रूस में गूगल पे, एपल पे बंद होने से अफरातफरी के बीच मोदी की जयकार, भारत का रूपे टॉप ट्रेंड
यूक्रेन पर हमले के बाद गूगल, एपल, फेसबुक, यूट्यूब जैसे अमेरिका आधारित कई प्लेटफॉर्म ने रूस पर बैन लगा दिया जिससे वहां उसके सब ऑपरेटिंग सिस्टम बंद हो गए हैं। इन प्लेटफॉर्म से होने वाले लेनदेन खत्म होने से रूस के मेट्रो स्टेशनों और सार्वजनिक जगहों पर लंबी-लंबी लाइन लग गई है। यही नहीं रूसी सरकारी मीडिया को भी इन प्लेटफॉर्म पर नहीं दिखाया जा रहा है।
रूस में मची इस अफरातफरी के बीच सोशल मीडिया पर भारत के प्रधानमंत्री मोदी की जमकर तारीफ हो रही जिन्होंने पीएम बनने के बाद इन सभी महत्वपूर्ण नेटवर्क में लगभग आत्मनिर्भरता प्राप्त कर ली है। डिजिटल पेमेंट की आदत से लोगों ने कैश रखना छोड़ दिया है, ऐसे में पेमेंट सर्विस बंद होने से गंभीर समस्या पैदा हो गई है। भारत में अपना पेमेंट सिस्टम तैयार किए जाने को लेकर मोदी सरकार की वाहवाही हो रही है और ट्विटर पर Rupay ट्रेंड कर रहा है।
What USA has been doing all these years is to make every country dependent on their systems, monopolize and then dictate the term (like with social media in India). #UPI and #RuPay broke that trend by toppling MC and Visa, and Digital Rupee will be the final nail in their coffin.
— 🇮🇳 𝓫𝓸𝓾𝓻𝓫𝓸𝓷 🇮🇳 (@bubun_s) March 1, 2022
रूसी परेशानी ने मोदी की दूरदर्शिता को सामने लाया
ट्विटर हैंडल @bubun_s ने लिखा, ‘अमेरिका ने पिछले कुछ वर्षों में अपने सिस्टम पर हरेक देश को निर्भर बना दिया है। वो अपना एकछत्र साम्राज्य कायम करके मनमानी शर्तें मनवाता है, जैसा कि भारत में सोशल मीडिया कंपनियां कर रही हैं। यूपीआई और रूपे ने मास्टर कार्ड और विजा का दबदबा खत्म कर दिया। आरबीआई का डिजिटल रुपया इनके ताबूत में आखिरी कील साबित होगा।’ ध्यान रहे कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2022-23 का बजट पेश करते हुए ऐलान किया था कि भारत का केंद्रीय बैंक अपनी डिजिटल करेंसी लॉन्च करेगी।
– India’s
-Own GPS system
– Own RuPay card
– Own UPI system
– Own Digital currency
– Own Search engine
– India’s ‘₹’ INR exchange
– Own Satellite network
– Own Defence equipments
– OwnASAT network
– Own Defense production।
– Indian Pharma network
Got significance of #Atmanirbar pic.twitter.com/CTqYoZRqvM— Ramanathan B (@ramanathan_b) March 1, 2022
भारत का है अपना सिस्टम
@/ramanathan_b लिखते हैं, ‘भारत का अपना GPS सिस्टम, अपना Rupey कार्ड, अपना UPI सिस्टम, अपनी डिजिटल करेंसी, अपना सर्च इंजन, भारत का ‘₹’ एक्सचेंज सिस्टम, अपना सैटलाइट नेटवर्क, अपने रक्षा उपकरण, अपना ASAT नेटवर्क, अपना रक्षा उत्पादन, भारतीय फार्मा नेटवर्क… आत्मनिर्भरता के लिहाज से ये सब बहुत महत्वूपूर्ण हैं।’
👌👌
Those who used to say Govt. is undermining fair practices by promoting Rupay Card & Bhim UPI should check this out.
Visionary leadership thinks for long term strategic gains for its Citizen. https://t.co/8XOjY4WQII
— Maan (@ridin_dirty_) March 1, 2022
अमेरिकी टेक कंपनियों की गहरी चाल
ट्विटर हैंडल @ridin_dirty_ का कहना है कि अमेरिकी टेक कंपनियां अपने दबदबे का गलत इस्तेमाल करती हैं। उन्होंने लिखा, ‘बड़ी टेक कंपनियां, दुनियाभर में वीजा, मास्टरकार्ड, गूगल आदि का मनमानापन आपको हमेशा दबोचेगा क्योंकि ये सभी अमेरिकी मिलिट्री इंडस्ट्रियल कॉम्प्लेक्स के साथ खड़ा होती हैं। भारत ने अपना रूपे, यूपीआई, पेटीएम, आधार और तमाम ऐसी पहलों से शानदार काम किया है।’
Why China? Even India under Modi was far sighted to get started with Rupay and UPI. It’s unfortunate that most politicians, babus etc do not understand the vision with which PM operates, hope these events help them understand better. https://t.co/GlHtJlGkw2
— Kailasa (@astroserve) March 1, 2022
पीएम मोदी के विजन को सलाम
@astroserve कहते हैं, ‘पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत ने दूर दृष्टि अपनाते हुए रूपे और यूपीआई की व्यवस्था शुरू की। दुर्भाग्य से ज्यादातर नेता, बाबू आदि पीएम का वीजन नहीं समझ रहे। उम्मीद है यूक्रेन-रूस युद्ध से पैदा हो रही परिस्थितियां उनकी आखें खोल देंगी।’
It’s surprising how ill prepared Russia is for a country with such military might.
Their technological progress (other than military) is piss poor.
Putin has been very good administrator but poor reformer.
Even India developed govt owned UPI, RuPay, BHIM within 4 years. https://t.co/NN1Yr55sWY
— FETR (@hbfetr) March 1, 2022
पुतिन ताकतवर, लेकिन मोदी ताकतवर के साथ सुधारक भी
कुछ लोगों ने रूस को इतना ताकतवर होते हुए भी अमेरिका पर निर्भरता बनाए रखने को लेकर नाराजगी का इजहार किया है। ट्विटर हैंडल @hbfetr ने लिखा, सैन्य क्षमता की दृष्टि से इतना ताकतवर होते हुए भी रूस की तैयारी कितनी बुरी है, यह चौंकाने वाला है। सैन्य क्षेत्र को छोड़ दें तो उनका टेक्नोलॉजिकल प्रोग्रेस बहुत खराब है। पुतिन बहुत अच्छा प्रशासक हैं, लेकिन खराब सुधारक। जबकि भारत ने सिर्फ चार वर्षों में ही यूपीआई, रूपे, भीम जैसे सरकारी सिस्टम तैयार कर लिए।