निहंगों के टेंट में सफाई करते हुए लखबीर सिंह ने छू दिया था ग्रंथ को, जाने हत्या की रात की पूरी कहानी
किसान आंदोलन में शामिल दुष्ट निहंगों की अदालत ने लखवीर को दर्दनाक मौत की सजा सुनाई थी
दिल्ली और हरियाणा की सीमा सिंघु बॉर्डर (Singhu Border) पर 15 अक्टूबर दलित युवक लखबीर सिंह (Lakhbir Singh) का शव बहुत ही बुरी हालत में मिला था। उसके हाथ-पैर काटकर और पीटकर उसे बेरहमी से मार दिया गया था। इस नृशंस हत्या का आरोप निहंगों पर लगा जिसमें चार निहंग अभी तक गिरफ्तार हो चुके हैं। ये सभी पुलिस की रिमांड पर हैं।
लखबीर सिंह की हत्या वाली रात क्या हुआ था?
लखबीर सिंह केस में एक स्टोरी सामने आई है। लखबीर निहंगों के टैंट में रहकर वहां साफ सफाई का काम करता था। घटना वाली रात (14-15 अक्टूबर) वह निहंगों के सोने से पहले साफ-सफाई कर रहा था। इस दौरान उसने निहंगों के टेंट में रखे ‘सर्बलोह ग्रंथ’ को उसकी जगह से हटा दिया और वहां की सफाई करने लगा।
लखबीर ने ‘सर्बलोह ग्रंथ’ को अपने पैर के पास रख दिया था। यह चीज एक निहंग ने देख ली और बेअदबी का आरोप लगाते हुए मारपीट शुरू कर दी। इसके बाद लखबीर को अमनदीप व नारायण सिंह की अदालत में पेश किया गया। यहां उसे सजा सुनाई गई कि उसने जिन हाथों से ‘सर्बलोह ग्रंथ’ को छुआ और जिस पैर के पास उसे रखा, उसे काट दिया जाए।
इसके बाद निहंगों ने लखबीर का एक हाथ काट दिया। उन्होंने उसके पैर भी तलवार से काटने की कोशिश की लेकिन वह कटा नहीं। लखबीर ने वहां से भागने की कोशिश की, लेकिन उसे जाने नहीं दिया गया। उसके शरीर से बहुत खून बह रहा था, उसे 45 मिनट तक तड़पते हुए लटकने दिया गया। उसने निहंगों से कथित रूप से सिर काटने की विनती भी की ताकि बिना तड़पे उसकी मौत हो जाए। हालांकि निहंगों ने उसे आसान मौत भी नहीं दी और तड़पने दिया।
चार निहंगों ने किया सरेंडर
मीडिया, पुलिस और सरकार के दबाव के बाद निहंगों की और से चार लोगों ने सरेंडर कर दिया। इसमें सरबजीत, भगवंत सिंह, गोविंद प्रीत व नारायण सिंह शामिल हैं। ये सभी लखबीर सिंह हत्या केस में सोनीपत की अदालत द्वारा 6 दिन की पुलिस रिमांड पर भेजे गए हैं। चारों आरोपियों ने भिन्न-भिन्न जगह सरेंडर किया। फिलहाल पुलिस सभी से पूछताछ कर मामले की तह तक जा रही है।
हरियाणा पुलिस को दिया खुला चैलेंज
इस बीच सोनीपत के सिंघु बॉर्डर पर बैठी निहंग जत्थेबंदियों ने हरियाणा पुलिस को खुला चैलेंज दिया है। उन्होंने कहा कि प्रशासन अब इस मामले में और कोई गिरफ़्तारी की उम्मीद न करे। यदि पुलिस अधिकारियों ने किसी और को गिरफ्तार किया तो हमारे जो चार बंदे अंदर हैं, हम उन्हें भी बाहर निकाल लेंगे। एक तरह से उन्होंने हरियाणा पुलिस को धमकी दे दी कि यदि हमारे ऊपर और गिरफ़्तारी का दवाब बनाया गया तो जिन्होंने सरेंडर किया है हम उन्हें भी छुड़वा लेंगे।
वैसे इस पूरे मामले पर आपकी क्या राय है?