जो बाइडन से पूछा काबुल एयरपोर्ट हमले पर सवाल तो हो गए खामोश, फिर हो गए भावुक
अफगानिस्तान पर कब्जे के बाद से दुनियाभर में तालिबान की ख़ूब आलोचना हो रही है. दुनियाभर में उसकी थू-थू हो रही है और हर कोई उस पर ख़ूब निशाने साध रहा है. लगभग-लगभग पूरे अफगानिस्तान को तालिबानी आतंकियों ने अपने कब्जे में ले लिया है. बीते कई दिनों में तालिबान ने अफगानिस्तानियों पर ख़ूब कहर ढहाया है. वहीं गुरुवार को अफगानिस्तान की राजधानी काबुल के हवाईअड्डे पर हुए दो आतंकी हमले के बाद इस मुद्दे पर चर्चा और तेज हो गई है.
गौरतलब है कि गुरुवार को सिलसिलेवार काबुल एयरपोर्ट पर दो बम धमाके हुए थे. पहला बम धमाका शाम 6 बजे के करीब एबे गेट पर हुआ था. वहीं कुछ मिनटों के बाद ही दूसरा धमाका एयरपोर्ट के बाहर बैरन होटल के पास हुआ था. ये दोनों ही जगह पास-पास ही है. इन बम धमाकों में 72 लोगों की मौत अब तक हो चुकी है. वहीं घायलों की संख्या डेढ़ सौ लोगों से अधिक है.
बता दें कि, मृत लोगों में अमेरिकी सेना के जवान और बच्चे भी शामिल हैं. इस हमले के बाद अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन बहुत बुरी तरह भड़क गए हैं और उन्होंने साफ शब्दों में कह दिया है कि इन बम धमाकों का बदला लिया जाएगा. इन धमाकों के बाद व्हाइट हाउस में प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया था. प्रेस वार्ता में मीडिया ने इस मामले में बाइडन से सवाल किया. कुछ देर तो बाइडन के चेहरे पर खामोशी दिखी. वे कुछ बोल नहीं पाए और थोड़े भावुक नज़र आए. वहीं बाद में उन्होंने कहा कि वे इस हमले को न भूलेंगे और न ही भूलने देंगे. इसका बदला हम जरूर लेंगे. इसका समय और तारीख भी हम ही तय करेंगे.
खोरासन (ISIS-K) गुट ने ली बम धमाकों की जिम्मेदारी…
इन बम धमाकों के जिम्मेदारों का नाम भी सामने आ गया है. इन हमलों की जिम्मेदारी इस्लामिक स्टेट के खोरासन (ISIS-K) गुट ने ली है. इस आतंकी संगठन ने टेलीग्राफ के माध्यम से इसकी जानकारी सार्वजनिक की है.
पहले ही दे दिया था अलर्ट…
इस हमले को लेकर अमेरिका, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों ने गुरुवार सुबह ही चेतावनी दे दी थी. अमेरिका ने भी कुछ दिनों पहले अपने नागरिकों को चेताते हुए कहा था कि वो काबुल एयरपोर्ट के बाहर मौजूद न रहे. ऐसा अमेरिका ने आईएस के हमले की आशंका जताते हुए कहा था. वहीं ब्रिटेन भी अपने नागरिकों को इस तरह का अलर्ट दे चुका था.
इन बम धमाकों पर तालिबान ने भी अपनी बात रखी है और तालिबानी प्रवक्ता जबीउल्लाह ने इसकी निंदा करते हुए इसे आतंकी घटना बताया है.