दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण पर SC ने लगाई लताड़, पूछा- आपने पॉल्यूशन कम करने के लिए क्या किया
केजरीवाल जी दिवाली में केवल पटाखे बैन करने से प्रदूषण नहीं कम होगा, ऐक्शन लीजिए वरना गला खराब हो जाएगा
देश की राजधानी दिल्ली में आबोहवा लगातार खराब होती जा रही है। प्रदूषण का स्तर अपने चरम सीमा पर पहुंच रहा है। दिल्ली में पिछली बार तो ऐसा हुआ कि एक एयर क्वालिटी इंडेक्स मापने वाली मशीन ही जवाब दे गई। भारत की राजधानी दिल्ली में इस हवा प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त टिप्पणी की है।
दिल्ली में अक्टूबर से दिसंबर के बीच प्रदूषण अपने चरम सीमा पर पहुंच जाता है। दिल्ली में बैठी फर्जीवाल सरकार प्रदूषण रोकने के नाम पर केवल हिंदू त्योहारों पर प्रतिबंध लगाती रहती है। दिवाली और छठ जैसे त्यौहार में पटाखे पर बैन लगाना ही केजरीवाल को एकमात्र उपाय सूझता है, लेकिन प्रदूषण तो इस तुष्टिकरण की राजनीति से नियंत्रित हो नहीं सकता। दिल्ली के प्रदूषण में पटाखे एक-दो दिन योगदान दे सकते हैं लेकिन अन्य दिन प्रदूषण किन कारणों से होता है इस पर विचार करने की जरूरत है।
सुप्रीम कोर्ट में वायु प्रदूषण पर सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश एनवी रमन्ना ने कहा कि हमारे पास कई प्रकार की अर्जियां आई हुई हैं। एक मजदूर संगठन की डिमांड है कि कंस्ट्रक्शन वर्क पर से प्रतिबंध हटाया जाए । कुछ किसान हैं जो पराली जलाने पर से प्रतिबंध हटाने की मांग कर रहे हैं। हम सभी चीजों पर आदेश जारी नहीं कर सकते । इस पर जवाब देते हुए केंद्र सरकार की तरफ से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि यह प्रतिबंध केवल 21 नवंबर तक लागू था। अब स्थिति सुधर गई है।
तुषार मेहता ने कोर्ट में जानकारी दी कि 16 नवंबर को दिल्ली में AQI 403 था जो अब सुधर कर बेहतर हालात में पहुंच चुका है। दिल्ली में इस वक्त एयर क्वालिटी इंडेक्स 290 है। उन्होने कहा कि, रिपोर्ट बताती है कि 26 नवंबर से स्थिति में और भी सुधार आ सकता है।
हवा प्रदूषण वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने आज सख्ती से सुनवाई की। सरकार को SC ने फटकार लगाते हुए कहा कि जब मौसम खराब होता है तब उपाय किए जाते हैं। एयर पॉल्यूशन रोकने के लिए लंबी योजना पर काम करने की जरूरत है। कोर्ट ने स्ट्रीक्ट मोड में कहा कि देश की राजधानी का यह हाल है! कल्पना कीजिए हम दुनिया को क्या संदेश दे रहे हैं।
माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने केंद्र को सख्त लहजे में बताया कि हम सभी इस बार हवा की रूख के कारण बच गए हैं। कोर्ट ने कहा कि दिल्ली की एयर क्वालिटी इंडेक्स में जो सुधार दिख रहा है वह तेज हवा चलने के कारण हुआ है। इसमें आपने क्या किया है? इस पर तुषार मेहता कहा कि हम 3 दिन बाद इसे फिर से मॉनिटर करेंगे ।
केंद्र सरकार की ओर से कोर्ट में पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए सार्वजनिक वाहनों को बढ़ावा दिया जा रहा है। केंद्रीय कर्मचारियों के लिए विशेष बसों की व्यवस्था की गई है। 22 नवंबर से इस प्रकार की बसों के संचालन सुविधा भी शुरू कर दी गई है। तुषार मेहता ने कोर्ट को यह भी बताया कि 15 साल से ज्यादा पुरानी गाड़ियों पर भी रोक लगा दी गई है।
हालांकि कोर्ट ने इस मुद्दे पर आज कोई भी फैसला नहीं सुनाया। सर्वोच्च अदालत ने केंद्र को कहा कि हम इस मामले का अभी निपटारा नहीं कर सकते। इस पर आगे भी सुनवाई जारी रहेगी और इस पर हम एक विस्तृत आदेश जारी करेंगे। आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट एयर पॉल्शयून के मामले पर 29 नवंबर को फिर सुनवाई कर सकती है। उस समय कोर्ट में जवाब देने के लिए और दिल्ली में प्रदूषण कम करने के लिए केंद्र और प्रदेश सरकार क्या कदम उठाती है यह देखना बेहद अहम होगा।