30 की उम्र में पद्मश्री, 31 में निधन, शादीशुदा एक्टर से की शादी, ऐसी रही स्मिता पाटिल की ज़िंदगी
हिंदी सिनेमा में कई ऐसी बेहतरीन अभिनेत्रियां हुई है जो बहुत जल्द ही इस दुनिया को अलविदा कह गई थी. 17 अक्टूबर 1955 को महाराष्ट्र के पुणे में जन्मीं दिवंगत अभिनेत्री स्मिता पाटिल का नाम भी इसमें शामिल है. वे अपने समय की एक बेहतरीन अभिनेत्री थीं. उनकी शानदार अदाकारी की तो जानी-मानी अभिनेत्री रेखा भी कायल थीं. हालांकि स्मिता पाटिल इस दुनिया में ज्यादा नहीं रह सकी.
बता दें कि, महज 31 साल की उम्र में स्मिता का निधन हो गया था. अपने छोटे से फ़िल्मी करियर में ही स्मिता पाटिल ने बड़ा नाम कमा लिया था. एक्ट्रेस अपनी फिल्मों के साथ ही अपने निजी जीवन को लेकर भी सुर्ख़ियों में रही. उनका रिश्ता मशहूर अभिनेता राज बब्बर के साथ चर्चाओं में रहा. दोनों ने शादी भी कर ली थी.
स्मिता का दिल 70 और 80 के दशक के जाने-माने अभिनेता राज बब्बर पर आया था. बता दें कि दोनों के बीच नजदीकियां फिल्म ‘भीगी पलकें’ के दौरान बढ़ी थी और दोनों शादी से पहले 80 के दशक में ही लिव-इन-रिलेशनशिप में रहने लगे थे. लेकिन स्मिता के लिए राज को पाना कोई आसान नहीं था क्योंकि राज बब्बर पहले से शादीशुदा थे.
राज की पहली शादी नादिरा बब्बर से हुई थी. ऐसे में राज और स्मिता के रिश्ते पर सवाल खड़े होने लगे थे और दोनों के रिश्ते पर काफी कुछ कहा जाने लगा.
राज और स्मिता ने दुनिया एवं समाज की परवाह नहीं की और दोनों बेहद खास बंधन में बंधने को तैयार हो गए. राज के लिए स्मिता ने अपनी मां के खिलाफ भी बगावत कर दी थी. बताया जाता है कि, स्मिता अपनी मां को रोल मॉडल मानती थी लेकिन राज के प्यार में स्मिता इस बात को भी भूल गई और फिर दोनों ने शादी कर ली.
दूसरी ओर स्मिता संग विवाह बंधन में बंधने के लिए राज बब्बर अपनी पत्नी नादिरा बब्बर का साथ छोड़ चुके थे.
बेटे के जन्म के 15 दिन बाद हो गई थी स्मिता की मौत…
शादी के बाद राज बब्बर और स्मिता पाटिल एक बेटे के माता-पिता बने थे. हालांकि बेटे के जन्म के बाद स्मिता पाटिल खुद इस दुनिया से अलविदा हो गई. स्मिता और राज के बेटे का नाम प्रतीक बब्बर है जिनका जन्म 28 नवंबर 1986 को मुंबई में हुआ था.
इसके 15 दिनों के बाद 13 दिसंबर 1986 को मुंबई में स्मिता पाटिल का प्रेगनेंसी में कुछ समस्याओं के चलते निधन हो गया था. स्मिता के निधन के बाद राज वापस अपनी पहली पत्नी नादिरा के पास चले गए और आज भी नादिरा एवं राज का साथ बना हुआ है.
एक अभिनेत्री बनने से पहले स्मिता ने दूरदर्शन के लिए एंकर के रूप में काम किया था. वे समाचार पढ़ने काम करती थीं. हिंदी सिनेमा में एक्ट्रेस ने अपने कदम अरुण खोपकर की डिप्लोमा फ़िल्म से रखे थे हालांकि स्मिता ने मुख्यधारा के सिनेमा में श्याम बेनेगल द्वारा निर्देशित फिल्म ‘चरणदास चोर’ से पहचान बनाई थी.
स्मिता पाटिल ने नमक हलाल, आखिर क्यों और नजराना जैसी कई शानदार फिल्में दी थी. हिंदी फिल्मों के साथ ही उन्होंने बंगाली, मराठी, गुजराती, मलयालम और कन्नड़ भाषा की फिल्मों में भी काम किया था.
पद्मश्री से सम्मानित हुई स्मिता पाटिल…
स्मिता पाटिल को उनके बेहतरीन काम के चलते नेशनल फिल्म अवार्ड्स, फिल्मफेयर अवार्ड से सम्मानित किया जा चुका है. वहीं भारत सरकार ने इस अदाकारा को निधन से ठीक एक साल पहले 1985 में देश के चौथे सबसे ऊंचे नागरिक सम्मान पद्मश्री से भी सम्मानित किया था.