कारगिल विजय दिवस : एक बार देख लिजिए की आपकी रक्षा के लिए शहीदों ने कैसे लड़ी थी ये जंग!
नई दिल्ली – आज पूरा देश कारगिल दिवस के 18वीं वर्षगांठ पर उन शहीदों को याद कर रहा हैं, जिन्होंने देश की रक्षा के लिए अपने जान कुर्बान कर दी। आपको बता दें कि कारगिल युद्ध के दौरान भारत के 500 से भी ज्यादा सैनिक शहीद हुए थे। Kargil vijay diwas 2017.
कारगिल युद्ध में भारत ने पाकिस्तान को ऐसे चटाई थी धूल :
आज से 18 साल पहले भारतीय सेना ने 26 जुलाई 1999 को कारगिल में तिरंगा लहराया था। तभी से इस दिन को कारगिल विजय दिवस के तौर पर मनाया जाता है। साल 1999 में हुई इस जंग को ऑपरेशन विजय के नाम से जाता जाता है। इस मिशन में भारतीय सेना के करीब 500 जवान शहीद हुए थे। पाकिस्तान से जब से युद्ध हुआ उस वक्त दिल्ली में अटल बिहारी बाजपेई की सरकार थी। पाकिस्तान के साथ यह युद्ध 2 महीने तक चला था।
भारतीय सेना ने ने पाकिस्तानी सैनिकों को मार भगाया और इस लड़ाई में पाकिस्तान के करीब 3 हजार जवान मारे गए। लेकिन, पाकिस्तान हमेशा की तरह झूठ बोलते हुए माना कि उसके करीब 357 जवान ही मारे गए हैं। दरअसल, इस जंग में भारतीय वायु सेना ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। वायुसेना के लड़ाकू विमान मिराज,मिग 21 और 27 ने पाकिस्तानी सेना के होश उड़ा दिए।
ये है करगिल युद्ध की पूरी कहानी :
कारगिल युद्ध की शुरुआत तब हुई जब साल 1998-1999 की सर्दियों में पाकिस्तानी सेना एलओसी पार गई। भारतीय सेना को इस बात की जानकारी 3 मई 1999 को एक बकरी चराने वाले ने दी। सूचना मिलने के बाद 5 मई को भारतीय सेना की पेट्रोलिंग पार्टी वहां पहुंची, लेकिन पाकिस्तानी सैनिकों ने उनमें से 5 को मार डाला। सेना को 10 मई को द्रास, काकसार और मुश्कोह सेक्टर में पाकिस्तानी घुसपैठियों का पता चला। जिसके बारे में बाद में स्पष्ट हुआ कि यह पाकिस्तानी सेना है।
मई महिने में भारतीय सेना को कश्मीर घाटी से कारगिल में भेजा गया और भारतीय वायु सेना को भी इस कार्रवाई में शामिल होने का आदेश दिया गया। 27 मई को पाकिस्तान ने भारतीय वायु सेना के MiG-21 और MiG-27 को मार गिराया और फ्लाइट लेफ्टिनेंट नचिकेता को बंदी बना लिया।
ऐसे लिखी गई कारगिल विजय दिवस की कहानी :
पाकिस्तानी सेना इस वक्त तक काफी हावी लग रही थी, लेकिन 9 जून को भारतीय सेना ने आक्रामक रुख दिखाते हुए बाल्टिक क्षेत्र की 2 अग्रिम चौकियों पर और फिर 13 जून को द्रास सेक्टर में तोलोलिंग पर कब्जा कर लिया। इसके बाद सेना के जवानों ने 29 जून को टाइगर हिल के निकट दो अहम चौकियों पॉइंट 5060 और पॉइंट 5100 पर भी कब्जा कर लिया और 4 जुलाई को टाइगर हिल पर फिर से तिरंगा लहराने लगा।
5 जुलाई को जब सेना ने पाकिसातनी सेना के खदेड़कर द्रास सेक्टर पर कब्जा कर लिया तो पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने घोषणा की की वो करगिल से अपनी सेना के हटा रहे हैं। इसके बाद पाकिस्तानी सैनिक करगिल से भाग खड़े हुए। इसके बाद 14 जुलाई को भारतीय प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने करगिल युद्ध समाप्त होने की घोषणा की और तभी से पूरे देश में विजय दिवस मनाया जाने लगा।