तालिबान की दरिंदगी: 14 साल की लड़की से की जबरन शादी, काट दिए नाक-कान, चेहरा भी कुचल दिया
अफगानिस्तान पर इन दिनों तालिबान का कब्जा है। मीडिया के सामने शांति और अमन की बातें करने वाला तालिबान कितना क्रूर है ये सोशल मीडिया पर वायरल हो रही तस्वीरों से पता लगाया जा सकता है। तालिबान की क्रूरता की कहानियां सोशल मीडिया पर आए दिन वायरल होती रहती है। महिलाओं के अच्छा खाना न बनाने पर उन्हें गोली मारने से लेकर ताबूत में बंद कर महिलाओं की सप्लाई करने तक हर कहानी तालिबान का हैवान चेहरा दिखाती है।
इस बीच तालिबान की हैवानियत से जुड़ा एक पुराना किस्सा बड़ा वायरल हो रहा है। बात 2001 की है, जब एक अफ़गान लड़की ने शादी के लिए मना किया तो तालिबानियों ने उसकी नाक ही काट दी थी। यहां तक कि तालिबान लड़ाकों ने आयशा का चेहरा भी बुरी तरह से बिगाड़ दिया था। इन तस्वीरों से ही आप अंदाजा लगा सकते हैं कि उस समय 18 साल की आयशा पर क्या क्या गुजरी होगी।
नाक के अलावा तालिबानी लड़ाकों ने आयशा के कान भी काट दिए थे। ये सब बस इसलिए हुआ क्योंकि तालिबान ने आयशा की शादी जबरन किसी लड़ाके से करा दी थी। ऐसे में जब मौका देखकर आयशा ने भागने का प्रयाश किया तो उन जालिमों ने आयशा का बुरा हाल कर दिया। वे लोग उसे पहाड़ी पर घसीटकर ले गए। फिर उसके कान काटे, नाक काटी और चेहरा भी बुरी तरह जख्मी कर दिया।
आयशा की कहानी पूरी दुनिया ने तब देखी जब उनकी फोटो पहली बार 2010 में टाइम पत्रिका के कवर पर छपी। यह कहानी बयां कर रही थी कि कैसे 2001 में सत्ता से आउट होने के बाद भी तालिबान की क्रूरता जारी थी। अब एक बार फिर जब तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया है तो आयशा की कहानी लोगों को फिर याद आ रही है।
आयशा के पिता बताते हैं कि जब उनकी बेटी 12 साल की थी तभी तालिबानी लड़ाकों उससे शादी करना चाहते थे। फिर जब वह 14 की हुई तो उन्होंने उसे शादी करने पर मजबूर किया। आयशा चार साल तक तालिबान लड़ाके के साथ मजबूरी में रही, लेकिन फिर जब एक दिन उसने भागने का प्रयास किया तो एक धार्मिक सजा सुनाने वाले जज ने उसे पकड़कर सजा सुना दी। इसके बाद आयशा 5 महीने तक जेल में रही। फिर उसे अपने परिवार के पास छोड़ दिया गया।
हालांकि रात में तालिबान लड़ाके उसके घर आ गए। वह उसे गांव के पास की पहाड़ी पर घसीट के ले गए और उसकी खूब पिटाई की। नाक और कान काट दिए। चेहरा भी कुचल दिया। फिर उसे वहीं पहाड़ पर मरने के लिए छोड़ दिया। आयशा जैसे तैसे रेंगते हुए दादा के पास गई, लेकिन उन्होंने तालिबान के डर से सहायता करने से मना कर दिया। फिर एक अमेरिकी कैंप ने आयसा की हेल्प की। यहां से आयशा अफगानिस्तान से भाग अमेरिका चली गई। यहां उनकी सर्जरी भी हुई।
बाद में आयशा को एक अफगान-अमेरिकी कपल ने गोद भी ले लिया था। वर्तमान में वे मैरीलैंड में रहती है। उनकी सभी सर्जरी होने में 12 साल का समय लग गया। 2010 में तालिबान को लेकर आयशा का एक बयान भी आया था। उन्होंने कहा था कि मेरी स्टोरी महिलाओं के खिलाफ क्रूरता की कई कहानियों में से एक है।