रजत शर्मा ने योगी आदित्यनाथ से पूछा, ‘आपने खुले में नमाज़ पढ़ने पर रोक क्यों लगाई?’ मिला यह जवाब
यूपी चुनाव काफ़ी नज़दीक है। ऐसे में उत्तरप्रदेश में सभी दल अपना सबकुछ दांव पर लगाने को तैयार हैं। ताकि विजयी सेहरा उन्हीं के सिर पर बंधें। इसी में एक उत्तर प्रदेश के वर्तमान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी शामिल हैं। जी हां वैसे तो योगी आदित्यनाथ अक्सर सुर्खियों में रहते हैं और एक बार फ़िर योगी आदित्यनाथ अपने एक काम को लेकर चर्चा में हैं।
बता दें कि उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार प्रचार कर रहे हैं और हाल ही में नोएडा के सेक्टर-65 के एक पार्क में सार्वजनिक रूप से नमाज़ पढ़ने पर रोक लगा दी गई है। नोएडा पुलिस ने ये एक्शन एक ट्वीट को देखते हुए लिया है। गौरतलब हो कि पुलिस ने मौके पर पहुंचकर ऐसा कर रहे लोगों से मस्जिद में जाकर नमाज़ पढ़ने की बात कही। वहीं मुद्दे के तूल पकड़ने के बाद इसी मुद्दे पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का एक पुराना इंटरव्यू वायरल हो रहा है।
बता दें कि वायरल हो रहे इस इंटरव्यू में सीएम योगी से वरिष्ठ टीवी पत्रकार रजत शर्मा सवाल पूछते हैं कि, “नोएडा में वो खुले में नमाज़ पढ़ते थे, लेकिन आपने उन्हें खुले में नमाज़ पढ़ने से रोक दिया। आखिर ऐसा क्यों?” इसके जवाब में उन्होंने कहा था कि, “देखिए, ये तो सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा है कि सार्वजनिक स्थल पर इस प्रकार की गतिविधियों को रोका जाए।
नमाज़ की सही जगह मस्जिद होगी या उसका एक निश्चित स्थान होगा। मुझे आश्चर्य होता है कि आज किसी पार्क में जाकर नमाज़ पढ़ेंगे तो कल हिंदू भी किसी चौराहे पर जाकर हनुमान चालीसा का पाठ करेगा।”
इतना ही नहीं योगी आदित्यनाथ ने आगे कहा कि, “अगर हिंदू ऐसा करेगा तो क्या आप उसे रोक पाएंगे? अगर आप एक को नहीं रोकेंगे तो दूसरे को क्यों रोकेंगे? इसलिए व्यवस्था बनाई गई है कि जहां जिसके लिए जगह होगी वो वहीं ये सब करेगा। अपनी उपासना और कार्य को निश्चित स्थल पर ही किया जाना चाहिए। उपासना विधि के बारे में मुझसे ज्यादा कौन जा सकता है? सार्वजनिक जगहों पर सभी के लिए रोक है। ऐसा नहीं है किसी विशेष समुदाय को ही ऐसा करने के लिए रोका गया है। हमने कई चीजों पर सीधा रोक लगा दी है।”
वहीं एक अन्य इंटरव्यू में योगी आदित्यनाथ से पूछा गया था कि, “आप ईद क्यों नहीं मनाते हैं, इसका मतलब है कि आप सिर्फ हिंदुत्व की राजनीति करते हो?” इसके जवाब में उन्होंने साफ कहा था कि, “मैं जबरन पाखंड नहीं कर सकता। मेरी आस्था जिसमें है मैं उसी का पाठ करूंगा। मैं ऐसा बिल्कुल नहीं कर सकता कि अंदर चोरी-छिपे टीका लगाऊं और बाहर निकल सबके सामने टोपी भी पहनने लगूं। मैं जनता को और लोगों को ऐसे किसी भी चीज में घुमाना या गुमराह नहीं करना चाहता हूं।”