सिर पर शराब का ग्लास रख जमकर झूमीं एक्ट्रेस स्वरा भास्कर, कहा- पापा से सीखा है, Video वायरल
PM ने किया कृषि कानून वापसी का ऐलान तो सिर पर ग्लास रखकर नाचीं स्वरा, कहा- जश्न तो बनता है
हिंदी सिनेमा की जानी-मानी अदाकारा स्वरा भास्कर अक्सर सुर्ख़ियों में बनी रहती है. स्वरा भास्कर अपनी फिल्मों और अदाकारी के अलावा किसी भी मुद्दे पर बयान देने के चलते भी चर्चाओं में आ जाती है. सोशल मीडिया पर बेहद सक्रिय रहने वाली स्वरा का एक वीडियो सोशल मीडिया पर काफी पसंद किया जा रहा है जिसमें वे अनोखे अंदाज में डांस कर रही हैं.
स्वरा भास्कर ने हाल ही में अपने सोशल मीडिया एकाउंट से अपना एक शानदार वीडियो साझा किया है. यह वीडियो अभिनेत्री के घर का दिखाई पड़ रहा है. इसमें वे डांस करती हुई देखीं जा सकती है हालांकि डांस कोई साधारण नहीं है. बल्कि वे अपने सिर पर ग्लास रखकर झूम रही हैं और इस कला का क्रेडिट उन्होंने अपने पिता को दिया है. फैंस भी अभिनेत्री के इस वीडियो को ख़ूब पसंद कर रहे हैं.
स्वरा भास्कर ने हाल ही में अपने इंस्टाग्राम एकाउंट से एक वीडियो साझा किया है. एक्ट्रेस को आप इस वीडियो में सिर पर ग्लास रखकर डांस करते हुए देख सकते हैं. इस वीडियो को साझा करते हुए स्वरा ने कैप्शन में लिखा है कि, ‘पार्टी ट्रिक: यह मैंने अपने पिता से सीखा है.’ इस दौरान एक्ट्रेस काफी खुश भी नज़र आ रही हैं.
उन्होंने आगे यह भी बताया कि आखिर वे डांस क्यों कर रही हैं. इसके आगे उन्होंने कैप्शन में जानकारी देते हुए लिखा है कि, ’19 नवंबर को पीएम मोदी ने कृषि कानूनों के वापस लेने की बात कही है. सेलिब्रेशन तो बनता है.’
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स्वरा भास्कर के इस वीडियो को सोशल मीडिया पर मिला-जुला रिस्पॉन्स मिल रहा है. इसे अब तक 22 हजार से अधिक लोगों ने पसंद किया है. बता दें कि, स्वरा के इंस्टा पर 10 लाख से अधिक फ़ॉलोअर्स है. वीडियो देखने के बाद एक यूजर ने इस पर कमेंट करते हुए लिखा है कि, ‘ये भैंस कौन है भाई.’ वहीं आगे एक ने लिखा कि, ‘मैम चाहो तो खुद गिर जाना लेकिन दारु का ग्लास नहीं गिरना चाहिए.
ऐसा नुकसान नहीं सहा जाता.’ जबकि एक ने कमेंट किया कि, ‘तो ठीक फिर. आज रात का सीन बना लें.’ वहीं एक यूजर ने लिखा कि, ‘अगर ग्लास गिरा तो आपकी आने वाली फिल्म नहीं देखूंगा.’
इससे पहले एक्ट्रेस ने एक तस्वीर पोस्ट करते हुए लिखा था कि, ‘किसान संघर्ष का असर! अँधेरे समय में भी…प्रतिरोध कार्य करता है. विरोध काम करता है. सक्रियता काम करती है और हमें अन्याय का विरोध करने और परिवर्तन लाने के लिए एक राजनीतिक नेता या ‘विकल्प’ के रूप में एक उद्धारकर्ता की प्रतीक्षा करने की आवश्यकता नहीं है. जनता विकल्प है, बदलाव है. हमें रास्ता दिखाने के लिए विरोध करने वाले किसानों का धन्यवाद!’
गौरतलब है कि मोदी सरकार बीते साल शीतकालीन सत्र के समय तीन नए कृषि कानून लाई थी हालांकि किसानों में नए कृषि कानूनों का विरोध किया था और इसके विरोध में किसान आंदोलन की शुरुआत भी हुई थी. किसानों ने कृषि कानून वापस लेने के लिए कहा था जबकि सरकार ने ऐसा करने से साफ़ इंकार कर दिया था हालांकि अब एक साल के बाद सरकार ने कानून वापस लेने का निर्णय लिया है. इसकी जानकारी खुद पीएम मोदी और PMO ने दी थी.