भारत आने के 50 साल बाद पाकिस्तान गए थे सुनील दत्त, वहाँ के लोगों का उनके साथ था ऐसा रवैया
सुनील दत्त हिंदी सिनेमा के एक दिग्गज़ अभिनेता थे. एक शानदार अभिनेता होने के साथ ही वे एक चर्चित राजनेता भी रहे. कई सालों तक वे कांग्रेस में रहे और फ़िल्मी करियर के साथ ही उनका राजनीतिक करियर भी यादगार रहा. बता दें कि सुनील दत्त उन हिंदी फिल्म
अभिनेताओं में शामिल रहे हैं जिनका जन्म भारत नहीं बल्कि पाकिस्तान में हुआ था. पाकिस्तान से सुनील दत्त के तार जुड़े हुए थे.
दिग्गज़ अभिनेता सुनील दत्त का जन्म पाकिस्तान के झेलम जिला में 6 जून 1929 को हुआ था. भारत के बंटवारे के बाद सुनील दत्त का परिवार भारत में आ गया था. इसके बाद उन्होंने हिंदी सिनेमा में काम करना शुरू किया था. साल 1955 में उन्होंने बॉलीवुड में कदम रखे थे. उनकी पहली फिल्म ‘रेलवे स्टेशन’ थी. हालांकि साल 1957 में आई फिल्म ‘मदर इंडिया’ ने उन्हें बड़ी और ख़ास पहचान दिलाई थी.
पाकिस्तान के झेलम जिला के खुर्द गांव में जन्मे सुनील दत्त का भारत आने के करीब 50 सालों के बाद वापस अपने गांव आना हुआ था. यहाँ वे अपने गांव वालों का व्यवहार देखकर हैरान रह गए थे. अपने एक साक्षात्कार में सुनील दत्त साहब ने इस पर विस्तार से बातचीत की थी.
सुनील दत्त ने एक बार रेडिफ डॉट कॉम को दिए इंटरव्यू में इस पर बातचीत की थी. तब उन्होंने 50 साल बाद अपने गांव जाने के सफर को याद करते हुए कहा था कि, “मुझे हमेशा से लगता था कि पाकिस्तान के लोग बहुत ही नर्मदिल के और देखभाल करने वाले हैं.
आप हैरान रह जाएंगे यह जानकर कि जब मैं पाकिस्तान में स्थित अपने गांव पहुंचा था तो पूरे गांव वासियों ने मिलकर मेरा स्वागत किया था.”
दिवंगत अभिनेता ने आगे बताया था कि, “पहले तो मुझे लगा कि वो लोग ऐसा इसलिए कर रहे हैं क्योंकि वो मुझे जानते हैं और मैं एक एक्टर हूं. लेकिन उन्हें वाकई में एहसास था कि मैं वहीं का रहने वाला हूं. वहां के युवाओं ने मुझे बड़े-बड़े बैनर दिए थे, जिसपर लिखा था ‘खुर्द में आपका स्वागत है सुनील दत्त.”
आगे दत्त साहब ने पाकिस्तान में अपने दोस्तों से हुई मुलाकात के बारे में बात करते हुए बताया था कि, “जिन्होंने भी मेरे साथ पढ़ाई की थी, वे सभी मुझसे मिलने आए थे. मेरे भाई का नाम सोमा था, लोगों ने उसके बारे में पूछा, मेरी बहन रानी और मां कुलवंति के बारे में भी पूछा. हैरान करने वाली बात तो यह है कि 50 सालों बाद भी उन्हें मेरे परिवार के सदस्यों का नाम अच्छे से मालूम था.”
सुनील दत्त ने पाकिस्तान से जुड़े किस्से को साझा करते हुए आगे रेडिफ डॉट कॉम को दिए इंटरव्यू में बताया था कि, “अगर वे मेरे लिए ऐसा करते तो समझ में आता, क्योंकि मैं एक एक्टर हूं. लेकिन मेरा परिवार कभी भी मीडिया के सामने नहीं आया था. मेरे लिए वो पल सच में बहुत ही भावनात्मक थे.
वो मुझे अपने साथ खेतों में भी ले गए और बोले, ‘ये तेरी जमीने हैं बल्ला.’ मैंने उनसे कहा कि नहीं ये केवल आपकी हैं. तो उनका जवाब था, ‘नहीं तुम यहां आ जाओ, तुम्हें दे देंगे.”