इन लोगों के लिए जानलेवा बन रही है कोरोना की तीसरी लहर: दिल्ली के आंकड़े हैं परेशान करने वाले
दिल्ली में कोरोनो के मरीजों को संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। कोरोना के मरीजों के साथ-साथ अब मृतकों की संख्या भी बढ़ने लगी है। दिल्ली में पिछले लगातार 2 दिनो से 17 लोगों की मौत कोरोना की वजह से हुई है। दिल्ली में हाल में कोरोना से हुई मौंत के आंकड़े ये दिखा रहे हैं कि एक खास उम्र और हेल्थ कंडीशन वाले लोगों के लिए तीसरी लहर जानलेवा साबित हो रही है।
दिल्ली सरकार द्वारा जारी आंकड़ों से ये साफ हुआ है कि मरने वालों में से ज्यादातर लोग या तो बुजुर्ग थे या फिर को-मॉर्बिडिटी के शिकार थे। इस रिपोर्ट में ये भी पता चला है कि मरने वाले ज्यादातर लोग ICU बेड पर थे और इनमें से कुछ लोग ऐसे भी थे जिन्हें वैक्सीन की दोनों डोज लग चुकी थी। आगे आपको बताएंगे की को-मॉर्बिडिटी क्या है?
को-मॉर्बिडिटी वाले लोगों की ज्यादा मौत
दिल्ली सरकार के इन आंकड़ों पर नजर डालें तो बीते 5 दिनों में हुई 46 मौत में 34 मौत का कारण को-मॉर्बिडिटी रहा, यानि वो लोग जो पहले से किसी गंभीर बीमारी से ग्रस्त थे। ये भी जानकारी मिली है कि को-मॉर्बिडिटी वाले 21 मरीजों को अस्पताल में भर्ती करने के बाद कोरोना हुआ था और उसके बाद उनकी मौत हो गई। इसके साथ ही ये जानकारी भी दी गयी है कि जिन 46 मरीजों की मौत हुई है। उनमें से 32 मरीज ICU बेड पर भर्ती थे। हैरानी की बात ये है कि इन 46 मरीजों में से 11 मरीज ऐसे भी थे जिन्हें वैक्सीन की दोनों डोज लग चुकी थी।
बुजुर्गों को सबसे ज्यादा खतरा
जानकारी के मुताबिक 5 जनवरी से 9 जनवरी के बीच जिन 46 मरीजों की मौत हुई है, उनमें से 25 मरीजों की उम्र 60 साल से ज्यादा थी जबकि 14 मरीज ऐसे थे जिनकी उम्र 41 साल से 60 साल के बीच की थी। इस बीच इनमें से 5 मरीज ऐसे थे जिनकी उम्र 21 साल से 40 साल के बीच थी, जबकि एक मरीज की उम्र 16 से 20 के बीच थी। एक ऐसा भी मरीज था जिसकी उम्र 0 से 15 साल के बीच की थी।
सरकार के इन आंकड़ों से ये भी साफ हुआ है कि 46 में से 12 मरीज ऐसे थे जिनकी मौत अस्पताल में एडमिशन वाले दिन ही हो गयी थी। 11 मरीजों की मौत एक दिन के भीतर हुई जबकि 6 मरीज ऐसे थे जिनकी मौत एडमिशन के दो दिन बाद हुई। इस बीच 14 मरीज ऐसे थे जिनकी मौत 3 से 7 दिन के भीतर हुई और 3 मरीजों की मौत अस्पताल में भर्ती किये जाने के 1 हफ्ते के बाद हुई।