स्वर्ग में पितरों को करना चाहते हैं तृप्त तो एकादशी के दिन करें ये कार्य!
जब कोई इंसान मरता है तो उसे उसके कर्म के अनुसार स्वर्ग या नर्क में जगह दी जाती है। ऐसा माना जाता है कि जो नर्क में जाता है, उसे कई दुखों का सामना करना पड़ता है। जबकि इसके उलट स्वर्ग में जाने वाली आत्माओं को कोई कष्ट नहीं होता है। हिन्दू धर्म में एकदशी व्रत में तुलसी पूजन की परम्परा है। जो भी एकादशी का व्रत रहता है वह तुलसी और तुलसी के मंजरी से भगवान की पूजा करता है।
तुलसी से पूजने पर कट जाते हैं व्यक्ति के सभी पाप:
हिन्दू देवताओं को हीरे-जवाहरात या मोती-मणि की चाहत नहीं है, वह तुलसी से पूजे जाने पर ही बहुत ज्यादा खुश हो जाते हैं। अगर भगवान की तुलसी के पत्तों से पूजा की जाए तो उन्हें काफी प्रसन्नता मिलती है। ऐसा माना जाता है कि तुलसी मंजरी से पूजा करने पर व्यक्ति के जन्म-जन्मान्तरों के पाप कट जाते हैं। तुलसी को सौभाग्यदायक और विपत्तिनाशक कहा जाता है।
जिस घर में होता है तुलसी का पौधा वहाँ निवास करते हैं तीनों देवता:
हिन्दू धर्म शास्त्रों में जैसे गंगा को कोई साधारण नदी नहीं बल्कि एक पवित्र नहीं माना जाता है, वैसे ही तुलसी को साधारण पौधा नहीं बल्कि भगवान का साक्षात दर्शन माना जाता है। यही वजह है कि हिन्दू धर्म मानने वाले सभी व्यक्ति अपने घरों में तुलसी का पौधा लगाते हैं। ऐसा भी कहा जाता है कि जहाँ तुलसी का पौधा होता है, वहाँ ब्रह्मा, विष्णु और महेश तीनों प्रमुख देवताओं का निवास होता है।
तुलसी के स्पर्श मात्र से ही पवित्र हो जाता है व्यक्ति:
इसलिए हिन्दू धर्म में ऐसी मान्यता है कि तुलसी की पूजा करने से सभी देवताओं का फल प्राप्त हो जाता है। पदमपुराण में तुलसी की महिमा का बखान मिलता है। इसके दर्शन से ही व्यक्ति के जीवन के सभी पाप मिट जाते हैं। जो व्यक्ति तुलसी का स्पर्श कर लेता है, वह पवित्र हो जाता है। तुलसी को प्रणाम करने से रोगों का निवारण हो जाता है। प्रतिदन जल चढाने से आयु में वृद्धि होती है। तुलसी का पौधा लगाने से ईश्वर की प्राप्ति होती है।
चित्रगुप्त भी नहीं कर पाते पुण्यों की गिनती:
तुलसी दल से पूजा करने पर मोक्ष की प्राप्ति होती है। ऐसा माना जाता है कि जो व्यक्ति एकादशी के दिन मंदिर जाकर सुबह और शाम को दीपदान करता है, उसके पुण्यों की गिनती स्वयं चित्रगुप्त भी नहीं कर सकते हैं। जो व्यक्ति इस दिन भगवान श्रीकृष्ण के सामने दीपक जलाता है उसके पितरों को स्वर्ग में अमृत पान का सुख मिलता है। इस दिन गाय के घी या तिल के तेल का दीपक जलाना चाहिए। जो लोग रात्रि जागरण करते हैं, उन्हें भगवान बहुत पसंद करते हैं।