यूपी में टिकट के लिए पति-पत्नी आमने-सामने, दोनों BJP के बड़े नेता, तीसरा मार ना ले जाय बाजी
एक कहावत है- राजनीति जो ना कराए ! यूपी विधानसभा चुनाव में एक सीट को लेकर भी कुछ ऐसा हो गया है जो आमतौर होता नहीं। यहां एक विधानसभा सीट पर टिकट पाने के लिए पति-पत्नी में जोर आजमाइश शुरू हो गई है। ये रस्साकसी इस हद तक चल रही है कि पार्टी और नेताओं के बाद आम लोगों को भी इसका पता चल गया है।
पति-पत्नी के बीच टिकट का संघर्ष पैदा कर देने वाली ये सीट है-लखनऊ की सरोजनीनगर विधानसभा सीट। इस सीट पर स्वाति सिंह बीजेपी के टिकट पर विधायक हैं। स्वाती योगी सरकार में मंत्री भी हैं। इसके बावजूद पूरे क्षेत्र में पिछले दिनों बड़े पैमाने पर उनके पति दयाशंकर सिंह की दावेदारी वाली होर्डिंग और बैनर पोस्टर लगा दिए गए।
यही नहीं पिछले दो महीने के दौरान कई मौकों पर दयाशंकर सिंह की मौजूदगी वाले बाइक जुलूस, पैदल यात्राओं और जनसंपर्क अभियानों ने अटकलों को हवा दी। इस बीच अब खुद वो अपने आप को इस सीट से दावेदार मान रहे हैं। हालांकि मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि संगठन चुनाव लड़ाएगा तभी वो लड़ेंगे।
स्वाति सिंह के टिकट पर लगा ग्रहण
पति की इस दावेदारी से स्वाति सिंह को दोबारा टिकट मिलने पर संशय खड़ा हो गया है। पिछले विधानसभा चुनाव में उन्होंने बीजेपी के लिए सबसे मुश्किल मानी जा रही इस सीट पर जीत दर्ज की थी। इसका उन्हें पुरस्कार भी मिला। बीजेपी सरकार में उन्हें राज्यमंत्री बनाया गया। इसका फायदा सरोजनीनगर विधानसभा में हुए विकास कार्यों पर भी दिखा।
स्वाति सिंह का बयान
इस पूरे मसले पर स्वाति सिंह ने कहा- मुझे नहीं लगता कि बीजेपी का कोई कार्यकर्ता पार्टी लाइन से अलग जाते हुए कोई बयानबाजी कर सकता है। मैं बीजेपी की अनुशासित कार्यकर्ता हूं। ऐसे में किसी की भी दावेदारी को लेकर टिप्पणी नहीं कर सकती। मैं अपनी खुद की दावेदारी को लेकर कोई टिप्पणी नहीं कर सकती।
दयाशंकर सिंह का बयान
इस मसले पर दयाशंकर सिंह ने कहा – पिछले विधानसभा चुनाव में टिकट वितरण से पहले हुए विवाद में मेरा टिकट कट गया। पार्टी ने मेरी पत्नी स्वाति सिंह को मौका दिया। मेरी टीम ने चुनाव में पूरा दम लगाकर जीत हासिल की थी। इस बार भी मैं खुद को दावेदार मानता हूं। टिकट मिला तो जरूर लडूंगा। स्पष्ट करना चाहता हूं कि संगठन चाहेगा तभी लडूंगा।
दोनों हैं बीजेपी के बड़े नेता
स्वाति सिंह योगी सरकार में राज्यमंत्री का पद संभाले हुए हैं। राज्यमंत्री होने के चलते पिछले पांच वर्षों के दौरान पार्टी में स्वाति सिंह के कद में इजाफा हुआ हैं। वहीं उनके पति दयाशंकर सिंह बीजेपी की प्रदेश टीम में उपाध्यक्ष हैं। लिहाजा उनकी संगठन में पकड़ मजबूत है। बीजेपी सूत्रों के मुताबिक दयाशंकर सिंह की दावेदारी पर मुहर लगी तो परिवारवाद के मुद्दे पर स्वाति सिंह को किसी भी सीट से टिकट मिलना काफी मुश्किल हो जाएगा।
तीसरे को ना मिल जाय टिकट?
सरोजनीनगर सीट पर स्वाति सिंह और दयाशंकर सिंह के बीच टिकट को लेकर गतिरोध तेज हुआ तो यहां से किसी तीसरे को मौका दिए जाने की अटकलें हैं। यहां से पूर्व सीएम कल्याण सिंह के करीबी माने जाने वाले राजेश सिंह चौहान भी दावेदारी कर रहे हैं। वहीं, मंत्री महेंद्र सिंह को लेकर भी अटकलें हैं। पार्षद रहे चुके गोविंद पांडेय और रमाशंकर त्रिपाठी भी कतार में हैं। वहीं, 2013 में निर्दल पार्षद बनकर बीजेपी जॉइन करने वाले सौरभ सिंह मोनू भी टिकट का दावा कर रहे हैं।