कपड़े का मास्क पहना तो 15 मिनट में हो सकते हैं ओमिक्रॉन पॉजिटिव: CDS की ये सलाह मानना जरूरी है
तेजी से फैलने वाले कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन ने दुनिया के सामने एक और चुनौती पेश कर दी है। ये चुनौती मास्क को लेकर है। नई स्टडी के मुताबिक कपड़े से बने मास्क, जो हम सभी आमतौर पर वायरस से बचने के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं, वह पूरी तरह से सुरक्षित नहीं है। वैज्ञानिकों ने कोरोना वायरस के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन से बचाव के लिए सुझाव दिया है कि अगर आफ सिंगल लेयर क्लॉथ मास्क पहन रहे हैं तो उसके साथ सर्जिकल मास्क या ज्यादा प्रभावी रेस्पिरेटर मास्क का भी इस्तेमाल करें। वैज्ञानिकों ने ऐसी सलाह क्यों दी है आपको आगे बताते हैं।
CDC ने जारी की गाइडलाइन
अमेरिका स्थित संस्था CDC (Centre for Disease Control and Prevention) की ओर से नई गाइडलाइन्स जारी की गई है। इसके अनुसार, दो साल से अधिक उम्र के सभी लोगों को जिन्हें पूरी तरह से टीका नहीं लगा है, उन्हें पब्लिक प्लेस पर मास्क जरूर पहनना चाहिए। CDC ने कहा है कि ‘कपड़े के मास्क के नीचे एक डिस्पोजेबल मास्क भी पहना जाना चाहिए ।
दोबारा इस्तेमाल किए हुए मास्क को गंदा होते ही दिन में कम से कम एक बार धोना चाहिए। अगर आपके पास डिस्पोजल फेस मास्क है, तो उसे एक बार पहनने के बाद फेंक दें। आगे आपको बताएंगे की N95 मास्क के बारे में वैज्ञानिकों ने क्या कहा?
N95 मास्क बेहतर ऑप्शन
वैज्ञानिकों के मुताबिक बचाव में N95 मास्क मददगार हो सकते हैं। यह मास्क सर्जिकल मास्क के मुकाबले ज्यादा कारगार है। ये कई लेयर वाले फिल्टर से लैस होते हैं और फिटिंग में टाइट भी होते हैं। ये मास्क 95 फीसदी तक छोटे बड़े दूषित कणों से बचाते हैं। फिट होने के कारण इनमें लीकेज की संभावना बेहद कम होती है। इस मास्क में तीन लेयर होती हैं, जो छोटे से छोटे प्रदूषण और कणों को दूर रखती हैं। आगे आपको बताएंगे कि कैसे कपड़े के मास्क पहनने से आप सिर्फ 15 मिनट में हो सकते हैं ओमिक्रॉन पॉजिटिव।
ओमिक्रॉन पर क्यों कारगर नहीं कपड़े के मास्क?
सीडीसी के अनुसार, एक असंक्रमित व्यक्ति को, बिना चेहरे को ढके किसी संक्रमित व्यक्ति के करीब आने से संक्रमित होने में केवल 15 मिनट लगते हैं। अगर दोनों कपड़े का मास्क पहने हैं, तो संक्रमित होने में 27 मिनट का समय लगता है। दोनों द्वारा पहना जाने वाला सर्जिकल मास्क 30 मिनट तक सुरक्षा प्रदान करता है। लेकिन जब दोनों ने N95 मास्क पहना है तो सुरक्षा का समय ढाई घंटे तक बढ़ जाता है।
N95 मास्क की विशेषता
हेल्थ एक्सपर्ट और द कोरोनावायरस बुक के लेखक स्वाप्रिल पारिख बताते हैं कि ‘SARS-CoV-2 वायरस जब फैलता है तब कमजोर इम्यूनिटी वाला व्यक्ति एक संक्रमित व्यक्ति द्वारा पैदा होने वाले ऐरोसोल को अंदर लेता है। ये ऐरोसॉल एक बंद जगह में तेजी से दूर तक फैल सकते हैं। हाई फिल्ट्रेशन मास्क जैसे N95 सांस लेते ही हवा से वायरस को फिल्टर कर देते हैं। ये मास्क पहनने वाले को वासरस से सांस लेने से बचाते हैं और संक्रमित व्यक्ति के आसपास दूसरों की भी रक्षा करते हैं।
जबकि कपड़े का मास्क इतनी सुरक्षा प्रदान नहीं कर पाता। वैज्ञानिकों के मुताबिक एक N95 मास्क कपड़े के मास्क से कम से कम 7 गुना ज्यादा और सर्जिकल मास्क की तुलना में 5 गुना ज्यादा प्रभावी होता है। हालांकि स्वास्थ्य विशेषज्ञ यह भी कहते हैं कि अगर आपके चेहरे पर कुछ खास तरह के बाल हैं या सांस लेने में किसी तरह की समस्या हो रही है तो N95 मास्क पहनने से परहेज करें।
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के डायरेक्टर जनरल बलराम भार्गव का कहना है कि घर पर इलाज कराने वाले एक कोविड रोगी के लिए N95 मास्क की जरूरत होती है और देखभाल करने वाले को ट्रिपल लेयर मास्क पहनना जरूरी है। ऐसे में डॉक्टर्स कपड़ों के सिंगल लेयर्ड मास्क को छोडऩे और दूसरों को संक्रमित करने से रोकने के लिए कम से कम दो या तीन लेयर वाला फेस मास्क चुनने की गुजारिश कर रहे हैं।
कपड़े का मास्क N-95 मास्क की तुलना में कम सुरक्षा जरूर प्रदान करता है। लेकिन मास्क को चुनते समय कीमत को भी ध्यान में रखना होता है। जो लोग भीड़-भाड़ वाली जगह पर नहीं जाते और सामाजिक दूरी बनाए रखते हैं, उनके लिए कपड़े का मास्क ठीक है।