बड़ी होकर भी गुड़िया थी लता जी, धर्मेंद्र से कहा था- मैं 71 की नहीं 17 साल की हूं धरम
दिग्गज़ और महान गायिका लता मंगेशकर जी के निधन को एक सप्ताह हो गया है. लता दीदी हिंदुस्तान, हिंदी सिनेमा और संगीत की दुनिया का एक ऐसा नाम थी जिन्हें पूरी दुनिया में पहचाना जाता था. लता जी ने हजारों गाने गाए और उनकी सुरीली, मखमली आवाज ने हर किसी को दीवाना बनाकर रखा.
लता दीदी चाहे एक गायिका थीं हालांकि हर क्षेत्र के लोग लता दीदी को पसंद करते थे. साथ ही हर उम्र वर्ग के लोगों के बीच दीदी लोकप्रिय थीं. लता दीदी ने संगीत की दुनिया में अपनी अमिट छाप छोड़ी है. उनके जैसी गायिका हिंदी सिनेमा के इतिहास में कोई दूसरी नहीं हुई और न ही कभी होगी. उन्हें इस धरा पर साक्षात मां सरस्वती का रूप माना जाता था.
भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरु से लेकर वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक के साथ लता दीदी के रिश्ते रहे. लता जी को फिल्म इंडस्ट्री के बड़े से बड़े दिग्गज़ काफी मान-सम्मान दते थे और हर कोई उनका मुरीद था. दिग्गज़ अभिनेता धर्मेंद्र भी लता जी के फैन में से एक हैं.
धर्मेंद्र के हमेशा से ही लता जी के साथ रिश्ते बेहद मधुर थे. दोनों की कई मौकों पर मुलाकातें हुई और अक्सर दोनों दिग्गज़ फोन पर भी बात कर एक दूजे का हाल चाल लिया करते थे. लता जी के निधन पर धरम जी ने भावुक ट्वीट कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की थी वहीं अब एक साक्षात्कार में फिर से धरम जी ने लता जी को याद किया है.
हाल ही में अभिनेता धर्मेन्द्र एक साक्षात्कार में शामिल हुए थे और इस दौरान उन्होंने लता जी के साथ जुड़ी अपनी बातों और किस्सों को साझा किया. अभिनेता ने बताया कि उनकी फिल्म ‘अनपढ़’ का लोकप्रिय गाना ‘आपकी नजरों ने समझा प्यार के काबिल मुझे’ लता जी ने गाया था.
इस गाने से जुड़ी यादों को साझा करते हुए धर्मेंद्र ने कहा कि, ‘लता मंगेशकर के इस गाने को गाने की बात जब उन्हें पता चली थी तो वह बेहद खुश हुए थे. मैं सोच रहा था कि किसको इस बारे में बताऊं. तो मैंने सभी को खत लिख दिए थे. मैं महबूब स्टूडियो गया था उन्हें गाना गाते देखने.’
लता दीदी के 71वें जन्मदिन का किस्सा भी सुनाया…
धर्मेंद्र ने साक्षात्कार में लता जी के 71वें जन्मदिन से जुड़ा एक किस्सा भी साझा किया. लता जी के 71वें जन्मदिन के जश्न में धरम जी भी शामिल हुए थे. तब दीदी ने अभिनेता से कहा था कि, मैं सात और एक नहीं बल्कि एक और सात, 17 हूं. धर्मेंद्र ने लता दीदी को एक गुड़िया बताते हुए कहा कि दोनों के बीच काफी प्यार और सम्मान था.
धरम जी ने पढ़ा लता जी के लिए शेर…
गौरतलब है कि कई मौकों पर धर्मेंद्र अपनी बात शेर, शायरी के माध्यम से भी रखते हैं. उन्होंने इस दौरान लता जी के लिए भी एक शेर पढ़ा. उन्होंने कहा कि, ‘लहर खुशी की आते ही चली जाती है घड़ी गम की जाते जाते जाती है’.
अगर आसमान तक आवाज जाती तो लता जी को कहता- वापस लौट आइए…
धर्मेंद्र ने आगे कहा कि, अगर आसमान तक आवाज जाती तो आवाज लगाकर लता जी को कहता कि वापस लौट आइए. बता दें कि लता मंगेशकर जी का 6 फरवरी की सुबह निधन हो गया था. 92 साल की उम्र में उन्होंने अंतिम सांस ली. वहीं शाम को मुंबई के शिवाजी पार्क में लता दीदी का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया था.