कंगना पर जमकर बरसे मुकेश, कहा- बचकानी हरकत और चापलूसी करती है, लकड़ी के घोड़े पर बैठने वाली..’
अपने बयानों से अक्सर विवादों को न्योता देने वाली हिंदी सिनेमा की लोकप्रिय अदाकारा कंगना रनौत लगातार सुर्ख़ियों में बनी हुई है. बीते दिनों दिए गए उनके बयानों पर कई लोगों न आपत्ति जताई थी तो उन पर FIR भी दर्ज करवाई थी जबकि अब कंगना के सभी सोशल मीडिया पोस्ट को सेंसर करने की मांग की गई है.
बता दें कि, कंगना सोशल मीडिया पर बेहद सक्रिय बनी रहती है और उनका नाम विवादों में जुड़ने में जरा भी देर नहीं लगती है. बीते दिनों उन्होंने आजादी को भीख बताया था. फिर खालिस्तानी आतंकियों क जमकर घेरा. पीएम मोदी द्वारा कृषि कानून निरस्त करने पर भी नाराजगी जाहिर की थी. वहीं पूर्व पीएम इंदिरा गांधी को लेकर भी बयान दिया था. जबकि महात्मा गांधी को सत्ता का भूखा और चालाक बताया था.
बीते कुछ दिनों में कंगना के कई ऐसे बयान रहे हैं जिन पर ख़ूब बवाल मचा था. ख़ासकर उनके आजादी को भीख बताने वाले बयान पर काफी बवाल मचा था. इसी बीच उन्हें पद्म श्री सम्मान से सम्मानित किया गया था. हालांकि विवाद बढ़ते देख उनके इस सम्मान को वापस लिए जाने की मांग भी उठी थी.
कंगना रनौत को ट्रोलर्स के साथ ही कई बॉलीवुड हस्तियों ने भी निशाने पर लिया था. जबकि अब जाने-मने अभिनेता और ऐतिहासिक धारावाहिक ‘महाभारत’ में भीष्म पितामह की भूमिका अदा कर चुके मुकेश खन्ना ने कंगना के बयान पर आपई जताई है और उनके बयानों को पद्म श्री सम्मान का अपमान बताया है.
मुकेश खन्ना ने अपने सोशल मीडिया एकावंत से एक वीडियो साझा किया है. उन्होंने कंगना के साथ ही भारत विरोधी कविता सुनाने वाले वीर दास के ख़िलाफ़ भी मोर्चा खोला था. एक इंस्टाग्राम वीडियो में वे कहते हुए दिख रहे हैं कि, ‘लोग मुझे कह रहे थे कि सर, आपने वीर दास का खुला विरोध किया, लेकिन उसके ख़िलाफ़ आपने कुछ नहीं बोला जिन्होंने कहा कि हमारे देश को आजादी 1947 में नहीं मिली थी.’
अभिनता ने आगे कहा कि, ‘मैं मर्द से लड़ सकता हूं, लेकिन एक महिला से बिल्कुल नहीं लड़ सकता. मैं आमतौर पर लड़ने में विश्वास नहीं रखता हूं. कई लोगों ने मुझे गलत समझना शुरू कर दिया. लोग कह रहे थे कि लगता है कि सर आप भी उसी पार्टी से जुड़े हुए हैं. मैं उन्हें बता देना चाहता हूं कि देश के ख़िलाफ़ जो भी होगा मैं उसका खिलाफ बोलूंगा.’
मुकेश खन्ना आगे कहते हैं कि, ‘ये कहना कहां तक ठीक है कि स्वतंत्रता हमें भीख में मिली. उनका ये बयान चापलूसी से प्रेरित है, बहुत ही बचकाना है. पद्म अवॉर्ड का साइड इफेक्ट है. अगर हमें 1947 में आजादी नहीं मिली थी तो क्या हम लोगों ने 60 साल गुलामी में जिये हैं? मैं समझ चुका हूं कि आप लोग क्या कहना चाहते हो.
अगर आप ये कहते हो कि आजादी 1947 में नहीं मिली तो आपने चंद्रशेखर आजाद, सुभाष चंद्र बोस जैसे क्रांतिकारियों का अपमान किया है. सुभाष चंद्र बोस से तो आरएसएस के नेता भी जाकर मिलते थे. मैं भी कहता हूं कि सिर्फ गांधी और नेहरू की वजह से आजादी नहीं मिली.’
मुकेश खन्ना ने आगे कहा कि, ‘अगर आपको लगता है कि मैंने कंगना रनौत को लेकर कोई बयान नहीं दिया तो मैं साफ कर देना चाहता हूं. उनके द्वारा दिये गए बयान, चाहे वो भीख वाला बयान हो या आजादी वाला बयान हो, ऐसे सभी बयानों को लेकर मैं साफ कर देता हूं कि ये पूरी तरह बचकाना बयान है.’
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मुकेश खन्ना ने अपनी बात जारी रखते हुए आगे कहा कि, ‘मैं यही कहना चाहूंगा कि ये महिला वीर दास से 10 कदम आगे बढ़ गई है अपमान करने के मामले में. खुद को झांसी की रानी कहना पसंद करती है. क्रांतिक्रारियों के बलिदान का अपमान किया जा रहा है. ये सीधा पद्म पुरस्कार का ही अपमान है.’