्र को भी इनकी ही टैक्सी में बैठाकर रवाना किया गया। बीच में काशीपुर के छात्र को उसके घर छोड़ा गया। अर्श मलिक और जावेद आलम को रुद्रपुर प्रीत विहार में छोड़ने के बाद टैक्सी हल्द्वानी चौथे छात्र को छोड़ने उसके घर चली गई।
खुशी में नाना की आंखे भर आईं
प्रीत विहार निवासी जावेद आलम भी अर्श मलिक के साथ ही घर वापस आए हैं। उसके नाना हाजी बाबू अंसारी ने कहा कि बहुत ही खुशी की बात है कि उनका नाती सकुशल वापस आ गया। नाती को देख नाना की आंखें भर आईं। इसमें जितनी भी केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री मोदी की प्रशंसा की जाए वह कम है। यह तभी संभव हो सका है क्योंकि मोदी हैं तो मुमकिन है। प्रधानमंत्री ने छात्रों के घरवालों की समस्या को समझा और अपनी जिम्मेदारी निभाई।
इस मौके पर जोवद की मां जरीफा बेगम और नाना ने जावेद और अर्श के साथ आए उनके बचपन के दोस्तों गुफरान खान, उस्मान खान, खतीब और दिलशाद को मिठाई खिलाई। दोस्त बोले बचपन में साथ खेलते थे, युद्ध में फंसे होने की खबरों के बाद चिंता हो रही थी।