तुर्की में खुदाई के दौरान मिले 11 हज़ार साल पुरानी दुर्लभ वस्तुएं, दिखी अद्भुत नक्काशी
तुर्की में खुदाई के दौरान कई ऐसी दुर्लभ और प्राचीनतम कलाकृतियां और मूर्तियां बरामद हुई हैं, जो काफ़ी हैरान करने वाली हैं। जी हां इन मूर्तियों को देखकर वैज्ञानिक भी सोचने पर मजबूर हो गए हैं, कि आज से 11 हजार साल पहले की कारीगरी कितनी उन्नत रही होगी और कलाकार कितने बेमिसाल रहे होंगे। बता दें कि तुर्की में 11 हजार साल पुरानी मूर्तियों पर की गई बेमिसाल नक्काशी को देखकर उस वक्त के कारीगरों के कलात्मक कौशलता का पता लगाया जा सकता है।
तुर्की के इस प्रान्त में मिली खुदाई के दौरान दुर्लभ चीजें…
गौरतलब हो कि तुर्की के दक्षिणपूर्वी प्रांत सानलिउरफा के कराहेंटेपे नाम के जगह पर खोजकर्ताओं ने जमीन के अंदर से दुर्लभ चीजें बरामद की है। रिपोर्ट के मुताबिक, जमीन के अंदर से कई इंसानों की आकृति और नक्काशियां मिली हैं। खोजकर्ताओं ने जमीन के अंदर से 11 हजार साल पुरानी कलात्मक मूर्तियां बरामद की हैं, जिनको लेकर खोजकर्ताओं का कहना है कि, इन मूर्तियों के ऊपर जिस तरह की नक्काशी की गई है, वो बेमिसाल है और उस समय के लोगों के कलात्मक कौशल के बारे में एक महत्वपूर्ण रहस्योद्घाटन है।
जमीन के अंदर से खोजकर्ताओं को 3D मूर्तियों के अलावा 250 से ज्यादा टी- आकार के बड़े बड़े पत्थर मिले हैं। जमीन के अंदर से खुदाई के दौरान 758 मीटर व्यास और 18 फीट गहरी एक अतिप्राचीन इमारत भी मिली है।
नेकमी करुल की अध्यक्षता में 2019 से चल रही थी खुदाई…
Human depictions and obelisks are seen at Karahantepe, one of the important settlements of the Neolithic period, during the night hours in Sanliurfa, Turkey https://t.co/mELCf7xsxb
?: Eşber Ayaydın pic.twitter.com/375FUSxr0G
— Anadolu Images (@anadoluimages) September 30, 2021
बता दें कि प्रोफेसर नेकमी करुल की अध्यक्षता में खुदाई का काम 2019 में शुरू किया गया था और इसे नवपाषाण युग के बारे में एक महत्वपूर्ण खोज कहा जाता है। तुर्की राज्य द्वारा संचालित अनादोलु एजेंसी के साथ एक इंटरव्यू में, प्रोफेसर करुल ने संकेत दिया है कि, उस समय के लोगों ने बहुत हद तक कलात्मक क्षमताओं का विकास कर लिया था।
यूनेस्को का है विश्व धरोहर स्थल…
वहीं जानकारी के लिए बता दें कि कराहेंटेपे साइट गोबेकली टेप के पास स्थित है जिसे यूनेस्को ने विश्व धरोहर स्थल घोषित कर रखा है। गोबेकली टेप को दुनिया का सबसे पुराना मंदिर स्थल माना जाता है, जिसमें महापाषाण संरचनाएं 10 वीं सहस्राब्दी ईसा पूर्व की मूर्तियां मिली हैं। कराहंतेपे में इस उत्खनन से अब पुरातत्वविद न केवल मौजूदा उत्खनन का अध्ययन कर रहे हैं बल्कि गोबेकली टेप में मिली चीजों को लेकर भी स्टडी कर रहे हैं। आपको बता दें कि गोबेकली टेपे की खुदाई आज से करीब 25 साल पहले शुरू हुई थी और उसमें मिली चीजों के बारे में ज्यादा जानकारी सार्वजनिक नहीं है।
इतना ही नहीं प्रोफेसर करुल बताते हैं कि, कराहंतेपे खुदाई में मिली वस्तुएं गोबेकली टेपे स्थल पर मिली वस्तुओं के समान हैं। गोबेकली टेप में खुदाई 25 साल पहले शुरू हुई थी। गोबेकली टेपे के लोगों के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है। कुछ पुरातत्वविदों का अनुमानों के आधार पर कहना है कि, हो सकता है कि उस वक्त जानवरों के शिकार में लगे लोग टी-आकार के स्तंभ को तराशने के लिए एक जगह पर इकट्ठे हुए हों।
क्या है धार्मिक अनुष्ठान की थ्योरी…
आख़िर में बता दें कि वहां मौजूद कुछ सामानों का अध्ययन करने पर कुछ पुरातत्वविदों ने ये भी अनुमान लगाया है कि, हो सकता है उस वक्त के लोग उस जगह पर अलग अलग तरीके का धार्मिक अनुष्ठान करते हों और उसी धार्मिक अनुष्ठान के लिए वो अलग अलग संरचनाओं का निर्माण कर रहे हों। हालांकि, कराहंतेपे में खुदाई में मिली चीजों के आधार पर पुरातत्वविदों का मानना है कि इस खुदाई से गोबेकली टेप में मिली चीजों के बारे में भी काफी कुछ समझने को मिलेगा।