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31 दिसम्बर को पिताजी को बर्थडे सरप्राइज देना चाहते थे कैप्टन पृथ्वी सिंह। लेकिन…

बेटे के शहादत का गम, मां बार-बार पुकारे वापस आ जा मेरे लाल! जानिए पृथ्वी सिंह के परिजनों का हाल...

तमिलनाडु के कुन्नूर में वायुसेना के एमआई-17 (MI-17) हेलिकॉप्टर के क्रैश होने की वजह से चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत समेत कुल 13 लोगों का निधन बीते दिनों हो गया। जी हां जिस हेलिकॉप्टर क्रैश होने की वजह से यह हादसा हुआ, उसे आगरा के रहने वाले वायुसेना के विंग कमांडर पृथ्‍वी सिंह चौहान उड़ा रहे थे। ऐसे में अब पूरा देश शोक में डूबा है। लेकिन आगरावासियों का दुख भी काफ़ी गहरा है।

Prithvi Singh

गौरतलब हो कि हेलिकॉप्टर हादसे में शहीद सीडीएस बिपिन रावत के साथ आगरा के लाल पृथ्‍वी सिंह चौहान भी शहीद हुए हैं और पृथ्‍वी सिंह इसी हेलिकॉप्टर के पायलट थे। वहीं हेलिकॉप्टर के क्रैश करने की खबर के बाद से ही आगरा स्थित उनके घर पर रिश्‍तेदार और नातेदारों का जमावड़ा लगा हुआ और लोग परिजनों को ढांढस बंधा रहें हैं। लेकिन फिर भी विंग कमांडर पृथ्वी सिंह चौहान के घरवालों का रो-रोकर बुरा हाल है। गुरुवार को उनकी मां सुशीला सिंह रो-रोकर बेसुध हो रही थीं।

रिश्तेदार उन्हें संभाल रहे थे। लेकिन उन्हें जब भी होश आता तो एक ही बात बोलतीं, ओ मेरे लाल… ओ मेरे बच्चे, वापस आजा! वह इसी स्थिति में कभी अपने बेड पर लेट जातीं तो कभी अचानक से बैठ जाती थीं और उनकी यह हालत देख कर अन्य महिलाओं के आंसू भी नहीं थम रहे थे।

Prithvi Singh

गौरतलब हो कि विंग कमांडर पृथ्वी सिंह 31 दिसंबर को आगरा स्थित अपने घर आने वाले थे और उन्हें पिता को जन्मदिन के अवसर पर सरप्राइज भी देना था। लेकिन नियति को कुछ और मंजूर था। जी हां उन्होंने परिजनों से यह बात साझा भी की थी, लेकिन पिता को बताने से मना कर दिया था।

वहीं जब बृहस्पतिवार सुबह उनकी यह जानकारी पिता को हुई, तो वह बार-बार यही कह रहे थे कि ऐसा सरप्राइज क्यों दे गया मेरा बेटा? वहीं शहीद के रिश्तेदार पुष्पेंद्र सिंह ने बताया कि पार्थिव शव घर आने के बाद शुक्रवार को पोइया घाट पर अंतिम संस्कार किया जाएगा।

Prithvi Singh

बता दें कि शहीद विंग कमांडर पृथ्वी सिंह की मां के आंसू अभी भी नहीं थम रहे हैं और गुरुवार को वह बार-बार अपने बेटे को वापस आने की आवाजें लगा रही थीं। ऐसे में इस हृदय विदारक दृश्य को देख कर लोगों की आंखें भी भर आती थीं।

Prithvi Singh

मालूम हो कि पृथ्वी सिंह के पिता सुरेंद्र सिंह मूलरूप से अलवर के रहने वाले थे और साल 1960 में आगरा में आकर बसे और बीटा ब्रेड का कारोबार शुरू किया। वहीं वे भी गुमसुम से कमरे में बिछे सोफे पर बैठे हुए थे। जब कोई मिलने आता, सवाल पूछता तो उससे बात कर लेते थे और मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक देर शाम तक यही सिलसिला चलता रहा।

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इसके अलावा विंग कमांडर के ममेरे भाई पुष्पेंद्र सिंह की मानें तो उन्होंने कहा कि 31 दिसंबर को उनका आगरा आने का कार्यक्रम निर्धारित था। 31 दिसंबर को ही उनके पिता सुरेंद्र सिंह चौहान का जन्मदिन है और सरप्राइज पार्टी की तैयारी भी की जा रही थी, लेकिन पृथ्वी ने मना किया था कि पिता को न बताएं कि वे आ रहे हैं लेकिन विधि को कुछ और ही मंजूर था और काल के क्रूर हाथों ने उन्हें हमसे छीन लिया।

चार बहनों के बीच इकलौते भाई थे पृथ्वी…

Prithvi Singh

बता दें कि विंग कमांडर पृथ्‍वी सिंह चौहान का घर न्‍यू-आगरा इलाके में पड़ता है, जहां खबर फैलने के बाद धीरे-धीरे उनके घर पर भीड़ जुटने लगी। हादसे के बाद आगरा के ACM कृष्णानंद तिवारी और पुलिस अधिकारी भी विंग कमांडर के घर पहुंचे और पृथ्वी की बहन ने बिलखते हुए बताया कि वो हम 4 बहनों का इकलौता भाई था और चारों की जान उसमें बसती थी लेकिन अब वह हमें छोड़कर चला गया है।

एक जांबाज पायलट थे पृथ्‍वी सिंह…

Prithvi Singh

वहीं बात पृथ्‍वी सिंह चौहान के कारनामों की करें तो जैसा उनका भारीभरकम नाम था, वैसी ही प्रवृत्ति के क पृथ्‍वी सिंह कुछ थे भी। अपने कौशल से दुश्‍मन के लड़ाकू विमानों को चकमा देने वाले पृथ्‍वी हेलिकॉप्टर में आई तकनीकी खामी से शहीद हो गए।

एयरफोर्स ज्‍वाइन करने के बाद उनकी पहली पोस्टिंग हैदराबाद हुई थी। इसके बाद वे गोरखपुर, गुवाहाटी, ऊधमसिंह नगर, जामनगर, अंडमान निकोबार सहित अन्‍य एयरफोर्स स्‍टेशन्‍स पर तैनात रहे और उन्‍हें एक वर्ष की विशेष ट्रेनिंग के लिए सूडान भी भेजा गया था।

शहर के गणमान्य अधिकारियों ने दी श्रद्धांजलि…

Prithvi Singh

वहीं आख़िर में बता दें कि शहीद पृथ्वी सिंह के परिवार से संवेदना प्रकट करने के लिए मेयर नवीन जैन, डीएम प्रभु नारायण सिंह, एसएसपी सुधीर कुमार सिंह सहित तमाम अन्य लोग पहुंचे और उन्होंने परिवार को सांत्वना दी और कहा कि इस दु:ख की घड़ी में पुलिस-प्रशासन उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है।

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