योगी आदित्यनाथ का अयोध्या से चुनाव लड़ना तय: जानिए कैसे 80 बनाम 20 की रणनीति को मिलेगा फायदा
यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने पहले ही संकेत दे दिये थे कि इस बार वो विधानसभा चुनाव लड़ेंगे, लेकिन सीट को लेकर सस्पेंस बना हुआ था। गोरखपुर, मथुरा और अयोध्या का नाम सामने आ रहा था। लेकिन अब बीजेपी लीडरशिप ने तय कर लिया है कि योगी आदित्यनाथ को अयोध्या से विधानसभा चुनाव लड़ाया जाएगा।
नई दिल्ली की बैठक में बनी सहमति
नई दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी के केंद्रीय कार्यालय में दो दिन चली मैराथन बैठक में योगी की सीट पर सहमति बन चुकी है। अब केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक के बाद औपचारिक घोषणा होना बाकी है। बैठक में गृह मंत्री अमित शाह, राष्ट्रीय महामंत्री संगठन बीएल संतोष और प्रदेश चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान के साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और प्रदेश महामंत्री संगठन सुनील बंसल ने एक-एक सीट और दावेदारों के नाम पर चर्चा की।
मंगलवार को तीन चरणों में शामिल 170 सीटों पर चर्चा की गई, जबकि बुधवार को वीआइपी नेताओं को चुनाव लड़ाने की रणनीति पर भी मंथन हुआ। सूत्रों ने बताया कि नेतृत्व ने तय किया है कि सीएम योगी अयोध्या से चुनाव लड़ेंगे। इसके साथ ही अन्य बड़े नेताओं की सीटों पर भी सहमति बन गई है। संभावना है कि गुरुवार को प्रस्तावित केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की उपस्थिति में इस निर्णय पर अंतिम मुहर लगने के बाद योगी की सीट सहित अन्य प्रत्याशियों की घोषणा पार्टी की ओर से की जाएगी।
अयोध्या से यूपी और देश को साधेगी बीजेपी
भाजपा ने संघर्षपूर्ण बनते जा रहे विधानसभा चुनाव में निर्माणाधीन राम मंदिर और योगी के सहारे यूपी और दूसरे राज्यों में भी भगवा लहर चलाने की तैयारी कर ली है। अब जिस तरह से मुख्यमंत्री को अयोध्या से लड़ाए जाने का निर्णय हुआ है। उससे भाजपा ने अपनी रणनीति का स्पष्ट संकेत दे दिया है।
दरअसल, रामजन्मभूमि पर मंदिर निर्माण के साथ ही योगी सरकार अयोध्या के चहुंमुखी विकास में जुट गई। वहां अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा निर्माण सहित कई विकास परियोजनाएं चल रही हैं। यहां से हिंदुत्व के साथ ही विकास के माडल का भी उदाहरण योगी प्रस्तुत कर सकेंगे। आगे आपको बताएंगे कि किन-किन सीटों पर योगी के नाम की चर्चा चली।
पिछले कुछ दिन से मथुरा सीट पर उनके नाम की चर्चा हो रही थी, क्योंकि पार्टी के कुछ नेताओं की तरफ इस तरह की मांग उठी थी। रणनीतिक तर्क दिया जा रहा था कि योगी मथुरा से लड़ेंगे तो चुनौतीपूर्ण माने जा रहे पश्चिमी उत्तर प्रदेश में वह सीधा असर डाल सकेंगे। साथ ही उनके गृह जिले गोरखपुर से भी चुनाव लड़ने की चर्चा चली।
मगर, अब अयोध्या सीट पर योगी का नाम आगे कर बीजेपी ने तय कर लिया है कि इस बार अयोध्या से ही हिंदुत्व का समीकरण साधा जाएगा। आगे आपको बताएंगे की सीएम योगी के 80 बनाम 20 की रणनीति में अयोध्या सीट कितनी फायदेमंद साबित होगी।
80 बनाम 20 की रणनीति
पिछले दिनों सीएम योगी ने दो टूक कहा कि यह चुनाव 80 बनाम 20 प्रतिशत का है। इसका मतलब 80 प्रतिशत हिंदू बनाम 20 प्रतिशत मुस्लिम। योगी समेत पार्टी के लगभग सभी नेता चुनाव प्रचार में न सिर्फ अपनी सरकार के कार्यकाल में राम मंदिर निर्माण की बात करते हैं, बल्कि अयोध्या में कारसेवकों पर तत्कालीन सपा सरकार द्वारा चलवाई गई गोलियों की याद भी दिलाते हैं।
अब अयोध्या से योगी के चुनाव मैदान में उतरने से राम मंदिर यूपी ही नहीं चुनाव वाले बाकी राज्यों के भी केंद्र में आ सकता है। आपको बता दें कि योगी आदित्यनाथ पहली बार कोई विधानसभा चुनाव लड़ेंगे।