PM मोदी की तारीफ़ करते नहीं थके कांग्रेस सांसद शशि थरूर, बोले- सरदार पटेल के बाद मोदी ने..’
शशि थरुर को भाया PM मोदी के काम करने का तरीका, अपनी किताब में जमकर की PM की तारीफ़
नई दिल्ली : कांग्रेस के लोकप्रिय सांसद शशि थरुर अपनी बयानबाजी के लिए जाने जाते हैं. अब उन्होंने पीएम मोदी पर बड़ा बयान देकर सुर्खियां बटोरी है. हाल ही में कांग्रेस नेता ने पीएम नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ़ की है और उन्हें गुजराती मूल का होना उनके हित के अनुकूल बताया है.
सरदार वल्लभ भाई पटेल के बाद शशि थरुर ने पीएम मोदी को गुजरात के सबसे पसंदीदा लोगों में से एक बताया. उन्होंने कहा कि, सरदार वल्लभभाई पटेल की राष्ट्रीय अपील और गुजराती मूल का होना नरेंद्र मोदी के लिए है और ‘पटेल के बाद मोदी’ का संदेश कई गुजरातियों को रास आया है. बता दें कि, शशि थरूर ने इसका ख़ुलासा अपनी नई किताब ‘‘प्राइड, प्रेजुडिस एंड पंडित्री: द एसेंशियल शशि थरूर’’ में किया है.
बता दें कि शशि थरुर कांग्रेस के एक बड़े नेता हैं. थरुर तिरुवनंतपुरम से सांसद हैं. अपनी नई किताब ‘‘प्राइड, प्रेजुडिस एंड पंडित्री: द एसेंशियल शशि थरूर’’ में उन्होंने पीएम मोदी को लेकर लिखा है कि, ‘‘नरेंद्र मोदी ने चतुराई से घरेलू राजनीतिक गणना की कि खुद को अन्य प्रतिष्ठित गुजरातियों विशेष रूप से महात्मा गांधी और सरदार वल्लभभाई पटेल के आवरण में पेश करना, उनकी आभा बढ़ाने के लिए बेहतर होगा.’’
थरूर ने अपनी किताब में कहा है कि, ‘‘प्रक्रिया पहले ही शुरू हो चुकी थी, ऐसा न हो कि हम भूल जाएं, जब 2014 के चुनाव से पहले तत्कालीन मुख्यमंत्री मोदी ने भारत के सबसे सम्मानित संस्थापकों में से एक सरदार वल्लभभाई पटेल की विरासत पर दावा करने के लिए आक्रामक तरीके से कदम रखा था.’’
थरुर ने बताया, क्या है पीएम मोदी का इरादा…
आगे अपनी किताब में दावा करते हुए शशि ने पीएम मोदी के इरादे पर भी बात की. उन्होंने बताया कि आखिर पीएम मोदी किस इरादे के साथ काम करते हैं. थरुर ने कहा है कि, ‘‘अपनी पार्टी की तुलना में अधिक विशिष्ट वंशावली में खुद को दिखाने की अपनी खोज में मोदी ने अपने राज्य में भारत भर के किसानों से लोहे की एक विशाल,
लगभग 600 फुट की प्रतिमा के निर्माण के लिए लोहा दान करने का आह्वान किया, जो दुनिया की अब तक की सबसे ऊंची मूर्ति होगी तथा ‘‘स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी’’ को पीछे छोड़ देगी.’’
थरूर का मानना है कि, ‘‘जैसा कि 2002 में जब वह मुख्यमंत्री थे, गुजरात में सांप्रदायिक नरसंहार से उनकी अपनी छवि धूमिल हुई थी, पटेल के साथ खुद को दिखाना संघ द्वारा चरित्र निर्माण का एक प्रयास है. यह मोदी को खुद को पटेल की तरह कठोर, निर्णायक कार्रवाई करने वाले के अवतार के रूप में चित्रित करना है.’’
‘पटेल के बाद मोदी’ संदेश गुजरातियों को भाया…
सरदार पटेल का जिक्र करते हुए थरुर ने कहा कि, पटेल के बाद मोदी का संदेश गुजरातियों को भाया है. उन्होंने लिखा है कि, ‘‘पटेल राष्ट्रीय अपील और गुजराती मूल दोनों का प्रतिनिधित्व करते हैं, जो मोदी के अनुकूल है.
‘पटेल के बाद मोदी’ यह संदेश कई गुजरातियों के साथ अच्छी तरह से प्रतिध्वनित हुआ है. भारत के कई शहरी मध्यम वर्ग भी साथ हैं, जो मोदी को अनिर्णय की स्थिति को दूर करने के लिए एक मजबूत नेता के रूप में देखते हैं.”