मध्य प्रदेश के 5 साल के छोटे बच्चे ने बाल पुलिस आरक्षक के पद पर तैनाती लेकर इतिहास रच दिया है। इस बच्चे को नियुक्ति पत्र देते हुए जब पुलिस अधिकारी ने पूछा क्या तुम पुलिस की नौकरी करना चाहते हो तो उसने हाथ जोड़ कर पहले आभार जताया फिर अपनी तोतली बोली में कहा- हां। बच्चे का ये मासूम अंदाज देखकर वहां मौजूद लोगों का दिल भर आया, वहां मौजूद मां के तो आंसू ही छलक गए। क्या है पूरा मामला आपको आगे बताते हैं-
पिता की 2017 में मौत
2017 में पुलिस में नौकरी के दौरान पिता की हार्ट-अटैक से मौत हो जाने पर 5 साल के बच्चे को अनुकम्पा नियुक्ति मिली है। मंगलवार को विशिष्ट पुलिस अधीक्षक सुनील कुमार जैन ने अनुकम्पा नियुक्ति पत्र देकर पुलिस लाइन में पदस्थापना की है। यह मप्र पुलिस का सबसे नन्हा बाल आरक्षक बन गया है।
मां की मेहनत रंग लाई
जानकारी के अनुसार प्रधान आरक्षक चालक श्याम सिंह मरकाम निवासी कुहिया छपारा तहसील लखनादौन जिला सिवनी की 23 फरवरी 2017 को हार्ट-अटैक से मौत हो गई थी। पति की मौत के बाद पत्नी सविता मरकाम ने अपने 5 वर्षीय बेटे गजेंद्र मरकाम को पुलिस की नौकरी दिलाने की ठानी। नरसिंहपुर में पद खाली ना होने पर कटनी में पदस्थाना के निर्देश प्राप्त हुए। जिस पर मंगलवार को पुलिस अधीक्षक सुनील कुमार जैन ने आवश्यक कार्रवाई कराते हुए मां की उपस्थिति में पांच वर्ष के बालक को बाल आरक्षक के पद पर अनुकम्पा नियुक्ति का पत्र सौंपा।
पुलिस लाइन में रहेगा, पढ़ाई भी करेगा
एसपी ने बताया कि बाल आरक्षक गजेंद्र की पदस्थापना पुलिस लाइन में की गई है। बाल आरक्षक कोई काम नहीं करेगा वह मां के साथ ही पुलिस लाइन के क्वार्टर में रहकर पढ़ाई करेगा।
18 वर्ष तक आधा वेतन, फिर पूरा वेतन
जब बच्चा 18 वर्ष का हो जाएगा और शैक्षणिक योग्यता के साथ शारीरिक दक्षता प्राप्त कर लेगा उसके बाद चरित्र प्रमाणपत्र के आधार पर आरक्षक के पद पर पदस्थापना होगी। बाल आरक्षक को शर्तों के आधीन 7 वें वेतनमान 19 हजार 500 रुपये का आधा,और शासन द्वारा स्वीकृत मंहगाई भत्ता मिलेगा।
खास बात यह रही कि नियुक्तिपत्र देते समय जब एसपी ने बाल आरक्षक से पूछा की पुलिस की नौकरी करोगे, तो बालक ने हां कहा और दोनों हाथ जोड़कर नमस्ते किया, इस दौरान मां की आंखों में आंसू भी छलक आए। मां सविता मरकाम ने कहा कि अपने बेटे को पुलिस में बेहतर सेवा देने के लिए तैयार करूंगी। वह बोली मैं बच्चे को तैयार करने में किसी प्रकार की कसर नहीं रहने दूंगी। मेरा बेटा एक बड़ा होकर भी एक अच्छा पुलिस कर्मी बनेगा।