पत्नी सुनंदा की मौत के मामले में कांग्रेस नेता शशि थरूर बरी, कहा- साढ़े सात साल से दर्द में था
नई दिल्ली : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सांसद शशि थरूर बीते करीब साढ़े सात सालों से अपनी पत्नी सुनंदा पुष्कर की मौत के मामले में आरोपी माने जा रहे थे. इसे लेकर वे साढ़े सात साल से कई बार सुर्ख़ियों में रहे. हालांकि अब इस मामले में वे निर्दोष पाए गए है. उन्होंने अब राहत की सांस ली है.
शशि थरूर को अपनी पत्नी की मौत के मामले में दिल्ली की राउज एवेंन्यू कोर्ट ने निर्दोष करार दिया है.
बता दें कि, सुनंदा पुष्कर सुसाइड केस में शक की सुई शशि थरूर पर ही घूमी थी. आपको जानकारी के लिए बता दें कि, सुनंदा जनवरी, 2014 में दिल्ली के एक बड़े होटल के कमरे में मृत पाई गई थी. उन्होंने खुदकुशी कर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली थी. सुनंदा की मौत के मामले में शशि हर किसी की निगाहों में थे और हर कोई उन पर ही निशाना साध रहा था.
पत्नी के सुसाइड के मामले में शशि पर कई आरोप भी लगे थे. हालांकि अब जब उन्हें दिल्ली की राउज एवेंन्यू कोर्ट ने इस मामले में बेगुनाह माना है तो राहत की सांस लेते हुए थरूर ने अदालत का धन्यवाद किया है.
साथ ही थरूर ने यह भी बताया है कि वे बीते साढ़े सात सालों से बह दर्द भरा जीवन जी रहे थे. वे इस टॉर्चर के दबे दर्द झेले जा रहे थे. हालांकि अब इस केस में कांग्रेस नेता और सांसद शशि थरूर को क्लीन चिट मिल गई है. बता दें कि, पत्नी की मौत के मामले में दिल्ली पुलिस ने थरूर पर शिकंजा कसा था.
पुलिस ने कांग्रेस नेता के ख़िलाफ़ सुनंदा को आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया था. थरूर को गिरफ़्तार भी किया गया था, हालांकि बाद में उन्हें जमानत पर छोड़ दिया गया था. लेकिन दिल्ली पुलिस ने इस मामले की जांच में थरूर के ख़िलाफ़ ऐसा कुछ सबूत हासिल नहीं किया जिस तरह का शक उन पर जताया जा रहा था. ऐसे में इस मामले में उन्हें पूरी तरह से छुटकारा मिल गया है.
गौरतलब है कि अगर इस केस में शशि थरूर दोषी पाए जाते तो कम से कम उन्हें 10 साल की जेल की सजा हो सकती थी. बता दें कि, थरूर पर सुनंदा को आत्महत्या के लिए उकसाने के साथ ही उनसे बुरा बर्ताव करने और मारपीट करने जैसे गंभीर आरोप भी लगे थे. वहीं 29 सितंबर, 2014 को पोस्टमार्टम की रिपोर्ट में इस बात का ख़ुलासा हुआ था कि मौत की वजह जहर है. हालांकि कभी इस बात का खुलासा नहीं हो सका कि सुनंदा पुष्कर आखिर किस वजह से खुद अपनी जान की दुश्मन बन गई थी.