चार साल तक मर्सिडीज छोड़कर साईकिल से चले थे सलीम खान, सालों बाद किया वजह का खुलासा
एक समय मुश्किल से भरे गुजरे थे सलीम खान के चार साल, मर्सिडीज से साईकिल पर आ गए थे सलमान के पिता...
सलमान खान के पिता सलीम खान एक जानें-पहचानें स्क्रीन राइटर हैं और उन्होंने अपनी प्रतिभा से दर्शकों का काफ़ी दिल जीता है। मालूम हो कि उनकी लेखनी का हर कोई दीवाना है और उन्होंने ‘जंजीर’ से लेकर ‘शोले’ तक जैसी मशहूर फिल्में लिखी है। लेकिन क्या आपको पता है कि एक समय इस मशहूर स्क्रीन राइटर को मर्सिडीज छोड़ साईकिल चलानी पड़ी थी? नहीं पता तो चलिए पूरी कहानी से हम आपको रूबरू कराते हैं…
बता दें कि सलीम खान ने अपनी लेखनी के दम पर बॉलीवुड में वर्षो तक राज किया है और वो अपनी निजी जिंदगी को लेकर भी चर्चाओं में रहें हैं। मालूम हो कि उनकी लिखी कई फ़िल्मों ने जहां पर्दें पर धूम मचाया। तो उनकी कहानी ने कई नए और प्रतिभाशाली एक्टर को बॉलीवुड में पहचान दिलाई।
ऐसे में देखें तो यूं तो सलीम खान ने अपनी लेखकी से खूब सफलताएं हासिल की हैं, लेकिन उनके जीवन में एक वक्त ऐसा भी आया था जब उन्हें मर्सिडीज छोड़कर साईकिल से चलना पड़ता था। जी हां और उन्होंने इस बात का खुलासा खुद एक इंटरव्यू में किया था।
बता दें कि उक्त इंटरव्यू में सलीम खान ने बताया था कि उनके जीवन में एक वक्त ऐसा भी आया था जब उनके पास मर्सिडीज तो थी, लेकिन वो साईकिल पर आ गए थे और उन्हें चार साल तक साईकिल चलानी पड़ी थी।
वहीं मालूम हो कि उन्होंने उस दौरान इसका कारण भी बताया था और उन्होंने बताया था कि उनके करियर में एक वक्त ऐसा आया जब उनके पास काम नहीं था। इसके अलावा उन्होंने इंटरव्यू में आगे कहा कि, “उस वक्त एक स्टार ने मुझे अपने पास बुलाया था और उन्होंने मुझसे कहा कि आकर मुझसे मिलो, कुछ करते हैं आपके लिए।
मैं भी चला गया उनके पास, उनके दरवाजे पर अपनी साईकिल रख दी और उनके वॉचमैन को कह दिया कि इसे देखें। अंदर गया, वहां नाश्ता किया।”
वहीं सलीम खान ने किस्सा साझा करते हुए आगे कहा कि, “उन्होंने मेरे गले में हाथ डाला और कहा कि फिक्र मत करो। मैंने भी उनसे कहा कि मुझे कोई फिक्र नहीं है। मुझे किस्मत पर विश्वास है, जो मेरी किस्मत में होगा वो मुझे मिलकर रहेगा, कोई छीन नहीं सकता और जो नहीं है वो तो कोई भी मुझे नहीं दे सकता। मैं बाहर आया तो वह मेरे साथ-साथ बाहर भी निकले।”
इसके आगे सलीम खान ने इस बारे में बात करते हुए कहा था कि, “उन्होंने मुझसे पूछा कि तुम्हारी गाड़ी कहां गई? मैंने उन्हें बताया कि साईकिल पर आया था। अब जब इंसान खुद ही साईकिल पर आ गया है तो उसे क्या ही डराओगे। उसके बाद पैदल चलेगा। आप इसे स्वीकार कर चुके हो तो ठीक है। एक वक्त था जब मर्सिडीज थी, एक वक्त है कि साईकिल पर आ गए।”
वहीं आख़िर में यह तो आप सभी को पता है ही कि आज के समय में सलीम खान क्या मायने रखते फिल्म इंडस्ट्री के लिए और उनकी क्या हैसियत है। ऐसे में इस कहानी से एक ही बात निकलकर सामने आती है कि व्यक्ति को अपनी स्थितियों से हार नहीं मानना चाहिए और क़िस्मत में जो लिखा होगा वो जरूर मिलेगा, लेकिन कर्म पथ पर चलने के लिए सदैव तैयार रहना चाहिए।