हाथरस में 14 वर्ष की किशोरी से दुष्कर्म की कोशिश कर जलाने वाले को होगी फांसी की सज़ा
सरकारें महिला सुरक्षा का चाहे कितना ही दावा करें लेकिन आए दिन हमारे यहां दुष्कर्म और उसके बाद हत्या के मामले सामने आते रहते हैं। लंबी सुनवाई के बावजूद पीड़िता को न्याय मिलने में काफी समय लग जाता है। लेकिन हाथरस दुष्कर्म मामले में कोर्ट ने 2 साल के ट्रायल के अंदर ही पीड़िता को न्याय देते हुए आरोपी को फांसी की सजा सुनाई है। आरोपी ने युवती से दुष्कर्म करने के बाद विरोध करने पर घासलेट डालकर युवती को जला दिया था बाद में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी।
अप्रैल 2019 में हाथरस के पास सिकंदराराऊ थाना क्षेत्र में पीड़ित युवती के पिता ने शिकायत कराई थी कि वो और उसकी पत्नी घर से बाहर गए थे घर पर बच्ची और उसकी नानी अकेले थे। तभी देर रात मोनू ठाकुर घर में घुस आया। उसने बेटी के साथ छेड़छाड़ की और विरोध करने पर मिट्टी का तेल डालकर उसे जला दिया।
घटना का पता चलते ही उन्होंने युवती को गंभीर हालत में अलीगढ़ के जेएन मेडिकल कालेज में भर्ती कराया जहां 17 दिन तक इलाज के बाद उसकी मौत हो गई थी। पीड़िता के पिता की शिकायत और पीड़िता के बयानों के आधार पर पुलिस ने आरोपित मोनू ठाकुर के खिलाफ धारा 354, 354ए, 452, 326ए के तहत मुकदमा दर्ज किया था।
इस मामले में पोक्सो अधिनियम के तहत विशेष न्यायाधीश एडीजे प्रतिभा सक्सेना ने सुनवाई की। कोर्ट ने कई ट्रायल्स और दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद अपना फैसला सुनाया है। आरोपी मोनू ठाकुर को दोषी मानते हुए धारा 302 में फांसी की सजा, 50 हजार रुपये जुर्माना, धारा 326ए में सश्रम आजीवन कारावास, 50 हजार रुपये जुर्माना, धारा 376 व 5/6 पोक्सो अधिनियम में सश्रम आजीवन कारावास, 50 हजार रुपये जुर्माना, धारा 354 व 7/8 पोक्सो अधिनियम पांच वर्ष कारावास और 5 हजार रुपये अर्थदंड, धारा 452 में सात वर्ष कारावास और 10 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। अगर आरोपी के द्वारा निर्धारित आर्थिक दंड का भुगतान नहीं किया जाता है तो उसे 6 महीने का कारावास और भुगतना होगा।
क्या हुआ था उस रात
15 अप्रैल 2019 को 14 वर्ष की किशोरी अपनी नानी के पास घर पर थी। माता-पिता किसी रिश्तेदारी के यहां गए थे। रात के करीब दस बजे मोनू ठाकुर पीड़िता के घर पहुंच गया जब वो छत पर खाना बना रही थी। आरोपी ने उसके साथ छेड़छाड़ शुरू कर दी। किशोरी ने विरोध किया तो मोनू ठाकुर ने केरोसिन डालकर किशोरी को जिंदा जला दिया। तभी पीड़िता की नानी आ गई और उसने मोनू को पहचान लिया, मोनू धमकी देकर वहां से भाग निकला। पीड़िता ने अपने बयान में बताया कि मोनू के साथ दो अन्य लोग भी मौजूद थे।