शहीद सतपाल की तरह बहादुर है बेटा, पिता की तरह दे रहा आर्मी में सेवा, बीवी बोली- उन पर गर्व है..
CDS बिपिन रावत की सुरक्षा मै तैनात थे सतपाल राय, बेटा पिता की बहदुरी देख आर्मी में हुआ भर्ती
CDS बिपिन रावत (CDS Bipin Rawat) के साथ हेलिकॉप्टर दुर्घटना में जान गंवाने जवानों में हवलदार सतपाल राय (Satpal Rai) भी शामिल थे। रविवार 12 दिसंबर उनका पूर्ण सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। सतपाल CDS बिपिन रावत (CDS Bipin Rawat) की सुरक्षा में तैनात 10 सैनिकों में से एक थे।
शहीद सतपाल के शव को देख नम हुई आंखें
हेलिकॉप्टर क्रेश में कुछ शव इतनी बुरी तरह से जल गए थे कि उनकी पहचान के लिए DNA टेस्ट कराना पड़ा। शहीद सतपाल के शव की पहचान के लिए भी शनिवार को दिल्ली सेना के अस्पताल में DNA टेस्ट हुआ। 8 दिसंबर को हवलदार सतपाल राय का पार्थिव शरीर उनके पैतृक स्थल पश्चिम बंगाल के तकदाह पहुंचा था। उनके शव को देख परिवार की आंखें नम थी।
बेटा चल रहा शहीद पिता के कदमों पर
शहीद सतपाल (Satpal Rai) राय के 22 वर्षीय बेटे बिकल राय (Bikal Rai)बताते हैं कि “मेरी पिताजी से आखिरी बाट तब हुई थी जब वह हेलिकॉप्टर में सवार थे। तब मैंने सोचा नहीं था कि ये उनसे अंतिम बात होगी।”
बिकल भी अपने बहादुर पिता के पदचिह्नों का अनुसरण करने हुए 5/11 गोरखा राइफल्स (5/11 Gorkha Rifles) के अंतर्गत भारतीय सेना में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। दिलचस्प बात ये है कि उनके पिता सतपाल भी इसी में 21 साल तक अपनी सेवाएं देते रहे।
पिता की तरह बहादुर है बेटा
बिकल राय वर्तमान में दिल्ली में तैनात हैं। उनके पिता भी दिल्ली में करीब 15 मिनट की ड्राइव दूरी पर रहते थे। हालांकि दोनों बाप बेटे अपने काम को लेकर इतने कमिटेड थे कि उनकी आपस में मुलाकात कम ही हो पाती थी।
उनके लिए काम और देश की सेवा की प्राथमिकता थी। दोनों की अंतिम मुलाकात 3 दिसंबर को हुई थी। बिकल अपने पिता की तरह बहादुर है। उसने कहा कि वह भी अपने पिता की तरह देश की सेवा करेगा।
पत्नी बोली- शहादत पर गर्व है
सतपाल की शहादत पर उनकी पत्नी मंदिरा भी भावुक हो गई। उन्होंने बताया कि बेटे का कहना था कि “वह अपने पिता के शव के आने का इंतजार करेगा, फिर चाहे कितनी भी देर हो जाए।” दरअसल सतपाल का शव पहचान हेतु डीएनए टेस्ट के लिए गया हुआ था। यह DNA सैम्पल सतपाल की 68 वर्षीय मां 68 वर्षीय संतू माया और 16 वर्षीय बेटी मुस्कान से लिए गए थे।
सतपाल की पत्नी मंदिरा ने कहा कि ” हकीकत से रूबरू होना कठिन है। लेकिन हमे गर्व है कि उन्होंने (सतपाल) राष्ट्र की सेवा करते हुए अपने प्राणों की आहूति दी। दिल भले इस नुकसान को स्वीकार न करें, लेकिन वे भाग्यशाली हैं।”
श्रद्धांजलि देने बड़ी संख्या में आए लोग
सतपाल राय को श्रद्धांजलि देने काफी लोग आए थे। इसमें भाजपा सांसद भाजपा सांसद राजू बिष्ट भी शामिल थे। उन्होंने कहा कि “मेरी मुलाकात सतपाल के बहादुर बेटे से हुई। मेरे लिए ये गौरव की बात है।”
बहादुर सतपाल राय को श्रद्धांजलि देने दूर-दूर से आए लोगों ने कहा कि सतपाल ने दार्जिलिंग और गोरखा लोगों का सिर गर्व से ऊंचा किया है। देश की सेवा करना सबसे बड़ा काम होता है। बताते चलें कि सतपाल का गांव तकदाह दार्जिंलिंग शहर से 25 किमी दूर है।