भरी रैली में नरेंद्र मोदी को मानव बम से उड़ाने की थी साजिश, रांची में दो बार किया गया था ट्रायल
नरेंद्र मोदी जी की लोकप्रियता दिन पर दिन तेज रफ्तार से बढ़ती जा रही है। देश हो या विदेश, सभी जगह उनकी प्रसिद्धि है। नरेंद्र मोदी जी हमारे 15वें प्रधानमंत्री हैं। साल 2014 और फिर 2019 के आम चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के साथ मिलकर मोदी जी ने ऐतिहासिक जीत हासिल की है। पूरे देश में मोदी लहर आ गई है और सभी लोगों को मोदी जी पर पूरा विश्वास है कि वह उन्हें उज्जवल भविष्य देंगे।
जिस प्रकार से नरेंद्र मोदी जी की लोकप्रियता दिन पर दिन बढ़ती जा रही है उसी रफ्तार से उन पर आतंकवादी हमले का खतरा भी बढ़ता हुआ नजर आ रहा है। बता दें कि मोदी जी पर आतंकवादियों के हमले की साजिश को लेकर गृह मंत्रालय भी कई बार अलर्ट जारी कर चुका है। एक बार पटना के गांधी मैदान सीरियल ब्लास्ट में आतंकवादियों का निशाना नरेंद्र मोदी जी थे। जी हां, और वह उन्हें मानव बम से उड़ाने की योजना में थे।
दरअसल, ये बात साल 2013 की है। इस वर्ष में पटना के गांधी मैदान में भाजपा की हुंकार रैली में सिलसिलेवार बम ब्लास्ट हुए थे। जिस वक्त ब्लास्ट हुआ था, उस वक्त तत्कालीन एनडीए के पीएम उम्मीदवार नरेंद्र मोदी जी अपना भाषण दे रहे थे। इस मामले में 27 अक्टूबर को पटना की NIA कोर्ट ने 10 में से 9 आरोपियों को दोषी ठहराया। वहीं एक आरोपी के खिलाफ सबूत नहीं मिले, जिसकी वजह से वह बरी हो गया।
आपको बता दें कि आतंकवादियों ने इन धमाकों के लिए पूरी प्लानिंग भी कर ली थी और उनके निशाने पर नरेंद्र मोदी थे। इतना ही नहीं बल्कि आतंकवादियों ने तो मानव बम से उड़ाने की योजना भी बना ली थी। उनकी प्लानिंग थी कि बम से लैस जैकेट पहन कर आतंकवादियों का नरेंद्र मोदी के पास जाना है और उन्हें उड़ा देने की योजना थी। इसकी पुख्ता प्लानिंग की गई थी। इसके लिए रांची में ध्रुवा डैम के पास सिथियो गांव में दो बार मानव बम ट्रायल भी किया जा चुका था।
आतंकियों ने अपनी योजना को अंजाम देने की पूरी तैयारी कर ली थी। उन्होंने चमड़े का जैकेट तैयार कर लिया था और उस जैकेट में उन्होंने बम लगाया था। ट्रायल के दौरान आतंकियों ने जैकेट में बम लगाकर खजूर के पेड़ पर उसको लटका दिया। इसके बाद दो बार रिमोट का बटन दबाकर ट्रायल किया गया था। भले ही आतंकियों ने अपनी तरफ से योजना की तैयारी पूरी कर ली थी परंतु अंत में उनकी यह कोशिश नाकाम साबित हुई थी, जिसकी वजह से 27 अक्टूबर 2013 को गांधी मैदान में हुए ब्लास्ट की प्लानिंग आखिर में उनको बदलना पड़ गया।
आपको बता दें कि हैदर अली उर्फ ब्लैक ब्यूटी बम बनाने में माहिर था। यह झारखंड का रहने वाला था। यह आतंकी जिहाद के नाम पर झारखंड और छत्तीसगढ़ के जंगलों में मीटिंग किया करता था, जिसमें सिमी के लोग शामिल हुए थे। जब यह मामला हुआ तो, इसमें हैदर अली, मुजीबुल्लाह, अंसारी नुमान, अंसारी उमर सिद्दीकी, अजहरुद्दीन कुरैशी, फखरुद्दीन, अहमद हुसैन, इम्तियाज अंसारी, इफ्तेखार आलम और फिरोज असलम को अरेस्ट कर लिया गया था।
गौरतलब है कि सिलसिलेवार में हुए इन धमाकों में कुल 6 लोगों की जान चली गई थी। इसके अलावा 89 लोग बुरी तरह से घायल भी हो गए थे। जब यह घटना हुई तो इसके ठीक 8 वर्ष पश्चात अब NIA की विशेष अदालत ने अपना फैसला दिया है। बता दें कि जो भी इस मामले में दोषी करार दिए गए, उन लोगों की सजा पर अदालत अपना फैसला 1 नवंबर को सुनाएगी।