मात्र ३ मिनट में अखिलेश यादव को कन्वेंस कर टिकट ले लिया रूपाली ने, जानिये कौन है यह महिला
यूपी विधानसभा चुनाव में राजनीतिक हलचल काफ़ी तेज है। सभी दल अपने पक्ष में राजनीतिक हवा बनाने में लगें हुए हैं। वहीं इसी बीच एक नाम एकाएक सनसनी बन गया है। जी हां बता दें कि आगरा की फतेहाबाद विधानसभा से सपा प्रत्याशी घोषित होने के बाद से राजनीतिक गतिविधियां तेज हो गई हैं। सपा ने फतेहाबाद विधानसभा से रूपाली दीक्षित को अपना प्रत्याशी बनाया हैं। आइए ऐसे में जानें कौन हैं रुपाली दीक्षित?
बता दें कि रुपाली दीक्षित ने इंग्लैंड से एमबीए किया है और कई नामी कंपनी में नौकरी भी की है। जिसके बाद 2016 में उन्होंने राजनीति में कदम रखा था और रूपाली के सपा प्रत्याशी बन कर विधानसभा चुनाव में खड़े होने से इस सीट पर मुकाबला कड़ा हो गया है। वहीं जब हम बात रूपाली दीक्षित के पिता की करते हैं तो बता दें कि उनके पिता अशोक दीक्षित पर हत्या समेत कई संगीन अपराध दर्ज हैं।
वहीं जानकारी के लिए बता दें कि रूपाली ने साल 2016 में बीजेपी के साथ राजनीति में एंट्री ली थी और 2017 में उन्हें विधानसभा का टिकट नहींं मिला था। इस वजह से इस बार उन्होंने बीजेपी का साथ छोड़कर सपा का दामन थाम लिया है।
रूपाली दीक्षित ने इंग्लैंड में कार्डिफ यूनिवर्सिटी से एमबीए किया है। इसके बाद उन्होंने कई बड़ी कंपनियों में नौकरी भी की। वहीँ इसके अलावा हम रुपाली की प्रारंभिक पढ़ाई की बात करें तो उन्होंने जयपुर के भारतीय विद्या भवन आश्रम से स्कूलिंग की है और इसके बाद सिंबोसिस यूनिवर्सिटी पुणे से स्नातक पूरा किया था।
वहीं मालूम हो कि मूल रूप से फिरोजाबाद की रहने वाले रूपाली के पिता अशोक दीक्षित तीन बार फतेहाबाद विधानसभा से चुनाव लड़ चुके हैं, लेकिन उन्होंने कभी भी जीत का स्वाद नहीं चखा और इसके बाद अशोक दीक्षित को बहुचर्चित सुमन यादव हत्याकांड में आरोपी सिद्ध होने के बाद आजीवन कारावास की सजा मिली।
उसके बाद 2015 से वह जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं और इस समय बरेली सेंट्रल जेल में है। वहीं बता दें कि अब उनकी बेटी पिता का सपना पूरा करने चुनावी मैदान में कूद पड़ी है और रुपाली ने साल 2016 में दुबई की एक बड़ी कंपनी में नौकरी छोड़कर भारत आना स्वीकार किया था और तबसे वह अपने पिता की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ा रही हैं।
बता दें कि इस बार समाजवादी पार्टी ने फतेहाबाद विधानसभा से पहले राजेश कुमार शर्मा को अपना प्रत्याशी बनाया था, लेकिन करीब 36 घंटे बाद ही प्रत्याशी बदल दिया और रूपाली दीक्षित को टिकट दे दिया।
गौरतलब हो कि इस मामले पर रूपाली दीक्षित ने बताया कि, “मैंने सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को तीन मिनट में कन्वेंस किया और विधानसभा से टिकट ले ली।” इसके अलावा रुपाली का कहना है कि वो फतेहाबाद विधानसभा में व्याप्त जातिगत आंकड़ों को बदलेंगी और जीत भी दर्ज करेगी।
वहीं आख़िर में बात फ़तेहाबाद विधानसभा सीट की करें तो यहां क्षत्रिय, ब्राह्मण और निषाद का दबदबा है। ऐसे में माना जा रहा है कि फतेहाबाद विधानसभा पर इस बार मुकाबला त्रिकोणीय हो सकता है।