हेमा मालिनी ने नहीं मानी थी मां की यह बात, जिसका उन्हें आजतक है पछतावा
अपने अंतिम दिनों में हेमा मालिनी की मां ने कही थी यह बात, जिसे न मानने का गम आज़तक नहीं भूला सकी हैं
बॉलीवुड की ‘ड्रीम गर्ल’ यानी हेमा मालिनी किसी पहचान की मोहताज़ नहीं हैं। जी हां हेमा मालिनी बॉलीवुड की सफल अभिनेत्री होने के साथ ही साथ एक चर्चित राजनेता भी हैं। बता दें कि अपने एक्टिंग करियर को आगे बढ़ाने के साथ ही उन्होंने धर्मेंद्र (Dharmendra) से शादी की और अपनी दोनों बेटियों आहना और ईशा देओल (Esha Deol) को बड़ा भी किया।
गौरतलब हो कि हेमा मालिनी एक गीत जिसके बोल हैं ‘किसी शायर की गजल ड्रीम गर्ल, किसी झील का कमल ड्रीम गर्ल। कभी तो मिलेगी कहीं तो मिलेगी। आज नहीं तो कल’। इसी के बाद बॉलीवुड की ड्रीम गर्ल बन गई थी और धीरे-धीरे उनका बॉलीवुड करियर ऊंचाइयों को छूता चला गया। वहीं हेमा मालिनी के साथ सबसे अच्छी बात जो रही है।
उसके अनुसार हेमा मालिनी के हर अच्छे बुरे समय में उनकी मां (Hema Malini Mother) जया हमेशा साथ रहीं। हालांकि एक बार जब जया चक्रवर्ती चाहती थीं कि उनकी बेटी उनके साथ रहे लेकिन हेमा ने उनकी बात को अनसुना कर दिया। उसके कुछ समय बाद ही जया चक्रवर्ती का निधन हो गया था। हेमा मालिनी को ताउम्र उस बात का पछतावा बना रहा।
बता दें कि भावना सोमाया की किताब ‘हेमा मालिनी: एक अनकही कहानी’ में हेमा मालिनी ने अपनी मां के अंतिम दिनों पर खुलकर अपने दिल की बातें कही हैं। तो आइए आज हम आपको ऐसा ही क़िस्सा बताते हैं। गौरतलब हो कि हेमा मालिनी साल 2003 में ‘वीर जारा’ फिल्म कर रही थीं। शूटिंग के लिए उन्हें शहर से बाहर जाना था। वह किसी भी हाल में शूटिंग कैंसिल नहीं कर सकती थीं। उनकी मां ने उनसे कहा कि मत जाओ। यहीं मेरे साथ रहो। लेकिन हेमा की मजबूरी थी कि वह रुक नहीं सकती थीं।
वहीं हेमा जब शूट पर थीं तब उनकी मां की तबीयत अचानक बिगड़ गई। उन्हें दिल का दौरा पड़ने के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया। हेमा खबर मिलते ही मुंबई वापस लौट आईं और अस्पताल में मां की हालत देख वो बहुत रोईं। उसके बाद कुछ दिनों तक हेमा मालिनी की मां का इलाज चलता रहा लेकिन सेहत में सुधार नहीं दिख रहा था। धीरे-धीरे वह कोमा में चली गईं। डॉक्टरों ने जवाब दे दिया था कि अब कुछ नहीं हो सकता।
ऐसे में एक दिन देर रात के समय हेमा अस्पताल पहुंचीं। उनकी मां के पास बैठी नर्स को उन्होंने बाहर जाने को कहा। कमरे में अकेले वह काफी देर तक मां के सीने से लिपटी रहीं। उन्हें पता था कि वो कुछ देख सुन नहीं पा रही हैं लेकिन विश्वास था कि वह उनकी मौजूदगी जरूर महसूस कर रही होंगी। काफी देर तक मां के गले लगे रहने के बाद हेमा मालिनी घर चली गईं। घर जाने के कुछ समय बाद ही डॉक्टरों का फोन आया कि उनकी मां अब इस दुनिया में नहीं रहीं।
बता दें कि वह तारीख थी 24 जनवरी 2004। मां के निधन के बाद हेमा मालिनी को इस बात का संतोष रहा कि वह आखिरी बार मां के गले लग कर उनसे अपने दिल की बात कह सकी थीं। लेकिन उन्हें ये पछतावा भी हमेशा रहा कि काश वह अपनी मां की बात सुन उस दिन शूटिंग पर ना गई होती।