चमत्कार: 16 घंटे बाद मलबे के अंदर से मौत को हराकर निकला शख्स, हालात देखकर रो पड़े लोग
गुरुग्राम में कल हुए अपार्टमेंट हादसे में आज एक अच्छी खबर तब आई जब रेस्क्यू टीम ने 16 घंटे से अधिक समय तक की गई मशक्कत के बाद मलबे के अंदर से ब्यूरोक्रेट एके श्रीवास्तव को जिंदा बाहर निकाल लिया।
लोगों ने छोड़ दी थी उम्मीद
शाम से सुबह और फिर दोपहर हो चली थी। 16 घंटे से ज्यादा का वक्त बीत रहा था, लोगों की धड़कनें बढ़ रही थीं, परिजनों समेत देशभर के लोग प्रार्थना कर रहे थे कि गुरुग्राम की उस बिल्डिंग के मलबे में दबे लोगों की जान बच जाए।
आज दोपहर में एक जिंदगी बचाने में कामयाबी मिली तो देवदूत बनकर मिशन में जुटे एनडीआरएफ समेत बचाव दल के लोग भावुक हो गये, उनकी आंखों में आंसू आ गए। चिंटल पैराडिसो सोसाइटी की पहली मंजिल पर सात फ्लोर की छतें टूटने से भरे मलबे में फंसी जिंदगियों को बचाने का काम बिना थके जारी है।
मलबे में फसे थे एके श्रीवास्तव
गुरुग्राम सेक्टर 109 में हुए इस हादसे में पहली मंज़िल पर फंसे ए. के. श्रीवास्तव को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। एके श्रीवास्तव सेवानिवृत ब्यूरोक्रेट हैं। इससे पहले तस्वीरें आई थीं जिसमें मलबे में फंसने के बाद भी इलाज होते देखा गया था। उन्हें इलाज के लिए मैक्स अस्पताल में भेजा गया है।
हालांकि उनकी पत्नी को नहीं बचाया जा सका। डी. सी. निशांत कुमार यादव के नेतृत्व में एनडीआरएफ़, एसडीआरएफ और सिविल डिफ़ेंस की टीमों ने लगातार राहत और बचाव ऑपरेशन जारी रखा है।
दो शव निकाले गए
दोपहर बाद मलबे से एक और शव निकाला गया। इस हादसे में जान गंवाने वालों की संख्या बढ़कर दो हो गयी है। अधिकारियों ने बताया कि बीती रात एकता भारद्वाज (31) की मौत हो गई थी जबकि सुनीता श्रीवास्तव का शव शुक्रवार को निकाला गया। टीमें पहली मंज़िल पर मलबे में फंसी सुनीता को बचाने में लगी थीं पर उन्हें बचाया नहीं जा सका। इस हादसे की जांच अतिरिक्त जिलाधीश विश्राम कुमार मीणा को सौंपी गई है।
गुरुग्राम के सेक्टर 103 में आवासीय सोसायटी में एक इमारत का हिस्सा ढह गया था। बचाव अभियान देर रात से जारी है जिससे इमारत में फंसे दंपति को सुरक्षित निकाला जा सके। इमारत में पहली मंजिल पर फंसे दंपति की पहचान सेवानिवृत्त अधिकारी अरुण श्रीवास्तव और उनकी पत्नी के रूप में हुई हैं। बचाव दल उन्हें बाहर निकालने की कोशिश कर रहे थे। अरुण श्रीवास्तव को बचा लिया गया है।
मरम्मत के दौरान हादसा
डी-ब्लॉक के टावर-4 की छठी मंजिल पर मरम्मत कार्य के दौरान गुरुवार शाम छत गिर गई। अचानक सातवीं से पहली मंजिल तक की छत और फर्श नीचे आ गिरे। मतलब, सात फ्लोर की छतें टूटकर पहली मंजिल के फ्लैट पर आ गईं। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के अनुसार, दो लोगों को मृत घोषित कर दिया गया।
राजेश भारद्वाज की पत्नी एकता भारद्वाज (31) की इस घटना में मौत हो गई। उन्होंने आईपीसी की संबंधित धाराओं के तहत बजघेरा पुलिस स्टेशन में चिनटेल के प्रबंध निदेशक, डिवेलपर और निर्माण के ठेकेदार अशोक सोलमन के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करवाई है।
सोसाइटी के लोग बिल्डिंग की क्वॉलिटी पर सवाल उठा रहे हैं। उनका कहना है कि कॉलोनी के 4 रिहायशी टावर का स्ट्रक्चर ऑडिट हुआ था लेकिन उसमें यह टावर शामिल नहीं था।
इस सोसाइटी के पास कुल 530 फ्लैट हैं और 400 से ज्यादा परिवार वहां रहते हैं। पूरे दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में यह खबर लोगों की जुबान पर है क्योंकि ज्यादातर लोगों ने ऊंची इमारतों में अपना आशियाना बना रखा है। लोग अपनी-अपनी बिल्डिंग की सेफ्टी को लेकर फिक्रमंद हो रहे हैं। कुछ लोग ऑडिट कराने की भी बातें कर रहे हैं। सोशल मीडिया पिछले 24 घंटे से #Gurugram ट्रेंड कर रहा है।