किन्नरों के डेरे में पुलिस को मिली नवजात बच्ची और 6 साल का लड़का, किन्नर बच्चों का क्या करते हैं
किन्नर समाज कानूनी रूप से लडका और लड़की को गोद नहीं ले सकता है
हरियाणा के जींद में किन्नर समाज पर नवजात बच्ची को बंधक बनाकर रखने का आरोप लगा है। पूरे इलाके में चर्चा थी कि किन्नर समाज ने बच्ची गोद ली है। यह खबर जब हरियाणा राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के कानों तक पहुंची तो उनके होश उड़ गए। क्या है पूरा मामला आपको आगे बताते हैं।
किन्नरों के डेरे पर पहुंची आयोग की टीम
किन्नर समाज द्वारा एक बेटी को गोद लेने की खबर के बाद बाल आयोग की चेयरपर्सन ज्योति बैंदा अपनी टीम और पुलिस बल के साथ नरवाना के डाडली खेड़ा में स्थित किन्नर रेशमा के डेरे पर पहुंची। वहां पहुंच कर आयेाग की टीम ने बच्ची को अपने संरक्षण में ले लिया। और इसके असली माता-पिता का पता लगाने के आदेश पुलिस को दे दिए गए। आगे आपको बताते हैं कि बच्ची गोद लेने पर किन्नर ने क्या सफाई दी।
किन्नर ने दी सफाई
बाल आयोग की टीम ने लगभग एक घंटे तक कि किन्नर रेशमा और डेरे के अन्य सदस्यों से पूछताछ की। रेशमा ने बताया कि उसने बच्ची को उसके माता-पिता से गोद लिया है। इस पर बाल आयोग के अधिकारी ने कहा कि किन्नर समाज कानूनी रूप से लडका और लड़की को गोद नहीं ले सकता है। जिसके बाद टीम बच्ची को अपने साथ लेकर आ गई। आगे बताएंगे कि आयोग की टीम को किन्नरों के डेरे से एक 6 साल लड़का कैसे मिला।
एक और बच्चे को छुड़ाया गया
किन्नरों के डेरे पर बाल आयोग की टीम पहुंची तो वहां उन्हें एक 6 साल का मासूम लड़का भी दिखाई दिया। बाल आयोग की टीम ने जब उससे पूछताछ की तो उसकी असलियत सामने आ गई। जिसके बाद टीम ने संबंधित अधिकारियों को इस बच्चे को उसके माता-पिता का पता लगाकर उनके पास पहुंचाने के निर्देश दिए। इस मौके पर एएसपी कुलदीप सिंह, जिला बाल संरक्षण अधिकारी सुजाता, जिला कार्यक्रम अधिकारी मीना शर्मा, बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष नरेन्द्र अत्री व सदस्य अनिल कुमार, संरक्षण अधिकारी विजय गोदारा, जन्नत सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे। आगे आपको बताएंगे कि किन्नर रेशमा ने पूछताछ के दौरान क्या बताया।
किन्नर रेशमा ने कहा धर्म बहन ने गोद दिया
आयोग की टीम को पूछताछ के दौरान रामदिया उर्फ रेशमा किन्नर ने बताया कि जिससे उन्होंने इस बच्ची को गोद लिया है, वे जानते हैं कि मेरी बेटी किन्नर की गोद में है। उसने कहा जिस मां की यह बेटी है, उसकी धर्म बहन द्वारा इस बच्ची को किन्नरों को गोद दिया गया है। अधिकारियों ने बच्ची के माता पिता को बुलाने के लिए कहा तो बताया गया कि असली माता पिता अहमदाबाद में रहते हैं।
बाल आयोग की चेयरपर्सन बेंदा ने बताया कि तथाकथित गोद ली बच्ची का गोदनामा पूर्णतया गैर कानूनी पाया गया है। मामले से सम्बन्धित सभी दस्तावेज आधे अधूरे हैं। साथ ही उन्होंने स्पष्ट किया कि मंगलामुखी समाज को किसी बच्चे को गोद लेने का अधिकार एवं प्रावधान कानून में नहीं है। फिलहाल बच्चे बाल आयोग के संरक्षण में है। पुलिस आगे की कार्रवाई में जुटी है।