मौसमी चटर्जी का ख़ुलासा, कहा- देर रात घर आते थे संजीव कुमार, मैं उनसे परेशान हो जाती थी
दिवंगत अभिनेता संजीव कुमार और गुजरे जमाने की मशहूर अदाकारा मौसमी चटर्जी दोनों ने ही हिंदी सिनेमा में बड़ा नाम कमाया है. संजीव कुमार सालों पहले इस दुनिया को अलविदा कह चुके हैं जबकि मौसमी चटर्जी 73 साल की हो गई हैं. मौसमी ने हिंदी सिनेमा के साथ ही अपनी अदाकारी का जलवा बंगाली सिनेमा में भी भी बिखेरा हैं.
मौसमी चटर्जी ने फ़िल्मी दुनिया में कदम फिल्म ‘बालिका वधू’ से रखे थे. बंगाली सिनेमा और हिंदी सिनेमा दोनों ही सिनेमा में उन्होंने बड़ी पहचान बनाई. धर्मेंद्र से लेकर संजीव कुमार तक हिंदी सिनेमा के बड़े-बड़े अभिनेताओं के साथ मौसमी ने स्क्रीन साझा की है. दिवंगत अभिनेता संजीव के साथ वे ‘अंगूर’ से लेकर ‘बेरहम’ और ‘दासी’ जैसी कई फिल्मों में देखने को मिली. ऐसे में दोनों से जुड़े ख़ास किस्से होना भी लाजिमी है.
मौसमी चटर्जी संजीव को लेकर ख़ुलासा कर चुकी है कि वे रोज रात को उनके घर पहुंच जाते थे और खाना मांगने लगते थे. साथ ही मौसमी ने यह ख़ुलासा भी किया था कि संजीव कुमार को वे हरीभाई जरीवाला के नाम से बुलाती थीं. आपको जानकारी के लिए बता दें कि संजीव का असली नाम हरीभाई जेठालाल जरीवाला था.
सालों पहले मौसमी चटर्जी ने एक साक्षात्कार में हिस्सा लिया था इस दौरान उन्होंने संजीव कुमार के साथकी अपनी सुनहरी यादों को साझा किया था. मौसमी ने कहा था कि, “वह पाली हिल में हमारे घर के पास ही रहते थे. हम काफी अच्छे दोस्त थे. वह अच्छी समझ वाले एक नरम दिल इंसान थे. वह मुझे बच्चों की तरह मानते थे. कई बार वह तब मेरे घर आ जाते, तब मैं और मेरे पति कहीं बाहर जा रहे होते थे.”
संजीव को लेकर आगे अभिनेत्री ने बताया था कि, “वह हमें देखकर कहते ‘तुम लोग जाओ, बस अपनी मेड से कह दो कि मेरे लिए कुछ नॉनवेज बना दे. क्या घर की फ्रिज में कोई मछली है.’ एक वक्त ऐसा भी था, जब वह देर रात घर आते थे. उस वक्त मेरी दूसरी बेटी मेघा का जन्म ही हुआ था. उनकी इन चीजों से मैं काफी परेशान हो गई थी.”
मौसमी चटर्जी के मुताबिक़, “मैं उन्हें देखकर कहती थी, ‘यह कोई टाइम है आने का? आप यहां खाना खाने आते हैं क्या? ड्राइवर भेज दो, हम आपको डब्बा दे दिया करेंगे.’ बाबू (मौसमी चटर्जी के पति) को भी इन चीजों से काफी शर्मिंदगी होती थी. लेकिन हरीभाई उनसे कहते थे कि मैं उनकी मां की तरह हूं.”
मौसमी को ‘मौश’ कहते थे संजीव कुमार…
वहीं मौसमी ने यह भी बताया था कि संजीव कुमार उन्हें क्या कहकर बुलाते थे. अभिनेत्री ने अपने साक्षात्कार में कहा था कि, “मैं ही एक ऐसी एक्ट्रेस थी, जो उन्हें जरीवाला कहकर बुलाती थी. मुझे यह टाइटल बहुत मजेदार लगता था और मैं उन्हें पूरे नाम से नहीं बुलाना चाहती थी. वह मुझे ‘मौश’ कहकर बुलाते थे. मैंने फिल्म ‘जिंदगी’ में उनकी बेटी का किरदार अदा किया था.”
गौरतलब है कि संजीव कुमार को फिल्म ‘शोले’ में निभाए गए ‘ठाकुर’ के रोल से ख़ूब लोकप्रियता मिली थी. इस दिग्गज़ अभिनेता का बहुत कम उम्र में निधन हो गया था. 6 नवंबर 1985 को मुंबई में उन्होंने अंतिम सांस ली थी. महज 47 साल की उम्र में संजीव कुमार ने दिल का दौरा पड़ने के चलते दुनिया छोड़ दी थी.