छत्तीसगढ़ पुलिस से नाराज गांववालों ने मुसलमानों के बायकॉट की शपथ ली: वायरल हुआ शपथ का VIDEO
छत्तीसगढ़ में मुसलमानों के खिलाफ कुछ ग्रामीणों का शपथ लेने का एक वीडियो वायरल होने के बाद विवाद खड़ा हो गया है। छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले में मारपीट की एक घटना के बाद गांववालों ने मुस्लिम समुदाय के बहिष्कार करने की शपथ ली है। गांववालों का कहना है कि छत्तीसगढ़ पुलिस के काम करने के तरीके से नाराज होकर वो ऐसी शपथ लेने के लिए वे मजबूर हुए हैं। पूरा मामला आपको आगे बताते हैं।
जिले के पुलिस अधिकारियों ने बताया कि जानकारी मिली है कि 5 जनवरी 2022 को जिले के लुंड्रा थाना क्षेत्र के कुंदीकला गांव में लोगों ने मुस्लिम समुदाय के साथ किसी भी तरह का संबंध नहीं रखने की शपथ ली है। सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो में कई ग्रामीण एक स्थान पर शपथ लेते दिखाई दे रहे हैं। वीडियो में एक व्यक्ति उनसे शपथ लेने की बात कहता दिखाई दे रहा है, और ग्रामीण हाथ उठाकर उस शपथ को दोहरा रहे हैं। आपको आगे बताते हैं कि इस शपथ ग्रहण में लोगों ने और कौन-कौन सी चीजें नहीं करने की कसम खाई है।
मुसलमानों के खिलाफ शपथ
वीडियो में लोग यह कहते सुनाई देते हैं, ‘‘हम संकल्प लेते हैं कि आज से हम हिंदू किसी भी मुसलमान दुकानदार से किसी भी प्रकार का सामान नहीं खरीदेंगे और न ही उन्हें किसी भी तरह का सामान बेचेंगे। आज से हम किसी मुसलमान व्यक्ति को अपनी जमीन पट्टे पर नहीं देंगे या बिक्री नहीं करेंगे।
अगर किसी व्यक्ति के पास जमीन पट्टे पर है तो उसकी तत्काल वापसी कराएंगे। जो फेरीवाले हमारे गांव में आते हैं, हमारे क्षेत्र में आते हैं, गांव में उसकी जांच के बाद यदि वह हिंदू हुआ तभी उससे सामान खरीदा जाएगा, अन्यथा नहीं।” आगे आपको बताते हैं कि गांव वालों को ऐसी शपथ क्यों लेनी पड़ी?
क्यों ली गई ऐसी शपथ?
दरअसल, इस महीने की एक तारीख को पड़ोसी बलरामपुर जिले के आरा गांव के कुछ ग्रामीण नए साल का जश्न मनाने के लिए कुंदीकला गांव गए थे और इस दौरान स्थानीय लोगों के साथ उनका विवाद हो गया था। कुंदीकला गांव निवासी वीरेंद्र यादव ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी कि आरा निवासी इलियास बीडीसी, इजमाम, मोजिद, सेराज, फजल, सुहैल और कुछ अन्य लोग गांव पहुंचे तथा घर के भीतर घुसकर उसकी तथा उसकी भतीजी समेत परिवार के लोगों के साथ मारपीट करने लगे।
इस शिकायत के बाद पुलिस ने छह आरोपियों को गिरफ्तार किया था और उन्हें स्थानीय अदालत में पेश किया था, लेकिन उन्हें अदालत से जमानत पर रिहा कर दिया गया। आरोपियों के रिहा होने से गांववाले काफी नाराज हो गए और उन्होंने पुलिस का घेराव भी किया। गांववालों का कहना है कि पुलिस द्वारा कमजोर केस बनाए जाने के कारण ही आरोपी रिहा हो गये।
गांववालों के मुताबिक पीड़ित आदिवासी समुदाय से संबंध रखता है, जबकि पुलिस ने मामूली धाराओं में केस दर्ज कर मामले को कमजोर कर दिया है। उधर पुलिस का कहना है कि पूरे मामले पर कानून के अनुसार कार्रवाई की गई थी। उधर शपथ का नया वीडियो सामने आने के बाद पुलिस ने इस मामले की भी जांच शुरू कर दी है।