एक समय ग़रीबी में जीते थे कादर खान, बच्चों के लिए छोड़ गए है इतने करोड़ की सम्पत्ति।
एक समय सबसे गंदी बस्ती में रहने को विवश था कादर खान का परिवार। जानिए कैसे पहुँचे थे बुलंदियों पर...
बॉलीवुड के दिवंगत अभिनेता कादर खान भले ही अब इस दुनिया में नहीं हो, लेकिन उनकी कलाकारी आज भी लोगों के दिलों में जिंदा है। बता दें कि वे बॉलीवुड के एक दिग्गज़ अभिनेता, डॉयलॉग राइटर और अपनी कॉमेडी के जरिए पूरे देश को हंसाने गुदगुदाने वाले कलाकार थे।
जिनका निधन तो 31 दिसंबर 2018 को हो गया था, लेकिन उनके अभिनय को शायद ही कभी दर्शक भूल पाएं। जी हां लंबी बीमारी के बाद कनाडा के अस्पताल में कादर खान ने 31 दिसंबर 2018 को अंतिम सांस ली थी, लेकिन वह आज भी फैंस के दिलों में राज करते हैं। आइए आज हम कादर खान से जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें आपसे साझा करते हैं। साथ ही आपको यह भी बताएंगे कि अभिनेता कादर खान अपने पीछे बच्चों के लिए कितनी सम्पत्ति छोड़ गए हैं।
बता दें कि बॉलीवुड के दिवंगत अभिनेता कादर खान का बचपन बेहद की मुश्किलों में बीता था। उनके माता-पिता काबुल, अफगानिस्तान के रहने वाले थे। लेकिन जब कादर खान का जन्म हुआ तब उनके माता-पिता उन्हें लेकर भारत आ गए। कादर खान और उनका परिवार मुंबई के कमाठीपुरा में आकर रुका जहां उन्होंने मुंबई की सबसे गंदी बस्ती में किराए पर दो छोटे कमरे लिए।
जी हाँ कादर खान और उनके परिवार की भारत आने की कहानी दिलचस्प काफ़ी ही दिलचस्प है। जिसकी बानगी एक बार साक्षात्कार के दौरान कादर खान ने ही पेश की थी। बता दें कि उस दौरान एक मीडिया हाउस से बात करते हुए कादर खान ने भारत आने की अपनी कहानी बयाँ की थी।
गौरतलब हो कि कादर खान ने साक्षात्कार में बताया था कि उनसे पहले उनके जितने भी भाई बहन हुए काबुल में, सब मर जाते थे। ऐसे में कादर खान की मां को लगता था कि काबुल की हवा उनके बच्चों के लिए सही नहीं है, इसलिए बच्चे मर जा रहे हैं। फ़िर जब कादर खान पैदा हुए तो काबुल छोड़ कई महीनों पैदल चलकर उनका परिवार मुंबई आ गया।
उस इंटरव्यू के दौरान कादर खान ने बताया था कि भारत आकर जहां वो रहते थे। वहां प्रॉस्टिट्यूशन होता था, अपराध का बोलबाला था। इसके अलावा उन्होंने बताया था कि, “मुंबई आने के बाद यहां का जो सबसे गंदा स्लम है, कमाठीपुरा पहली गाली… आज जिसे लोग धारावी बोलते हैं, जो लोग कमाठीपुरा को जानते हैं, वो जानते हैं कि उससे गंदा स्लम पूरे विश्व में नहीं है। हम वहां एक बिल्डिंग में ठहरे। थर्ड फ्लोर पर हमें दो छोटे कमरे मिल गए थे।” इंटरव्यू के दौरान उन्होंने आगे बताया था कि, “इस तरफ प्रॉस्टिट्यूशन, उस तरफ प्रॉस्टिट्यूशन, यहां शराब बनती है, सामने कत्ल होते हैं, दुनिया की कौन सी बुराई थी जो वहां नहीं थी। मैं वहां बड़ा हुआ।”
