अजित डोवाल ने कर दिया कमाल, इस तरह किया ISIS का बुरा हाल
अजित डोभाल का जन्म 1945 में उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल में एक गढ़वाली परिवार हुआ। उन्होंने अपनी प्रारम्भिक शिक्षा अजमेर के मिलिट्री स्कूल से पूरी की थी, इसके बाद उन्होंने आगरा विश्व विद्यालय से अर्थशास्त्र में एमए किया और पोस्ट ग्रेजुएशन करने के बाद वे आईपीएस की तैयारी में लग गए। कड़ी मेहनत के बल पर वे केरल कैडर से 1968 में आईपीएस के लिए चुन लिए गए। NSA: यह अजीत डोभाल की ही रणनीति है कि पाकिस्तान के आतंकवादियों को भारतीय सीमा में प्रवेश करते ही ठोंक दिया जा रहा है। मोदी सरकार ने आतंकवाद पर नो टॉलरेंस नीति अपनाई हुई है
भारत के सैनिकों को आतंकवादियों के खिलाफ कार्यवाही करने की खुली छूट दे दी गयी है। यह सब हो रहा है राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल की रणनीति के कारण। इन्ही सब रणनीतियों के कारण अजीत डोभाल को मोदी का जेम्स बांड का जा रहा है। अजीत डोभाल की रणनीति की वजह से ही मणिपुर में सेना पर हमला करने वाले आतंकवादियों को म्यांमार में घुसकर मारा गया। डोभाल भारत के पांचवे राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार हैं। इससे पहले शिवशंकर मेनन भारत के NSA थे। “अजीत डोभाल ने पाकिस्तान को खुल्ला चैलेंज देते हुए एक सेमिनार में कहा था ‘अगर तुम एक और मुंबई काण्ड दोहरओंगे, हम तुम्हारे मुह से बलूचिस्तान छीन लेंगे”
मोदी सरकार की सबसे बड़ी सफलताओं में से एक है अजित डोवाल को राष्ट्रिय सुरक्षा सलहकार के रूप मे चुनना । कई सालों तक पाकिस्तान में खुफिया जासूस रहे अजित डोवाल को भारत का जेम्स बॉन्ड कहा जाता है । उन्होने कई मुश्किल पहलुओ पर सफलता हासिल करके भारत का मान सम्मान की रक्षा की है।