Happy Birth Day: 23 साल की उम्र में दिलीप कुमार से बन गए थे अल्लाह रक्खा रहमान, जानिए वजह
इंडियन म्यूजिक का परचम दुनिया में लहराने वाले बॉलीवुड के मशहूर संगीतकार ए आर रहमान का 6 जनवरी को बर्थडे आता है। हर साल की तरह इस साल भी पूरे देश से उन्हें ढेर सारी बधाईयां मिलीं। क्या आप जानते हैं कि म्यूजिक लवर्स के दिलों पर राज करने वाले और देश को ऑस्कर और ग्रैमी जैसे इंटरनेशनल अवॉर्ड से दिलाने वाले ए आर रहमान का शुरुआती जीवन बेहद स्ट्रगल वाला था।
उनके जीवन में एक वक्त ऐसा भी आया जिसमें उन्होंने अपने धर्म को बदलने फैसला ले लिया था। आखिर क्यों दिलीप कुमार अल्लाह रक्खा रहमान बन गए इसे जानने के लिए उनके जीवन के सफर पर एक नजर डालते हैं।
चेन्नई में हुआ जन्म
अपने खूबसूरत गानों से करोड़ों दिलों पर राज करने वाले दिग्गज संगीतकार ए आर रहमान का जन्म 6 जनवरी, 1967 को दक्षिण भारत के चेन्नई (तब मद्रास) के एक हिन्दू परिवार में हुआ था। उनके पिता ने उनका नाम दिलीप कुमार रखा था। उनके पिता आर के शेखर फिल्म स्कोर कंपोजर थे। महज चार साल की उम्र में ही ए आर रहमान ने पियानो सीखना शुरू कर दिया। उन्होंने स्टूडियो में कीबोर्ड बजाते हुए अपने पिता की सहायता भी की।
पिता की मौत से मुश्किल में आया परिवार
जब ए आर रहमान केवल 9 साल के थे तभी उनके पिता की मौत हो गई। पिता के म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट को किराये पर देकर उनका परिवार किसी तरह जीवन यापन कर रहा था। उस समय स्कूल में पढ़ रहे रहमान को परिवार की मदद करने के लिए काम करना पड़ा, जिसकी वजह से वो क्लास मिस करने लगे और एग्जाम में भी फेल होने लगे।
जिसके बाद स्कूल प्रिंसिपल ने उनको और उनकी मां को बुलाकर कहा कि सड़क पर जाकर भीख मांगों और अब उसे स्कूल भेजने की जरूरत नहीं है। इसका खुलासा खुद एआर रहमान ने साल 2012 में दिए एक इंटरव्यू में किया था।
ए आर रहमान को छोड़नी पड़ी पढ़ाई
पहले स्कूल से निकाले जाने के बाद ए आर रहमान ने दूसरे स्कूल में पढ़ाई की, जहां उन्होंने अपने हाई स्कूल के साथियों के साथ एक बैंड बनाया। इसके बाद मां को भरोसे में लेकर उन्होंने पढ़ाई छोड़ दी और फुल टाइम म्यूजिशियन बनने और इसी में अपना करियर बनाने का फैसला किया। रहमान बहुत शानदार कीबोर्ड प्येलर थे। वो कई सारे म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट्स बजाने में पारंगत थे। बहुत जल्द उन्होंने दूसरे कंपोजर के साथ काम करना शुरू कर दिया और इसके बाद अपनी मेहनत के दम पर आगे बढ़ते चले गए और कड़े संघर्ष के बाद सफलता का बड़ा मुकाम हासिल किया।
क्यों हिंदू से मुसलमान बने ए आर रहमान?
एक इंटरव्यू में रहमान ने बताया था कि उन्हें अपना नाम पसंद नहीं था। उनको लगता था कि यह नाम उनके इमेज से मेल नहीं खाता है। लेकिन उन्होंने खुद अपना नाम नहीं बदला था। ये काम एक ज्योतिषी ने किया। रहमान ने इंटरव्यू में बताया था कि एक ज्योतिषी ने उनका नाम रहमान रखा था। रहमान के मुताबिक उनकी मां को इस ज्योतिष पर बहुत भरोसा था।
एक दिन मां अपनी बेटी की कुंडली दिखवाने के लिए उन ज्योतिषी के पास गई थी। लेकिन ज्योतिषी उनसे बहन नहीं बल्कि दिलीप के बारे में बात करने लगे। ज्योतिषी ने कहा कि दिलीप का नाम बदल कर ‘अब्दुल रहमान’ या ‘अब्दुल रहीम’ रख दो। जिसके बाद मां ने ने दिलीप को रहमान बना दिया। हालांकि उस वक्त तक रहमान हिंदू ही थे। उनके मुसलमान बनने की कहानी इसके बाद शुरू होती है।
कादरी साहब से प्रभावित हुए रहमान
बताया जाता है कि 1984 में ए आर रहमान बहन की तबीयत बहुत ज्यादा खराब हो गई थी। वो अपनी बहन से बहुत प्यार करते थे। उसकी जान बचाने के लिए हर कोशिश कर रहे थे। उसी वक्त वे एक कादरी साहब के संपर्क में आए। बहन की तबीयत ठीक होने के बाद वे कादरी साहब से इतना प्रभावित हुए कि उन्होंने धर्म बदलने का फैसला ले लिया, और 23 साल की उम्र में पूरे परिवार के साथ इस्लाम धर्म अपना लिया और अपना नाम अल्लाह रक्खा रहमान कर लिया।
बॉलीवुड से जुड़ा एक अनोखा संयोग भी यहां दिखता है। मशहूर बॉलीवुड स्टार दिलीप कुमार का असली नाम युसूफ खान था लेकिन उन्होंने फिल्मों में आने पर अपना बदल कर दिलीप कुमार रख लिया और स्टार बन गए।
दूसरी तरफ ए आर रहमान जिनका नाम असली नाम दिलीप कुमार था उन्होंने अपना नाम बदल कर रहमान रख लिया जिसके बाद उनकी जिंदगी की परेशानी खत्म हो गई और वे स्टार म्यूजिक डायरेक्टर बन गए। लेकिन यहां एक फर्क भी है ए आर रहमान ने अपना धर्म बदल लिया था, लेकिन दिलीप कुमार ने अपना मजहब नहीं बदला था।