भाजपा में शामिल होने के बाद इसलिए ससुर मुलायम सिंह से मिलने गईं थी अपर्णा यादव। बताई वजह…
यूपी विधानसभा चुनाव के पहले चरण की वोटिंग की तिथि जैसे- जैसे नजदीक आते जा रही है। राजनीतिक दलों से जुड़ें लोगों की धड़कनें बढ़ती जा रही है। वहीं दावों और वादों के बीच मतदाता अपनी खमोशी बनाएं हुए है और वो 10 फरवरी का इंतज़ार कर रहें है, लेकिन इसी बीच एक नाम लगातार सुर्खियों में बना हुआ है और वो नाम कोई और नहीं बल्कि समाजवादी परिवार की बहू अपर्णा यादव का है।
गौरतलब हो कि उन्होंने जबसे समाजवादी कुनबा छोड़ा है। तभी से उनकी चर्चा देश-प्रदेश सभी जगह हो रही है और बीते दिनों जब अपर्णा यादव भाजपा का दामन थामने के बाद अपने ससुर के पांव छुए। फिर एक चर्चा यह छिड़ी कि आख़िर इस दौरान उन्होंने अपर्णा को क्या आशीर्वाद दिया होगा। वहीं अब बता दें कि अपर्णा ने इस बहस से पर्दा हटाया है और बातों ही बातों में संकेत दिया है कि आख़िर जब वो मुलायम सिंह यादव यानी अपने सुसर के पांव छुए तो क्या आशीर्वाद मिला। आइए ऐसे में जानें यह पूरी कहानी…
बता दें कि यूपी में चुनावी हलचल तेज है और कुछ दिनों पहले ही मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव समाजवादी पार्टी छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गईं थी। मालूम हो कि बीजेपी में शामिल होने के बाद से ही परिवार की पार्टी छोड़ने पर अपर्णा यादव से कई सवाल पूछे जा रहे हैं और समाजवादी पार्टी बीजेपी के निशाने पर आ गई है।
ऐसे में अब एक टीवी कार्यक्रम के दौरान अपर्णा यादव ने खुलकर अपने मन की बात कही है और उन्होंने अपने भाजपा जॉइन करने पर मुलायम सिंह यादव का क्या रिएक्शन, उसका भी जिक्र किया है। मालूम हो कि एक टीवी कार्यक्रम में शामिल होने पहुँची अपर्णा यादव से जब यह सवाल पूछा गया कि बीजेपी में शामिल होने के बाद आप नेता जी (मुलायम सिंह यादव) से मिलने गई थीं, तो उन्होंने आपको आशीर्वाद दिया लेकिन अखिलेश यादव ने कहा था कि नेताजी ने आपको रोकने की बहुत कोशिश की थी?
वहीं मालूम हो कि इस बात का जवाब देते हुए अपर्णा यादव ने कहा कि, ” मैं संस्कारों के साथ पली-बढ़ीं हूं और संस्कारवान परिवार से हूं। मेरा दायित्व है कि अगर मैं कोई अच्छा काम करके आऊं तो अपने ससुर जी का आशीर्वाद लूं, उसी क्रम में मैंने उनका आशीर्वाद लिया था, जिसकी तस्वीर आपके सामने है।”
वहीं मालूम हो कि इस दौरान अपर्णा यहीं नहीं रुकी और उन्होंने आगे कहा कि खुद नेता जी ने, मोदी जी को आशीर्वाद दिया था कि वे दोबारा प्रधानमंत्री बनें, ये सब जानते हैं। ऐसे में नेता जी स्वाभाविक रूप से मेरे फैसले से खुश हैं। वहीं गौरतलब इसके बाद जब अपर्णा यादव से पूछा गया कि, ”शिवपाल यादव जी ने कहा कि आपको परिवार के साथ रहना चाहिए, कम से कम बीजेपी में नहीं जाना चाहिए था?” फिर इस सवाल के जवाब में अपर्णा यादव ने कहा कि, ” मैं ये जानती हूं कि चाचा जी ने मुझे हमेशा प्रोत्साहन दिया है। उन्होंने ऐसा क्यों कहा है, ये आप सभी को अच्छे से पता होगा। वरना जो नसीहत मुझे दे रहे हैं, वो खुद माने होते तो अलग पार्टी ना बनाए होते।”
वहीं आख़िर में बता दें कि चुनाव से पहले यूपी बीजेपी को तगड़ा झटका उस वक्त लगा था, जब तीन मंत्री समेत करीब 13 विधायक बीजेपी छोड़कर सपा में चले गए थे। वहीं बीजेपी ने इसका जवाब घर मे ही चुनावी स्ट्राइक करके दी थी। जिसका दर्द अभी भी कहीं न कहीं सपा को है और इसके दूरगामी परिणाम क्या होते यह तो चुनाव के बाद ही पता चलेगा।