उपहार अग्निकांड केस: कोर्ट ने अंसल भाइयों को दी 7 साल की सजा, लगाया 2.5 करोड़ रुपये का जुर्माना
उपहार सिनेमा अग्निकांड केस में दिल्ली की पटियाला हाउस अदालत ने मुख्य आरोपी सुशील अंसल और गोपाल अंसल को सात साल की जेल की सजा सुनाई। इसके साथ ही दोनों भाइयों पर 2.5-2.5 करोड़ रुपये का जुर्माना भी ठोका गया।
अंसल भाइयों पर उपहार सिनेमा अग्निकांड के सबूत मिटाने के आरोप लगे थे। उन्हें पटियाला हाउस अदालत के मुख्य महानगर दंडाधिकारी पंकज शर्मा के समक्ष पेश किया गया। जज ने कहा कि दोनों आरोपियों में सुधार की कोई उम्मीद नहीं है। बताते चलें कि अंसल बंधु इस मामले के मुख्य आरोपी ठहराए गए हैं। दोनों के खिलाफ कोर्ट में और भी कई मामलों के तहत केस विचाराधीन है।
24 साल पहले सिनेमाहॉल में लगी थी आग
गौरतलब है कि 24 साल पहले 13 जून 1997 को दिल्ली के उपहार सिनेमा में ‘बॉर्डर’ फिल्म चल रही थी। तभी मैटिनी शो के दौरान सिनेमा हॉल में आग लग गई थी। इसमें 59 लोग मर गए थे। इसके बाद उपहार त्रासदी पीड़ित एसोसिएशन (AVUT) ने अग्निकांड में सबूतों के साथ छेड़छाड़ करने के मामले में अंसल भाइयों को उम्रकैद की सजा देने की मांग की थी। बताते चलें कि उपहार सिनेमा दक्षिण दिल्ली के ग्रीन पार्क इलाके में स्थित था।
जज ने सुनाई 7 साल की सजा
7 साल की सजा और 2.5 करोड़ रुपए के जुर्माने के साथ कोर्ट ने अंसल भाइयों को फटकार भी लगाई। वहीं दिल्ली पुलिस व पीड़ितों ने अदालत के समक्ष तर्क रखा कि “सुशील अंसल और गोपाल अंसल द्वारा कानून के शासन की महिमा को कमजोर किया गया है। दोनों भाइयों ने न्यायपालिका की संस्थागत अखंडता को क्षीण किया और आपराधिक न्याय प्रणाली के प्रशासन पर भी गंभीर रूप से चोट पहुंचाई।”
दोषियों में सुधार की उम्मीद नहीं
उन्होंने आगे कहा कि “दोनों दोषियों में सुधार की कोई संभावना नहीं दिख रही है। इन्हें लाइफटाइम जेल की सजा होनी चाहिए। ऐसी धारणा बनाई गई है कि अमीर और ताकतवर लोग किसी भी मामले से बच सकते हैं। वे न्यायिक व्यवस्था को अपने पक्ष में कर सकते हैं। हमे अदालत के सम्मान की खातिर इस धारणा को ब्रेक करना होगा। अदालत ऐसे सिरियस क्राइम पर आंखें बंद नहीं कर सकता है”
दोषियों ने दया की अपील करते हुए ये कहा
इस मामले में अंसल भाइयों के वकील ने जज से दया की अपील की। उन्होंने कहा कि दोषियों की आयु 80 वर्ष से अधिक है। वह अपनी फैमिली के कमाने वाले अकेले सदस्य भी हैं। इनकी दोनों बेटियां अलग रहती हैं। वहीं इन्हें अपनी पत्नी की भी देखरेख करनी है। दोनों भाइयों ने हजारों लोगों को रोजगार भी दिया है।
पीड़ितों को दिया 30 करोड़ रुपये का मुआवजा
अंसल भाइयों के वकील ने दया की अपील में ये भी कहा कि दोनों भाइयों ने पीड़ितों को 30 करोड़ रुपये मुआवजा भी दिया है। हालांकि उनके इस तर्क पर पीड़ित एसोसिएशन की अध्यक्ष नीलम कृष्णमूर्ति ने कड़ी आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि अदालत को गुमराह करने की कोशिश की जा रही है।