‘दो जिस्म एक जान’ नाम से पूरी दुनिया में मशहूर शिवनाथ और शिवराम की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत
एकसाथ धरती पर आए, एक दूसरे से जुड़े रहे, अब साथ ही दुनिया को अलविदा कह गए
‘हम दो जिस्म एक जान हैं।’ ये कहावत आप ने लोगों के मुंह से कई बार सुनी होगी। लेकिन छत्तीसगढ़ में बलौदाबाजार के खैंदा गांव में रहने वाले दो भाइयों शिवनाथ और शिवराम के लिए ये कोई कहावत नहीं बल्कि हकीकत थी। उनका जिस्म सच में एक था। वे एक दूसरे से जुड़े हुए ही पैदा हुए थे। उनके शरीर की इसी बनावट ने उन्हें फेमस कर दिया था। लोग उन्हें देखने विदेश तक से आते थे। लेकिन अफसोस की अब हम इन अनोखे जुड़वा भाइयों को नहीं देख सकेंगे। दरअसल दोनों की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई है।
जन्म से हर काम करते थे साथ
शिवनाथ और शिवराम का जन्म दिसंबर 2001 में हुआ था। इनके शरीर जन्म से ही जुड़े हुए थे। दोनों के दो धड़, दो सिर, चार हाथ और दो पैर थे। दो भाई अपने सभी काम साथ में ही किया करते थे। फिर वह स्कूटर चलाना हो, नहाना हो या स्कूल जाना। दोनों अपने हर काम को अपने जुड़े हुए शरीर से ही अंजाम देते थे।
देश विदेश में थे फेमस
जुड़वा भाई ‘दो जिस्म एक जान’ नाम से पूरी दुनिया में फेमस हो गए थे। इनसे मिलने मानव शरीर की अनोखी संरचनाओं पर रिसर्च करने वाली कई विदेशी टीमें बलौदाबाजार आया करती थी। शिवनाथ और शिवराम भी उनसे एक बड़ी सी मुस्कान के साथ मिलते थे। हालांकि अब दोनों की अचानक मौत ने खैंदा गांव में दिवाली के पहले मातम का माहौल बना दिया है।
रात में आया था तेज बुखार
शिवराम और शिवनाथ के घरवालों ने बताया कि शनिवार रात को दोनों भाइयों को तेज बुखार आया था। सुबह जब वे भाइयों के कमरों में गए तो तब तक उनकी मौत हो चुकी थी। इस बीच गांव में ये भी चर्चा है कि दोनों भाइयों ने खुदखुशी कर ली है। संदिग्ध परिस्थितियों में मौत होने की वजह से पुलिस भी सक्रिय हो गई है और मामले की जांच कर रही है। बताते चलें कि दोनों की उम्र 20 साल थी।
सोशल मीडिया पर थे फेमस
शिवनाथ और शिवराम के जाने से पूरे गांव में सन्नाटा छाया हुआ है। दोनों भाई का अगले माह दिसंबर में बर्थडे भी था। जुड़वा भाई सोशल मीडिया पर काफी पॉपुलर थे। वे फेसबुक, इंस्टाग्राम से लेकर टिकटॉक तक हर जगह वीडियो बनाते थे। उनके बनाए वीडियो को लाखों लोग देखते थे।
कुछ समय दोनों का स्कूटी चलाते हुए एक वीडियो भी बड़ा वायरल हुआ था। दोनों ने स्कूटर को कम्फर्ट से चलाने के लिए सीट के नीचे बेल्डिंग कराकर गद्दा लगाया था। वे जब इस स्कूटी से पेट्रोल पंप पर गए तो उन्हें देख लोगों की भीड़ उमड़ आई थी।
सर्जरी करा अलग नहीं होना चाहते थे
दोनों भाई को शरीर जुड़ा होने की वजह से रोजमर्रा के कामों में कई कठिनाई आती थी। उनके शरीर को सर्जरी से अलग किया जा सकता था। हालांकि भाइयों की इच्छा थी कि वह अलग नहीं हो। इतनी मुश्किलों के बावजूद वे अपनी जिंदगी को खुशी खुशी बीता रहे थे। लोग उनके आत्म विश्वास की तारीफ करते नहीं थकते थे।