पहले हथोड़े से बीवी-बच्चों को मारा, फिर खुद बिल्डिंग से कूदा, सुसाइड नोट में बताया राज
खुदखुशी जैसा बड़ा कदम उठाना ठीक नहीं है। लेकिन इससे भी बुरी चीज ये है कि आप अपने साथ-साथ दूसरों की भी जान ले लें। आजकल ऐसी कई खबरें मिल रही है अब कोई शख्स खुद तो आत्महत्या करता ही है, लेकिन साथ में परिवार के अन्य लोगों को भी इसमें ले डूबता है।
अब छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के नया रायपुर की इस घटना को ही ले लीजिए। यहाँ पंचायत विभाग में पदस्थ चपरासी झंकार भास्कर ने सेक्टर 27 की एक बिल्डिंग से कूदकर आत्महत्या कर ली। दुखद बात ये रही कि खुदखुशी के पहले उन्होंने अपनी दो बच्चों और बीवी को भी हथौड़े से मारा। चलिए इस दिल दहला देने वाली घटना को विस्तार से जानते हैं।
चपरासी ने बिल्डिंग से कूद की खुदखुशी
झंकार भास्कर नाम का व्यक्ति पंचायत विभाग में पदस्थ चपरासी के पद पर था। वह सेक्टर 27 में अपनी 7 वर्षीय बेटी, 3 वर्षीय बेटे और पत्नी सुक्रिता भास्कर के साथ रहता था। देर रात 2:30 से 3 बजे के बीच भास्कर के पड़ोसियों ने कुछ गिरने की आवाज सुनी। जब वे बाहर निकले तो भास्कर जमीन पर खून से लथपथ हालत में पड़ा था। उसे इस हाल में देख पुलिस को सूचना दी गई।
कूदने से पहले बीवी बच्चों को हथोड़े से मारा
पुलिस मौके पर आई तो उन्होंने देखा कि भास्कर के दोनों बच्चे और बीवी भी खून से लथपथ पड़े हैं। वहां एक हथोड़ा भी था जिससे भास्कर ने उन पर वार किए थे। दोनों बच्चों की मौत हो चुकी थी, वहीं बीवी की कुछ सांसें चल रही थी। ऐसे में उसे आनन फानन में अस्पताल ले जाया गया।
पारिवारिक विवाद के चलते उठाया कदम
राखी थाना पुलिस को भास्कर के कमरे से चार पेज का एक सुसाइड नोट भी मिला है। इस नोट में उसने लगभग एक महीने पहले रेलवे स्टेशन में मिले संतोष कंवर की लाश का जिक्र किया। संतोष कंवर की मौत का जिक्र करते हुए झंकार भास्कर ने लिखा –
मेरे भाई ने उसकी पत्नी का मर्डर कर दिया। अब इसमें मेरी क्या गलती है? मुझे क्यों बार-बार इसी बात पर ताना मारा जाता है। हर बार खूनी खानदान के ताने सुनाए जाते हैं। आज भी कुछ ऐसा ही हुआ। मैं अपने बच्चों को नहीं मारना चाहता था। हालांकि बिना माता-पिता के बच्चों की जिंदगी कैसी होगी, यह सोच उन्हें मार दिया। इस काम के लिए मुझे क्षमा कर देना।
फिलहाल पुलिस इस पूरे मामले की जांच कर रही है। वहीं इस घटना के बाद इलाके में मातम पसरा हुआ है। हर कोई यही सोच रहा है कि भास्कर को अपनी जान देनी थी तो दे देता, लेकिन अपने मासूम बच्चों की जिंदगी क्यों समाप्त कर दी। वैसे इस पूरे मामले पर आपकी क्या राय है हमे कमेंट कर जरूर बताएं।