गणपति बप्पा के पांच प्रसिद्ध मंदिर। दर्शन एकबार जरूर करें, पूर्ण होंगी सभी मनोकामनाएं…
गणेश जी का 10 दिवसीय महापर्व आज से शुरू हो रहा है। इतना ही नहीं यह तो हम सभी को मालूम है कि गणेश जी का पूजन हर पूजा से पहले अनिवार्य माना गया है। मान्यता है कि गणेश जी का पूजन पहले ना करने से कोई भी कार्य सफलतापूर्वक पूर्ण नहीं हो पाता है। विघ्न विनाशक गणेश जी के पूजन से सुख समृद्धि आती है और जीवन का हर कष्ट दूर होता है। तो आइए ऐसे में आज हम आपको देश मे स्थित उन पांच गणेशजी के मंदिरों के बारे में बताते हैं। जिनका अपना एक इतिहास और महत्व है…
उज्जैन का चिंतामण गणेश मंदिर…
उज्जैन में श्री गणेश का एक पवित्र तीर्थ ‘चिंतामन गणेश मंदिर’ के रूप में स्थापित है। ये स्थान उज्जैन से करीब 6 किलोमीटर दूर फतेहाबाद रेलवे लाइन के पास स्थित है। बता दें कि चिंतामन गणेश मंदिर की सबसे बड़ी विशेषता ये है कि यहां पर श्री गणेश तीन रूप में एक साथ विराजमान है। ये तीनों स्वरूप चितांमण गणेश, इच्छामण गणेश और सिद्धिविनायक के रूप में जाने जाते है। कहते हैं कि इनमें से चिंतामण गणेश चिंताओं को दूर करते हैं, इच्छामण इच्छाओं की पूर्ति करते हैं और सिद्धिविनायक रिद्धि-सिद्धि देते हैं। ये भी माना जाता है कि गणेश जी की ऐसी अद्भुत और अलौकिक प्रतिमा देश में शायद और कहीं नहीं है।
वहीं चिंतामन मंदिर से जुड़ी एक रोचक कथा भी सुनने में आती है। कहते हैं कि त्रेतायुग में भगवान राम ने गणपति की ये मूर्ति स्वयं स्थापित कर इस मंदिर का निर्माण कराया था। पौराणिक कथा के अनुसार वनवास काल में एक बार सीता जी को प्यास लगी। तब राम की आज्ञा से लक्ष्मण जी ने अपना तीर इस स्थान पर मारा जिससे पृथ्वी में से पानी निकला और यहां एक बावडी बन गई। तभी श्री राम ने अपनी दिव्यदृष्टि से वहां की हवाएं दोषपूर्ण होने की बात जानी और इसे दूर करने के लिए गणपति से अनुरोध कर उनकी उपासना की इसके बाद ही सीता जी बावड़ी के जल को पी सकीं। इसके पश्चात श्री राम ने यहां के इस चिंतामन मंदिर का निर्माण कराया। कहते हैं आज भी लक्ष्मण बावड़ी के नाम से वो तालाब यहां मौजूद है।
जयपुर का मोती डूंगरी गणेश मंदिर…
बता दें कि राजस्थान की राजधानी जयपुर का मोती डूंगरी गणेश मंदिर भी बेहद मशहूर है। यहां की मूर्ति 500 साल से ज्यादा पुरानी है। इसे जयपुर के राजा माधौसिंह की रानी के पैतृक गांव से लाया गया था। यह मंदिर नए वाहनों की पूजा के लिए बेहद मशहूर है।
इंदौर का खजराना गणेश मंदिर…
मध्य प्रदेश के इंदौर शहर का खजराना गणेश मंदिर भी बेहद मशहूर है। उज्जैन के चिंतामण गणेश मंदिर की मौजूदा इमारत की तरह इस मंदिर का निर्माण भी होलकर वंश की महारानी अहिल्या बाई ने करवाया था। मान्यता है कि इस इलाके में रहने वाले मंदिर के पुजारी को गणेश मूर्ति के जमीन के अंदर दबे होने का सपना आया था। इसके बाद यहां खुदाई में भगवान की मूर्ति मिली और फिर महारानी ने यहां मंदिर बनवाया।
मुंबई का सिद्धिविनायक मंदिर…
महाराष्ट्र के मुंबई शहर में बना सिद्धिविनायक मंदिर सेलिब्रिटीज के बीच बेहद लोकप्रिय है। जी हां यहां फिल्म स्टार्स, देश के बड़े-बड़े उद्योगपति आए दिन अपनी मन्नत मांगने और उसके पूरे होने पर चढ़ावा चढ़ाने के लिए आते रहते हैं। यह मंदिर देश के सबसे अमीर मंदिरों में भी शामिल हैं।
बता दें कि इस मंदिर में स्थापित गणेश प्रतिमा करीब 200 साल पुरानी है। मंदिर के शिखर पर 3.5 किलो सोने का कलश लगा हुआ है। साथ ही मंदिर के अंदर दीवारों तक पर सोने की परत चढ़ाई गई है।
पुणे का दगड़ू गणेश मंदिर…
महाराष्ट्र के पुणे शहर का दगड़ूसेठ हलवाई गणेश मंदिर भी 200 साल पुराना है। यहां के व्यापारी दगड़ू सेठ हलवाई ने अपने बेटे की मृत्यु के बाद गुरु माधवनाथ महाराज के कहने पर यह गणेश मंदिर बनवाया था और इस मंदिर में भी मन्नत मांगने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं।