68 साल बाद एयर इंडिया की हो रही ‘घर वापसी’। टाटा कंपनी चलाएगी एयर इंडिया
आखिरकार टाटा की हुई AIR INDIA, 68 साल बाद हुई घर वापसी
लाखों मुसाफिरों को हवा में बात कराते हुए अपने गंतव्य तक पहुँचाने वाली एयर इंडिया को आखिरकार खरीददार मिल गया है। जी हां क़रीब 68 साल बाद एयर इंडिया की घर वापसी हो रही है। बता दें कि सरकारी एयरलाइंस कंपनी एयर इंडिया को टाटा संस ने बोली लगाकर जीत लिया है। मालूम हो कि एयर इंडिया की ब्रिकी प्रक्रिया में टाटा ने सबसे अधिक कीमत लगाई थी। जिसके बाद अब एयर इंडिया की कमान टाटा ग्रुप के पास आ गई है।
यानी अब एयर इंडिया का नियंत्रण टाटा कंपनी के पास होगा। आपको बता दें कि एयर इंडिया के लिए कई कंपनियों ने बोली लगाई थी। जिसमें टाटा ग्रुप के अलावा स्पाइसजेट के अजय सिंह ने भी एयरलाइंस कंपनी को खरीदने के लिए आखिरी बोली लगाई थी, लेकिन आखिरकार यह कंपनी टाटा ग्रुप के पास रहेगी।
दिसंबर तक टाटा को मिल जाएगा मालिकाना हक…
बता दें कि सिविल एविएशन मिनिस्ट्री ने अभी तक इसकी ऑफिशियल अनाउंसमेंट नहीं की है। वहीं सूत्रों की मानें तो दिसंबर 2021 तक एयर इंडिया की विनिवेश प्रक्रिया पूरी हो जाएगी। यानी दिसंबर तक टाटा संस को एयर इंडिया का मालिकाना हक मिल जाएगा।
68 साल बाद एयर इंडिया की हो रही घर वापसी…
Air India Divestment | Tata Group likely to have emerged winner; official comment is awaited#AirIndia #Tata pic.twitter.com/qGcKnjzNK7
— CNBC-TV18 (@CNBCTV18Live) October 1, 2021
आपको बता दें कि टाटा ग्रुप ने अक्टूबर 1932 में एयर इंडिया की स्थापना की थी। उस समय उसका नाम टाटा एयरलाइंस था। टाटा समूह के जेआरडी टाटा इसके फाउंडर थे और वे खुद एक पायलट थे। वहीं दूसरे विश्व युद्ध के बाद इसका राष्ट्रीयकरण किया गया। आजादी के बाद सरकार ने इसमें 49 फीसदी हिस्सेदारी खरीद ली। जिसके बाद इसका नाम एयर इंडिया हो गया और अब 68 साल बाद फिर से एयर इंडिया टाटा ग्रुप के पास आ गई।
वहीं जानकारी के लिए बता दें कि 2007 में इंडियन एयरलाइंस में विलय के बाद से एयर इंडिया को कभी प्रॉफिट नहीं हुआ। 31 मार्च 2019 तक कंपनी पर कुल 60,074 करोड़ का कर्ज था और वित्त वर्ष 2019-20 के प्रोविजनल आंकड़ों के मुताबिक, एयर इंडिया पर कुल 38,366.39 करोड़ रुपये का कर्ज है। ऐसे में देखें तो टाटा ग्रुप को एयर इंडिया के कर्ज़ को उठाना पड़ेगा।
दूसरी बार एयर इंडिया में हिस्सेदारी बेचने की हुई सफ़ल कोशिश…
बता दें कि सरकार ने दूसरी बार एयर इंडिया में अपनी हिस्सेदारी बेचने की कोशिश की। जो सफल भी रही। इससे पहले केंद्र सरकार ने 2018 में कंपनी में 76 फीसदी हिस्सेदारी बेचने की कोशिश की थी। लेकिन इसका कोई खास रिजल्ट देखने को नहीं मिला था। उस समय सरकार ने फाइनेंशियल बिड्स मंगवाई थी।
केंद्र सरकार की स्वामित्व वाली कंपनी एयर इंडिया ने अपनी 100 फीसदी हिस्सेदारी बेच दी और इसमें एआई एक्सप्रेस लिमिटेड में एयर इंडिया की 100 फीसदी हिस्सेदारी और एयर इंडिया एसएटीएस एयरपोर्ट सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड में 50 फीसदी हिस्सेदारी शामिल हैं। वहीं चलते-चलते बता दें कि मौजूदा समय में एयर इंडिया देश में 4400 और विदेशों में 1800 लैंडिंग और पार्किंग स्लॉट को कंट्रोल करती है।