शाहरुख खान ने लता जी के लिए दुआ पढ़ी, फिर फूंक मारी: फूंक मारने को लेकर उठे सवाल, मिला ये जवाब
स्वर कोकिला भारत रत्न लता मंगेशकर के अंतिम संस्कार में पीएम मोदी, सीएम उद्धव, क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर से लेकर बॉलीवुड स्टार शाहरूख खान तक शामिल हुए। सभी ने अपनी-अपनी तरह उन्हें श्रद्धांजलि दी। लेकिन शाहरुख के श्रद्धांजलि देने का तरीका सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन गया है।
शाहरुख ने इस्लामी रीति से लता दीदी के लिए दुआ पढ़ी और फिर फूंक मारी। अब इस फूंक मारने को लेकर विवाद भी शुरू हो गया। कुछ लोगों ने इसे थूकना बता दिया। इस विवाद पर मुस्लिम एक्सपर्ट ने क्या कहा आपको आगे बताते हैं-
शाहरुख ने लता जी के लिए पढ़ी दुआ
बॉलीवुड स्टार शाहरुख खान जब लता दीदी को आखिरी सलाम देने पहुंचे तो दुआ में उनके दोनों हाथ उठे। शाहरुख ने खुदा से लता दीदी की आत्मा की शांति के लिए दुआ की। दुआ पढ़कर मास्क हटाया और फूंक भी मारी। फिर लता दीदी के दीदार किए और चरणों को छूकर अपना सम्मान जाहिर किया। हाथ जोड़कर नमन भी किया। फूंक को ‘थूकना’ बताकर भी सवाल किए जा रहे हैं।
इस्लाम में है फूंक मारने की परंपरा
इस्लामिक परंपरा के मुताबिक, जब कोई दुआ की जाती है तो उसके लिए दोनों हाथों को उठाकर सीने तक लाना होता है और अल्लाह से मिन्नतें की जाती हैं। ये ठीक वैसे ही है, जैसे किसी के आगे झोली फैलाने की बात कही जाती है, उसी तरह दोनों हाथ एक साथ मिलाकर फैलाए जाते हैं और अल्लाह के सामने अपनी अर्जी लगाई जाती है।
किसी के स्वस्थ होने की दुआ, किसी की नौकरी की दुआ, या किसी आत्मा की शांति के लिए दुआ…दुआ कुछ भी हो सकती है। शाहरुख ने करीब 12 सेकंड तक दुआ की और फिर मुंह से मास्क हटाया। मास्क हटाकर वो हल्का सा झुके और लता दीदी के पार्थिव शरीर पर फूंक मारी।
फूंक मारने पर उठे सवाल
क्या इसने थूका है ❓ pic.twitter.com/RZOa2NVM5I
— Arun Yadav (@beingarun28) February 6, 2022
इस फूंक मारने को थूकना बात कर भी सवाल पूछे जा रहे हैं। ट्विटर पर बीजेपी के हरियाणा आईटी सेल के इंचार्ज अरुण यादव ने भी वीडियो शेयर करते हुए ये सवाल उठाया था।
इस्लाम के जानकारों ने क्या कहा?
इस मसले पर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली का कहना है कि आम तौर पर जब कोई बीमार होता या किसी को नजर लग जाती है तो उसकी हिफाजत के लिए, उसके ठीक होने के लिए दुआएं पढ़कर दम किया जाता है।
दुआ पढ़कर फूंक मारने को. ‘दम’ करना भी कहते हैं। दुआ में कुरान की जिस आयत को पढ़ा जाता है, उसका असर उस इंसान तक पहुंचाने का ये एक तरीका है। हालांकि, ये जरूरी नहीं है कि अगर दुआ पढ़कर फूंक मारी ही जाए तभी असर होता है, लेकिन ये भी दुआ का एक तरीका है।
एक और इस्लामिक जानकार मुफ्ती अमज़द ने बताया कि कुरान में जिक्र है कि कुछ लोग गिरह लगाकर और फूंक मारकर जादू करने का काम करते थे, जिनसे मुक्ति पाने के लिए दुआ करने और फूंक मारने का तरीका भी अपनाया गया। यानी फूंक मारने का मकसद, कुरान की आयतों के जरिए किसी की मदद करने या किसी दुख से मुक्ति पाना है।
हालांकि, दुआ पढ़ने के बाद शाहरुख ने जो फूंक मारी वो तरीका सिर्फ जिंदा इंसान के लिए अपनाया जाता है। मौलाना खालिद रशीद ने बताया कि, ”दुआ पढ़कर फूंक मारने का तरीका किसी जिंदा इंसान पर अपनाया जाता है, मरे हुए इंसान पर दम नहीं किया जाता है।” मौलाना खालिद ने ये भी कहा कि शाहरुख खान एक स्टार हैं और उन्होंने सामाजिक जिम्मेदारी निभाते हुए ऐसा किया, लिहाज़ा इसे मजहब से जोड़ना भी सही नहीं है।
आपको बता दें कि शाहरुख के साथ उनकी मैनेजर पूजा ददलानी भी लता जी को श्रद्धांजलि देने पहुंची थीं। जब शाहरुख दोनों हाथ फैलाकर लता दीदी के लिए अल्लाह से दुआ मांग रहे थे तब उनके बगल में खड़ीं पूजा दोनों हाथ जोड़कर भगवान से लता दीदी के लिए प्रार्थना कर रही थीं। तमाम लोग इस तस्वीर की भी तारीफ कर रहे हैं कि कैसे एक श्रद्धांजलि के वक्त अलग-अलग अंदाज में दो करीबी लोग नजर आ रहे हैं। इस तस्वीर को संस्कृति की खूबसूरती बताकर भी खूब शेयर किया जा रहा है।