मेरठ के चोर मार्केट सोतीगंज पर लगा ताला, 10 मिनट में बाइक, 30 मिनट में कार कर देते हैं गायब
एक समय जहां बिकता था रद्दी और कोयला, वो बनी एशिया की सबसे बड़ी स्क्रैप मंडी
मेरठ (यूपी)! चोरी शब्द यूं कहें कि आज के जमाने में बहुत कॉमन सा हो गया है। तो शायद यह अतिश्योक्ति नहीं। जी हां देश के लगभग हर हिस्सों से चोरी की खबरें आएं दिन सुनने और पढ़ने को मिलती है। वहीं बीते 30-35 सालों से देश की राजधानी दिल्ली, पश्चिमी उत्तर प्रदेश सहित उत्तर भारत के बड़े इलाकों से गाड़ियां चोरी होने पर शक की सुई मेरठ शहर के सोतीगंज इलाके पर ही घूमती थी।
आप सभी ने दिल्ली के चोर बाजार के बारे में जरुर सुना होगा, लेकिन मेरठ का सोतीगंज क्यों हमेशा चर्चा में रहा। आइए आज इसकी कहानी जानते हैं।
गौरतलब हो कि इस बाजार को चोरी की गाड़ियों और स्पेयर पार्ट्स का गढ़ माना जाता रहा है। इतना ही नहीं यहां कबाड़ के ऐसे-ऐसे कारीगर बैठे हैं, जो चुटकी बजाते ही दोपहिया और चारपहिया गाड़ियों का पुर्जा-पुर्जा अलग करके छू मंतर हो जाते हैं। वहीं अब इस बाजार पर ताला लग गया है। सैकड़ों दुकानों को वाहन कटान, जीएसटी की चोरी, चोरी के पार्ट्स बेचने के लिए नोटिस भी भेजा जा चुका है।
बता दें कि मेरठ के सोतीगंज को गाड़ियों के ‘कमेले’ के नाम से जाना जाता है। अब आप सोच में पड़े कि कमेला क्या होता तो बता दें कि, ‘कमेला’ वह स्थान होता है, जहां मांस के लिए जानवरों को काटा जाता है। सोतीगंज में उसी तरह चोरी की गाड़ियों के पुर्जे-पुर्जे अलग कर दिए जाते हैं। सोतीगंज के बाजार में होने वाला काम किसी से भी छिपा नहीं है। पुलिस, प्रशासन से लेकर सरकार तक को यहां की गाड़ियों के मार्केट की सच्चाई पता है।
वहीं कहा तो यह भी जाता है कि यहां प्रतिदिन सैकड़ों चोरी की गाड़ियों को काटकर कबाड़ बनाकर बेचा जाता था। पिछले कुछ समय से पुलिस ने इस मार्केट के खिलाफ सख्त रवैया अपनाया हुआ है। वाहन कटान को लेकर सोतीगंज की 100 से ज्यादा दुकानों पर 91 सीआरपीसी के तहत नोटिस चिपकाया गया। इतना ही नहीं नोटिस का जवाब देने तक दुकानें बंद कर दी गई हैं। जीएसटी की चोरी और चोरी के स्पेयर पार्ट्स बेचने के लिए कार्यवाही की गई। किंग कारोबारी हाजी गल्ला की करोड़ों की संपत्ति कुर्क कर गिरफ्तार किया जा चुका है।
कभी रद्दी, कोयला, चारा बिका करता था…
बता दें कि मेरठ सदर थाना इलाके का सोतीगंज बाजार हमेशा से चोरी की गाड़ियों के लिए फेमस नहीं था। काफी साल पहले यहां 1960 के दौर में रद्दी, कोयला, पशुओं का चारा बिका करता था। सन् 1980 के बाद से दौर बदलना शुरू हुआ और यहाँ फिर चोरी की गाड़ियों के पार्ट्स का गढ़ बन गया।
वहीं जानकारी के लिए बता दें कि धीरे- धीरे यहां दुकानें बढ़ती गई। पहले यहां चार दुकानें खुली थीं। फिर क्या, घरों के अंदर दुकानें और गोदाम खुलते गए और कुछ ही सालों में सोतीगंज बाजार चोरी की गाड़ियों के पार्ट्स की बिक्री और नई गाड़ी तैयार कर उन्हें बेचने का गढ़ बनता गया।
सोतीगंज है एशिया की सबसे बड़ी स्क्रैप मार्केट…
वहीं बता दें कि सुबह 9 बजे से लेकर शाम 6 बजे तक खुलने वाले सोतीगंज में सभी गाड़ियों के ऑटो पार्ट्स मिल जाएंगे। दोपहिया हो या चारपहिया, यहां चोरी, पुरानी और ऐक्सिडेंट में खराब हुई गाड़ियां आती है औऱ यह सोतीगंज मार्केट एशिया की सबसे बड़ी स्क्रैप मार्केट भी है।
सोतीगंज में मिल जाएगी वर्ल्ड वॉर के दौर की गाड़ियों के पार्ट्स…
बता दें कि सोतीगंज मार्केट में आज के दौर की गाड़ियों के हिस्से तो मिलते ही हैं। इसके अलावा यहां दूसरे विश्व युद्ध के दौर की विंटेज जीप के टायर, 45 साल पहले की ऐंबेसडर कार का ब्रेक पिस्टन और 1960 की बनी महिंद्रा जीप क्लासिक का गेयर बॉक्स तक मिल जाया करता था। इतना ही नहीं सोतीगंज में 37 बड़े कारोबारी पुलिस की रडार पर हैं, जिनकी संपत्ति 10 अरब रुपये तक की आंकी गई है। कई पर गैंगस्टर एक्ट लगा हुआ है। वहीं यहां छोड़ी-बड़ी कुल मिलाकर करीब 350 दुकानें हैं। लेकिन जीएसटी रजिस्ट्रेशन केवल 47 का ही हुआ है।
करोड़ो रूपये का है यहां का कारोबार…
बता दें कि सोतीगंज मार्केट में सालाना व्यापार करीब 500 करोड़ रुपये से ऊपर का माना जाता है। यहां का किंग कबाड़ी कहा जाने वाला हाजी नईम उर्फ हाजी गल्ला गिरफ्तार हो चुका है। हाजी इकबाल, हाजी आफताब, मुस्ताक, मन्नू उर्फ मईनुद़्दीन, हाजी मोहसिन, सलमान उर्फ शेर, राहुल काला, सलाउद्दीन आदि कबाड़ी प्रमुख हैं। इनके खिलाफ गाड़ी चोरी से लेकर अवैध कारोबार तक का आरोप है।