फेसबुक पोस्ट से इस्लाम आया खतरे में, जिसके बदले मौलाना ने हिन्दू युवक की जान लेकर चुकाई…
पाकिस्तानी मौलाना के जहरीले वीडियो देखकर गुजरात में किया गया हिंदू युवक का मर्डर, एटीएस ने किया खुलासा...
अक्सर हमने बड़े- बुजुर्गों को यह कहते हुए सुना है कि, “इंसानियत से बड़ा कोई धर्म नहीं होता।” लेकिन अब जो एक घटना निकलकर सामने आई है, उसने कहीं न कहीं बड़े-बुजुर्गों की इस बात को ही गलत साबित किया है। हाँ बता दें कि गुजरात के आतंक निरोधी दस्ते (ATS) ने रविवार को पुरानी दिल्ली के दरियागंज से एक मौलवी को गिरफ्तार किया है और उस पर जो इल्जाम लगा है, उसने इंसानियत पर सवाल खड़ा किया है। बता दें कि मौलवी पर यह आरोप है कि उसने इस्लाम को लेकर सोशल मीडिया पर पोस्ट करने वाले एक 27 वर्षीय युवक की हत्या करवाई है।
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो मौलाना कमर गनी उस्मानी ने अपने दो चेलों को गुजरात के धंधुका निवासी युवक किशन भरवाड़ की हत्या के लिए उकसाया था और उन्हें पिस्तौल भी मुहैया कराई थी और अब इस मामले में एक और मौलाना मोहम्मद अयूब जावरवाला समेत कुल छह लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
इतना ही नहीं बता दें कि इस हत्याकांड के तार अब पाकिस्तान के जहरीले मौलाना खादिम रिजवी के नफरत फैलाने वाले वीडियो से भी जुड़े हैं। मालूम हो कि मौलाना खादिम रिजवी पाकिस्तान के मुस्लिम कट्टरपंथी गुट तहरीक-ए-लब्बैक का मुखिया था और साद रिजवी की नवंबर 2020 में कथित रूप से आईएसआई के इशारे पर हत्या कर दी गई थी।
वहीं बता दें कि गुजरात के धंधुका हत्याकांड के आरोपियों ने स्वीकार किया है कि वे पाकिस्तानी मौलाना के जहरीले वीडियो से भ्रमित हो गए थे। यही नहीं दिल्ली के भी दो मौलाना उन्हें ये पाकिस्तानी मौलाना के वीडियो देखने के लिए उकसा रहे थे। इतना ही नहीं गुजरात एटीएस ने एक मौलाना को दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया है और एटीएस ने कहा कि इन युवकों को अकेले ही हमला करने लिए (Lone-wolf attacks) के लिए कट्टरपंथी विचारों से भरा गया था।
वहीं जानकारी के लिए बता दें कि एक अधिकारी ने मौलाना के बारे में बताया कि उसने तहरीक-ए-फरोग-ए-इस्लामी नामक एक संस्था बना रखी है। इसके अलावा अधिकारी ने आगे कहा कि, “मौलाना कमर गनी उस्मानी अपने इसी संगठन से जुड़े एक दफ्तर से निकल रहा था, तभी उसे गिरफ्तार किया गया।” वहीं उन्होंने बताया कि , “उसने अप्रैल 2021 में सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट किया था जिसमें उसने वैसे लोगों को सबक सिखाने को लेकर काफी भड़काऊ भाषण दिया था जो कथित रूप से इस्लाम का अपमान करता हो। इसके अलावा एक अन्य भाषण में उसने कहा था कि कोई भी मुसलमान इस्लाम के खिलाफ बोलने वालों के साथ कुछ भी कर सकता है, सब जायज है।”
वहीँ अब एटीएस ने कहा है कि मौलाना के कहने पर ही शब्बीर चोपड़ा नाम के युवक ने 25 जनवरी को किशन भरवाड़ को मौत के घाट उतार दिया था। इसके अलावा अधिकारी ने बताया कि मौलाना इन दोनों के साथ संपर्क में था और शब्बीर सोशल मीडिया पर इस्लामी को फॉलो करता था। ऐसे में दोनों एक-दूसरे से कई बार मिले भी थे। वहीं एटीएस अधिकारियों ने दावा किया है कि इस्लामी ने ही चोपड़ा को पिस्टल देकर पूरी साजिश रचने में मदद की थी।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक बता दें कि किशन हिंदुवादी संगठन बजरंग दल से जुड़ा हुआ था और करीब तीन हफ्ते पहले फेसबुक पर एक पोस्ट डाला था जिसे इस्लाम के लिए अपमानजनक बताकर मुकदमा भी दर्ज करवाया गया था। उसके बाद पुलिस ने एफआईआर के आधार पर किशन को गिरफ्तार भी किया था और जब वह जमानत पर छूटकर जेल से बाहर आया, तो उसे धर्म के इन ठेकेदारों ने घात लगाकर मौत के नींद सुला दिया।
वहीं बीते दिन शुक्रवार को गुजरात के गृह मंत्री हर्ष सांघवी भी किशन के घर गए और परिजनों को सांत्वना दी। वहीं इस दौरान परिजनों ने बताया कि किशन गुजरात में तेजी से बढ़ रहे लव जिहाद, गोहत्या आदि के मामलों के खिलाफ आवाज उठा रहा था और उसकी सजा उसे मौत के नींद सुलाकर दी गई।
वहीं इस मामले में आखिरी में बता दें कि मौलाना पर पहले से यूएपीए (UAPA) के तहत मामला दर्ज है और उसका कहना है कि वो इस्लाम का अपमान करने वालों और मुसलमानों पर हो रहे जुल्म के खिलाफ आवाज उठाता है। एक मीडिया चैनल से बात करते हुए मौलाना उस्मानी ने कहा कि उसने ही यति नरसिम्हानंद सरस्वती के खिलाफ पहली एफआईआर 8 मार्च को मुंबई के मीरा रोड में दर्ज करवाई थी।