समाजवादी इत्र का कमाल, कारोबारी पीयूष जैन के घर के तहखाने से निकल रहें रुपयों के बोरे…
इत्र कारोबारी हिरासत में, लेकिन अब तहखाने से निकल रहें नोट और सोने के बिस्कुट...
बीते दिनों जब उत्तरप्रदेश में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के छापे पड़ने शुरू हुए। तब उसे राजनीतिक रंग देने की भरपूर कोशिश की गई, लेकिन जैसे ही यह छापा समाजवादी इत्र बनाने वाले पीयूष जैन के फर्म पर पड़ा। सभी की आंखे चौंधिया गई। आंखें आश्चर्य के मारे खुली की खुली रह गईं तो वहीं विपक्षी समाजवादी पार्टी के नेताओं की जुबां पर ताला लग गया, क्योंकि समाजवादी इत्र की खुशबू कहीं न कहीं अखिलेश यादव और डिंपल यादव तक जो पहुँच रही थी।
जी हां अब इसी मामले में लगातार खुलासे होते जा रहें हैं और पैसे ऐसे निकल रहें हैं। जैसे पीयूष जैन अखिलेश यादव के कृपा पात्र व्यवसायी नहीं, बल्कि कुबेर बन बैठे हो। बता दें कि इनकम टैक्स विभाग और जीएसटी इंटेलिजेंस महानिदेशालय (डीजीजीआई) की संयुक्त टीम द्वारा पीयूष जैन के कानपुर स्थित आवास पर छापेमारी की गई। इस छापेमारी में पीयूष के आवास से अधिकारियों को करीब 177 करोड़ रुपए की अकूत धन- दौलत बरामद हुई है।
तो वहीं, अब पीयूष जैन के कन्नौज स्थिति पैतृक आवास में बने तहखाने में से भी रुपयों से भरे करीब आठ बोरे और एक गत्ते में सोने के बिस्कुट मिलने की बात कही जा रही है। मालूम हो कि बोरे में मिले रुपयों की गिनती के लिए अधिकारियों ने नोट गिनने वाली मशीने मंगवाई है। इतना ही नहीं, टीम ने पूरे दिन मकान का चप्पा-चप्पा तलाश मारा और दीवारों और कमरों की छतों पर लगी सीलिंग भी तोड़ी।
तहखाने में मिले गोल्ड और रुपए से भरे बोरे…
बता दें कि इनकम टैक्स विभाग और जीएसटी इंटेलिजेंस महानिदेशालय (डीजीजीआई) की संयुक्त टीम को पीयूष जैन के कन्नौज स्थिति पैतृक आवास में भी एक तहखाना मिला है। इससे पहले कानपुर स्थित आवास में भी टीम को तहखाना मिला था। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इस तहखाने के अंदर रुपयों से भरे आठ बोरे अधिकारियों को मिलने की बात कही जा रही है।
वहीं इतना ही नहीं, एक गत्ते में सोने के बिस्कुट भी मिले हैं और रुपयों की गिनती के लिए मशीनें मंगवाई गई है। एएनआई न्यूज़ एजेंसी की मानें तो, पीयूष जैन के कन्नौज स्थित घर से करीब 10 करोड़ रुपए की बरामदगी हो चुकी है। जिसके बाद कुल 187 करोड़ रुपए की बरामदगी पीयूष जैन के कानपुर और कन्नौज स्थित घरों से हुई है। वहीं बता दें कि डीजीजीआई के अफसरों को आशंका है कि पीयूष के घर और पास ही बने गोदाम में कई जगह ओर भी तहखाने हो सकते हैं।
गोपनीय लॉकर होने की भी जताई जा रही आशंका…
वहीं मीडिया में चल रही खबरों की मानें तो, डीजीजीआई और आईटी टीम ने पीयूष जैन की घर की दीवारों में कुछ और गोपनीय लॉकर होने की भी आशंका जताई की है। इतना ही नहीं इन्हें तलाशने के लिए लखनऊ से आर्किटेक्ट की एक टीम को बुलाया गया है। वहीं, टीम ने पूरे दिन मकान का चप्पा-चप्पा छाना और बताया जा रहा है कि दीवारों और कमरों की छतों पर लगी सीलिंग भी तोड़ी गई है।
12 कमरे खुलने अभी और बाकी…
वहीं मालूम हो कि पीयूष जैन के कन्नौज स्थित आवास से यह रकम औऱ जेवरात अभी केवल 2 कमरों से बरामद की गई है, जबकि एक दर्जन कमरे खुलने अभी भी बाकी हैं। हालांकि, इसकी अभी तक कोई अधिकारिक पुष्टि नहीं हो सकी है। फिर भी यह कहा जा रहा है कि बरामद रुपयों को गिनने के लिए अभी तक 6 मशीनें लाई गई हैं और यहां आईटी विभाग की टीम के साथ-साथ डीजीजीआई की टीम भी मौजूद है।
छापे में मिली डायरी से उजागर हो सकते हैं कई बड़े नाम…
गौरतलब हो कि छापेमारी के दौरान पीयूष जैन के घर से अधिकारियों को कुछ डायरी और बिल भी मिले है। ऐसे में बताया जा रहा है कि इनमें कई फर्मों से कच्चा माल खरीदने और बेचने का जिक्र है। इससे अब टीम इन फर्मों से संपर्क कर बिलों और डायरी में दर्ज जानकारी की तस्दीक करेगी।
वहीं कहा ये भी जा रहा है कि जांच टीम ने शहर के कुछ लोगों से भी संपर्क किया है। जिससे इत्र कारोबार से जुड़े लोगों में खलबली मची है। इसके अलावा सूत्रों की मानें तो, टीम को पीयूष के घर से एक डायरी भी मिली है और इसमें कई कारोबियों से व्यापार करने का जिक्र है।
गिरफ्तार किए जा चुके हैं पीयूष जैन…
वहीं बता दें कि पीयूष जैन मूलरूप से कन्नौज के छिपत्ती के रहने वाले हैं और वर्तमान में जूही थानाक्षेत्र के आनंदपुरी में रहते हैं। पीयूष इत्र कारोबारी है और इनकी फैक्ट्री कन्नौज की इत्र वाली गली में स्थिति हैं। वहीं से पीयूष जैन अपना कारोबार चलाते हैं। इसके अलावा कन्नौज, कानपुर के साथ मुंबई में भी इनका ऑफिस हैं।
कन्नौज स्थित फैक्ट्री से इत्र मुंबई भेजा जाता था और इस कंपनी का कार्य क्षेत्र डिंपल यादव के चुनावी क्षेत्र में आता है और मालूम हो कि इस समाजवादी इत्र की लॉन्चिंग में अखिलेश यादव भी मौजूद रहे थे।
वहीं आख़िर में बता दें कि अब तक पीयूष जैन को गिरफ्तार किया जा चुका है। लेकिन इस समाजवादी इत्र ने चुनाव से पहले ही सूबे का राजनीतिक और सामाजिक पारा बढ़ा दिया है और इस इत्र की सुगंध से अब समाजवादी चेहरों की हवाइयाँ भी कहीं न कहीं उड़ती नजऱ आ रही है।