तमिलनाडु की सरकार ने उठाया बड़ा कदम, राजीव गांधी की हत्या की दोषी को एक माह की पैरोल, जानें वजह
नई दिल्ली : पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या की आरोपी नलिनी श्रीहरन को राज्य सरकार ने एक महीने की पैरोल दी है. बीते करीब 20 सालों से नलिनी श्रीहरन जेल की हवा खा रही है. इस संबंध में जानकारी तमिलनाडु सरकार ने गुरुवार को मद्रास उच्च न्यायालय को दी थी. आपको बता दें कि नलिनी श्रीहरन भूत पूर्व पीएम राजीव गांधी हत्याकांड के दोषियों में से एक है.
बीते करीब 2 दशक से राजीव गांधी की हत्या के मामले में जेल में बंद नलिनी श्रीहरन को अब पैरोल पर छोड़ा गया है. जानकारी मिली है कि उसे एक माह की पैरोल दी गई है. पैरोल दिए जाने की वजह भी सामने आई है. बताया जा रहा है कि नलिनी को पैरोल उसकी मां की तबीयत ठीक न होने के चलते दी गई है. दरअसल, बीते कई दिनों से नलिनी की मां की तबीयत ठीक नहीं है.
मां की तबीयत ठीक न होने और मां से मिलने एवं उनका ध्यान रखने के लिए नलिनी श्रीहरन ने सरकार से पैरोल देने का अनुरोध किया था. सरकार ने नलिनी की पैरोल पर विचार किया और फिर पैरोल देने का फैसला किया. पैरोल देने की जानकारी राज्य सरकार ने गुरुवार को मद्रास उच्च न्यायालय को दी थी. इसके बाद उच्च न्यायालय ने भी आरोपी नलिनी को पैरोल की मंजूरी दे दी.
गौरतलब है कि पूर्व पीएम राजीव गांधी की 21 मई, 1991 को चेन्नई में हत्या कर दी गई थी. उनकी हत्या के मामले में नलिनी सहित उसके पति मुरुगन, सुथिनथिरा राजा उर्फ संथान, एजी पेरारीवलन, रॉबर्ट पायस, जयकुमार और रविचंद्रन आरोपी हैं. सभी आरोपी अपने किए की सजा भुगत रहे हैं.
बता दें कि जब राजीव गांधी चेन्नई में चुनाव प्रचार के लिए पहुंचे थे तब हार पहनाने के बहाने लिट्टे की महिला आतंकी धनु (तेनमोजि राजरत्नम) आगे बढ़ी और वो राजीव के पैर छूने के लिए झुकी. झुकते ही धनु ने कमर पर बंधे विस्फोटकों में ब्लास्ट कर दिया. इस हादसे में मनु और राजीव सहित 16 लोगों की घटनास्थल पर ही मौत हो गई थी. वहीं गंभीर रूप से 45 लोग घायल भी हुए थे.
तमिलनाडु सरकार ने राज्यपाल से की थी सभी आरोपियों को रिहा करने की सिफारिश…
तमिलनाडु सरकार इससे पहले राजीव गांधी हत्याकाबड़ के सभी आरोपियों को रिहा करने की सिफारिश कर चुकी है. फरवरी 2020 में तमिलनाडु सरकार ने मद्रास उच्च न्यायालय को इस संबंध में सूचना भी दी थी लेकिन मद्रास हाई कोर्ट ने राज्य सरकार की यह सिफारिश खारिज कर दी थी.