धरती की ओर तेजी से आ रहा एफिल टॉवर से बड़ा ASTEROID, अगर बदला रास्ता तो होगी तबाही
100 साल में कभी नहीं हुआ ऐसा
हमारी धरती अंतरिक्ष में तमाम खतरों के बीच चक्कर लगा रही है। इनमें सबसे बड़ा खतरा क्षुद्रग्रह यानि एस्टिरोइड से है। ये भटके हुए ग्रहों के टुकड़े कभी भी किसी ग्रह की कक्षा में पहुंच जाते हैं या किसी ग्रह से टकरा जाते हैं। इनसे अस्तित्व और पूरी मानव सभ्यता को ही खतरा हो जाता है। पृथ्वी पर वैसे तो ये खतरा मंडराता ही रहता है लेकिन इस बार फिर एक नया खतरा सामने आया है। पृथ्वी की ओर तेजी से एक क्षुद्र ग्रह आ रहा है। ये एफिल टॉवर से भी बड़ा है जिसको लेकर अमेरिकी एजेंसी नासा के वैज्ञानिक काफी चिंतित हो गए हैं।
22 फरवरी को धरती के पास से गुजरेगा
एस्टेरॉइड का धरती से टकराने का मतलब है पूरी सभ्यता पर खतरा हो जाना, ऐसा डायनोसोर के साथ हो चुका है। उनका खात्मा भी धरती से क्षुद्र ग्रह की टक्कर के बाद हुआ था। हालांकि उसके बाद से हमारी धरती ऐसी किसी टक्कर से महफूज रही है। एक बार फिर धरती पर खतरा मंडराने लगा है। वैज्ञानिकों के मुताबिक फ्रांस के एफिल टॉवर से भी विशाल क्षुद्र ग्रह 22 फरवरी को पृथ्वी के बहुत करीब से गुजरने वाला है। इतने करीब आने की वजह से ही नासा चिंता में है।
थोड़ा भी रास्ता बदला तो आ सकती है तबाही
नासा के वैज्ञानिक इस बड़े क्षुद्रग्रह को 1999 वीएफ22-ए (1999 VF22- a Asteroid) नाम से पुकारते हैं। उनका कहना है कि ये 22 फरवरी को धरती के सबसे करीब होगा। क्षुद्रग्रह सिर्फ 53 लाख किमी दूरी से ही धरती से गुजरेगा। अमेरिकी एजेंसी नासा का कहना है कि पिछले 100 सालों में इतने करीब से कोई पिंड नहीं गुजरा है। इतना विशाल पिंड वैसे तो धरती के लिए कोई खतरा नहीं है लेकिन वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि अगर इसने अपने रास्ते में जरा सा भी बदलाव किया तो ये धरती पर तबाही लाने के लिए काफी है। इसी वजह से वैज्ञानिक एस्टेरॉइड पर लगातार नजर बनाए हुए हैं और इसे खतरा बता रहे हैं।
साल 1999 में हुई थी क्षुद्रग्रह की खोज
ये क्षुद्रग्रह साल 1999 में पहली बार वैज्ञानिकों ने खोजा था। तब से ही अमेरिकी एजेंसी नासा के वैज्ञानिकों की नजर इस पर बनी हुई है। ये एस्टेरॉइड 22 फरवरी को धरती के बहुत पास से गुजर जाएगा और इसके बाद फिर 128 साल बाद ही दोबारा धरती के करीब लौटेगा। यानि साल 2150 में अब ये दोबारा पृथ्वी के करीब आएगा। नासा के वैज्ञानिकों के अनुसार इसे बहुत बड़ा माना जा रहा है लेकिन अब तक इसके आकार के बार में सटीक जानकारी नहीं मिल सकी है।
क्षुद्रग्रह को 190 से 430 मीटर के बीच ही माना जा रहा है। तीन साल पहले वैज्ञानिकों ने इसका आकार 225 मीटर बताया था। धरती के पास से गुजरने के बाद भी ये एस्टेरॉइड आपको आंखों से नजर नहीं आएगा। इसके लिए आपको बड़ी टेलीस्कोप का सहारा लेना होगा। वैज्ञानिक फिलहाल ये ही मना रहे हैं कि ये अपने ही रास्ते पर चले और रास्ता न भटके। अगर ये अपने ही रास्ते पर चलेगा तो 22 फरवरी को धरती के करीब से गुजर भी जाएगा और आपको पता भी नहीं लगेगा।