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गलवान के महावीर : आखिरी सांस तक चीनी सैनिकों से संतोष बाबू ने लिया था लोहा, अब मिला महावीर चक्र
शहीद कर्नल संतोष बाबू को मिला मरणोपरांत महावीर चक्र, गलवान संघर्ष के बाकी हीरोज को भी मिले वीरता पुरस्कार
लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी फौजियों से लोहा लेते हुए शहीद होने वाले कर्नल संतोष बाबू को आज मरणोपरांत महावीर चक्र से नवाज़ा गया। जी हां राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शहीद कर्नल संतोष बाबू की मां और पत्नी को पुरस्कार दिया। वहीं, ऑपरेशन ‘स्नो लेपर्ड’ का हिस्सा रहे नायब सूबेदार नूडूराम सोरेन, हवलदार के पिलानी, नायक दीपक सिंह और सिपाही गुरतेज सिंह को भी वीर चक्र से सम्मानित किया गया।
गौरतलब हो कि पूर्वी लद्दाख की बर्फीली गलवान घाटी में चीनी सैनिकों से झड़प के दौरान सर्वोच्च बलिदान देने वाले कर्नल संतोष बाबू को महावीर चक्र सम्मान दिया गया। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने आज कर्नल संतोष बाबू को मरणोपरांत यह सम्मान दिया, जिसके लिए उनके परिजनों को आमंत्रित किया गया था।
बीते साल 15 जून की रात को कर्नल संतोष बाबू गलवान घाटी में चीनी सैनिकों से झड़प के दौरान शहीद हो गए थे। वह गलवान घाटी में भारतीय सैनिकों की टुकड़ी का नेतृत्व कर रहे थे। इसी दौरान चीनी सैनिकों ने घुसपैठ की कोशिश की थी, जिसका भारतीय सैनिकों की ओर से भी विरोध किया गया था।
#WATCH | Col Santosh Babu accorded Mahavir Chakra posthumously for resisting Chinese Army attack while establishing an observation post in the face of the enemy in Galwan valley in Ladakh sector during Operation Snow Leopard.
His mother and wife receive the award from President. pic.twitter.com/vadfvXBz9M
— ANI (@ANI) November 23, 2021
बता दें कि इस दौरान कर्नल संतोष बाबू के नेतृत्व में भारतीय सैनिकों ने चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी का विरोध किया और कहा कि वे अपने इलाके में चले जाएं। पूरी विनम्रता के साथ कर्नल संतोष बाबू ने चीनी सैनिकों को समझाया, लेकिन अपनी जमीन से एक इंच पीछे नहीं हटे। इसी दौरान चीनी सैनिकों ने पत्थरबाजी शुरू कर दी, लेकिन उसके आगे भी कर्नल संतोष डटे रहे।
कर्नल संतोष की टुकड़ी ने चीनी सैनिकों को पीछे हटने पर मजबूर कर दिया था। इस घटना में करीब भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे। वहीं कई मीडिया रिपोर्ट्स में चीन के भी करीब 40 सैनिकों के मारे जाने की बात कही गई थी। हालांकि चीन ने सिर्फ़ 4 से 5 सैनिकों के ही मारे जाने की पुष्टि की थी।
बिहार रेजिमेंट के कमांडिंग ऑफिसर थे कर्नल संतोष बाबू…
वहीं जानकारी के लिए बता दें कि कर्नल संतोष बाबू ने चीनी सैनिकों के घुसपैठ की कोशिश को नाकाम करने के लिए अपनी जान को न्योछावर कर दिया था। कर्नल संतोष 16 बिहार रेजिमेंट के कमांडिंग ऑफिसर थे। दरअसल, 15 जून को चीनी सैनिकों के घुसपैठ को रोकने में हुई झड़प के दौरान सेना के 20 जवान शहीद हो गए थे।
इसके अलावा बता दें कि ‘महावीर चक्र’ भारत का दूसरा सबसे बड़ा वीरता पुरस्कार है और अब शहीद कर्नल संतोष बाबू को मरणोपरांत महावीर चक्र से सम्मानित किया गया। कर्नल संतोष बाबू ने शहीद होने से पहले चीनी सेना के साथ शांति स्थापित करने के लिए कई दौर की बातचीत भी की थी। वहीं इसके साथ ही गलवान घाटी में ऑपरेशन ‘स्नो-लैपर्ड’ के दौरान चीनी सेना के साथ हुई हिंसक झड़प में शहीद हुए चार अन्य जवानों को भी वीर चक्र से सम्मानित किया गया।