वहीं यह कम लोगों को ही पता होगा कि कादर खान का परिवार इतना गरीब था कि उन्हें कई कई दिनों तक भूखा रहना पड़ता था। पिता काम करते थे लेकिन उतने पैसे नहीं मिल पाते थे जिससे खाने पीने का इंतजाम हो। ऐसे में तंग आकर उन्होंने कादर खान की मां को छोड़ दिया था। वैसे इलाके में अकेले रहना मुश्किल था इसलिए रिश्तेदारों के दबाव में कादर खान की मां ने दूसरी शादी कर ली। कादर खान के दूसरे पिता भी काम नहीं करते थे इसलिए घर की हालत और खराब हो गई।
वहीं गौरतलब हो कि जब कादर खान 8 साल के थे। तब वे शांति की तलाश में हर रोज कब्रिस्तान में जाकर घंटों बैठते थे। उन्हीं दिनों अभिनेता अशरफ खान अपने नाटक के लिए एक छोटे बच्चे को ढूंढ रहे थे जो पढ़ा लिखा भी हो। कादर खान के बारे में जब उन्हें पता चला कि वह पढ़ने-लिखने वाला संजीदा लड़का है तो वो उनके पीछे कब्रिस्तान तक गए और उनसे पूछा कि क्या वो एक्टिंग करेंगे। कादर खान ने हां कर दिया और वहीं से उनके अभिनय करियर की शुरुआत हो गई। 1973 में आई फिल्म ‘दाग’ से उन्होंने बॉलीवुड में डेब्यू किया था। फ़िर क्या था फ़िल्मी दुनिया मे कदम रखते ही कादर खान के बुरे दिन ढलने शुरू हो गए और इस दुनिया से विदा होते होते कादर खान किस ऊंचाइयों तक पहुँच गए थे। यह तो आप और हम सभी जानते हैं।
बता दें कि एक समय बेहद गरीबी में पलने बढ़ने वाले कादर खान ने करीब 300 फिल्मों में काम किया और सैकड़ों फिल्म के लिए डायलॉग भी लिखे। उसके बाद इस दुनिया से जाते जाते कादर खान अपने परिवार के लिए करोडों की संपत्ति छोड़ गए हैं। एक मीडिया रिपोर्ट की मानें तो कादर खान ने फिल्मों, विज्ञापनों और डायलॉग राइटिंग के जरिए अपनी मेहनत के बलबूते करीब 69.8 करोड़ की संपत्ति बनाई।
कादर खान ने अपने दौर में बॉलीवुड के हर दिग्गज अभिनेता के साथ काम किया और उन्होंने गंभीर भूमिकाएं भी निभाई साथ ही साथ अपनी कॉमेडी के जरिए लोगों को भी हंसाया। कादर खान के डायलॉग आज भी लोगो के ज़ुबान पर है। वो ऐसे अभिनेता थे जिन्हे डायरेक्टर खुद फिल्म हिट होने का श्रेय देते थे। 1973 मे आई फ़िल्म ‘दाग़’ से अपने बॉलीवुड कैरियर की शुरुआत करने वाले कादर खान ने कई हिट फिल्में दी और अपने डायलॉग के जरिए उन्होंने अमिताभ बच्चन को बॉलीवुड का एंग्री यंग मैन बनाया।
इसके अलावा बॉलीवुड अभिनेता गोविंदा ने भी कादर खान के साथ कई फ़िल्मों में काम किया है। उनके निधन की खबर सुनने के बाद गोविंदा ने कहा था कि वो ना सिर्फ मेरे उस्ताद थे बल्कि पिता की तरह थे। मालूम हो कि कादर खान के हाथों में ऐसी कैफियत थी कि वे जिस एक्टर के साथ रहते वही सुपरस्टार बन जाता था। वहीं 11 दिसंबर 1937 को अफगानिस्तान के काबुल में जन्मे कादर खान ने कॉमेडियन, विलन और हर तरह की भूमिका निभा कर फिल्म जगत में अपनी अलग पहचान बनाई थी।
अमिताभ बच्चन का फिल्म ‘अग्निपथ’ में बोला गया मशहूर डायलॉग कादर खान ने ही लिखा था, ” नाम विजय दीनानाथ चौहान, बाप का नाम दीनानाथ चौहान, मां का नाम सुहासिनी चौहान, गांव मांडवा, उम्र 36 साल 9 महीना 8 दिन और यह 16 घंटा चालू है!”